श्रम एवं रोजगार मंत्रालय : कामगारों हेतु स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय  : कामगारों हेतु स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना
नई दिल्ली  – श्रम और रोजगार मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री बंडारु दत्‍तात्रेय ने आज लोकसभा में एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में यह जानकारी दी कि राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना (आरएसबीवाई) गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले (बीपीएल) परिवारों को स्‍वास्‍थ्‍य बीमा करवरेज प्रदान करने के लिए श्रम और रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आरंभ की गई है। इस योजना के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र के बीपीएल परिवारों (पांच का एकक) को 30,000/- प्रतिवर्ष का स्‍मार्टकार्ड आधारित नकदी रहित स्‍वास्‍थ्‍य बीमा कवर प्रदान किया जाता है।

31 मार्च, 2014 की स्थिति के अनुसार आरएसबीवाई में दस हजार से अधिक पैनलबद्ध अस्‍पताल है और इस योजना के अंतर्गत 3.85 करोड़ से अधिक लाभार्थी परिवार नामंकित हैं।

सरकार का प्रयास है कि राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना (आरएसबीवाई) का विस्‍तार असंगठित क्षेत्र के सभी कामगारों तक चरणबद्ध रूप में किया जाए। कार्यान्‍वयन के दौरान, आरएसबीवाई कवरेज का विस्‍तार बीपीएल परिवारों से इतर, असंगठित कामगारों के अन्‍य विभिन्‍न वर्गों भवन एवं अन्‍य सन्निर्माण कामगार, लाइसेंसधारी रेलवे कुली, फेरीवाले, मनरेगा कामगार (पूर्ववर्ती वित्‍तीय वर्ष के दौरान पंद्रह दिन से अधिक काम कर चुके कामगार), बीडी कामगार, घरेलू कामगार, सफाई कर्मचारी, खान कामगार, रिक्‍शा चालक, कूड़ा बीनने वाले तथा ऑटो/टैक्‍सी चालक तक किया गया है। इस योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए बीमा कंपनियों को सु-परिभाषित मानदंड के आधार पर केन्‍द्रीय रूप से पैनलबद्ध किया गया है।

Related post

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…
पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…

Leave a Reply