- December 12, 2014
ग्रामीण विकास मंत्रालय : इंदिरा आवास योजना
ग्रामीण विकास मंत्री श्री बीरेन्द्र सिंह ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जानकारी दी कि सभी को वर्ष 2022 तक पक्का मकान मुहैया कराने की सरकारी घोषणा पर विचार करते हुए ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इंदिरा आवास योजना (आईएवाई) को पुनर्गठित करने के लिए आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी है। मकान की इकाई लागत को बढ़ाने, शौचालय को मकान का अभिन्न हिस्सा बनाने और बुनियादी सुविधाओं के लिए संबद्ध योजनाओं के साथ अनिवार्य तालमेल सुनिश्चित करने का प्रस्ताव किया गया है। इसका क्रियान्वयन मिशन मोड में किया जाएगा।
श्री बीरेन्द्र सिंह ने बताया कि 12वीं पंचवर्षीय योजना में आईएवाई के लिए अनुमोदित परिव्यय 59,585 करोड़ रुपये है और 1.5 करोड़ मकानों के निर्माण का वास्तविक लक्ष्य रखा गया है। इसकी तुलना में 12वीं पंचवर्षीय योजना के पहले दो वर्षों के दौरान 22,208 करोड़ रुपये दिए गए हैं और 54.82 लाख मकानों का लक्ष्य रखा गया था। वर्ष 2014-15 के लिए बजट आवंटन 16,000 करोड़ रुपये है और 25.18 लाख मकानों के निर्माण का वास्तविक लक्ष्य रखा गया है। वर्ष 2015-16 के दौरान 30 लाख मकानों तथा 2016-17 के दौरान 35 लाख मकानों का लक्ष्य तय करने का प्रस्ताव किया गया है। योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार, यह सुनिश्चित किया जाता है कि स्वीकृत किए गए मकान पहली किस्त मंजूर किए जाने की तारीख से दो वर्षों के भीतर पूरे कर लिए जाएं। चूंकि लाभार्थी बीपीएल परिवारों के होते हैं और उन्हें मकानों के निर्माण के लिए आवश्यक संसाधन जुटाने में अक्सर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, इसलिए विलंब के मामलों पर नजर रखी जाती है, ताकि अधिकतम तीन वर्षों के अवधि में मकानों का निर्माण कार्य पूरा करने में सहायता की जा सके।
तिमाही आधार पर की जाने वाली पीआरसी की बैठकों, मासिक आधार पर की जाने वाली राज्य समन्वय अधिकारियों की बैठकों, क्षेत्रीय अधिकारियों के दौरों तथा राष्ट्र स्तरीय निगरानीकर्ताओं के दौरों में आईएवाई के कार्यान्वयन की समीक्षा की जाती है। इसके अलावा प्रगति रिपोर्ट एमआईएस पर और मासिक प्रगति रिपोर्ट मंत्रालय में प्राप्त होती है।