सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय : निःशक्तजनों के लिए रोजगार

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय : निःशक्तजनों के लिए रोजगार
सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जन ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी कि निःशक्तजनों को रोजगार मुहैया कराने हेतु नियोजकों को प्रोत्साहन प्रदान करने की योजना वर्ष 2008-09 में शुरू की गई थी। योजना के अंतर्गत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन कार्यालय और कर्मचारी राज्य बीमा निगम को भारत सरकार द्वारा निजी क्षेत्र में 01 अप्रैल, 2008  को अथवा उसके बाद 25,000/-  रुपए मासिक वेतन पर नियोजित निःशक्तजनों के संबंध में प्रथम तीन वर्ष के लिए नियोजक के अंशदान हेतु भुगतान किया जाता है।

30.09.2014 तक नियुक्त किए गए कर्मचारी भविष्य निधि और कर्मचारी राज्य बीमा निगम से लाभान्वित निःशक्तजनों के विवरण अनुबंध (क) और (ख) में दिए गए हैं।

विकलांग व्यक्ति अधिनियम, 1995 के अनुसार निःशक्तजन हेतु नौकरी में आरक्षण का प्रावधान केवल सरकारी/सार्वजनिक क्षेत्र हेतु लागू होता है।

अनुबंध (क)

निजी क्षेत्र में नियोजकों को प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत कर्मचारी भविष्य निधि निःशक्तजन लाभार्थियों की राज्य वार संख्या

क्र.सं.

राज्य

30.09.2014 तक लाभार्थियों की संख्या

01 आंध्र प्रदेश 327
02 छत्तीसगढ़ 01
03 दिल्ली 50
04 गुजरात 280
05 हरियाणा 09
06 कर्नाटक 599
07 केरल 127
08 मध्य प्रदेश 01
09 महाराष्ट्र 132
10 तमिलनाडु 128
11 पश्चिम बंगाल 06
  कुल योग 1533

अनुबंध (ख)

निजी क्षेत्र में नियोजकों को प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत कर्मचारी राज्य बीमा निगम निःशक्तजन लाभार्थियों की राज्य वार संख्या

क्र.सं.

राज्य

30.09.2014 तक लाभार्थियों की संख्या

01 आंध्र प्रदेश 18
02 दिल्ली 127
03 गोवा 01
04 गुजरात 173
05 हरियाणा 13
06 जम्मू एवं कश्मीर 08
07 कर्नाटक 400
08 केरल 108
09 मध्य प्रदेश 02
10 महाराष्ट्र 146
11 ओडिशा 02
12 पुडुचेरी 79
13 पंजाब 04
14 तमिलनाडु 308
15 उत्तर प्रदेश 255
16 पश्चिम बंगाल 07
  कुल योग 1651

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