• December 9, 2014

एसएमएस हॉस्पिटल : लीवर ट्रांसप्लांट 90 दिन में शुरू

एसएमएस हॉस्पिटल : लीवर ट्रांसप्लांट 90 दिन में  शुरू

जयपुर -प्रदेश आर्गन ट्रांसप्लांट के लिए आवश्यक सभी तैयारियां प्रगति पर हैं। सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में आगामी 90 दिन में लीवर ट्रांसप्लांट प्रांरभ करने के लिए रोड-मेप तैयार कर लिया गया है। आर्गन ट्रांसप्लांट के लिए आवश्यक उपकरणों की खरीद की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी है एवं संबंधित चिकित्सकों व चिकित्साकर्मियों के प्रशिक्षण का कार्य भी यथाशीघ्र प्रारंभ किया जा रहा है।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री राजेंद्र राठौड़ ने सोमवार को सायं स्वास्थ्य भवन में ट्रांसप्लांट कंसलटेंट डॉ.क्रिस्टोफर बेरी एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ आयोजित बैठक में यह जानकारी दी। बैठक में आगामी 2 माह में कैडेवर किडनी ट्रांसप्लांट एवं आगामी 3 माह में कैडेवर लीवर ट्रांसप्लांट का कार्य प्रारंभ करने के लिए तैयार किये गये रोड-मेप पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। प्रांरभ में गैस्ट-फैकल्टी द्वारा आर्गन ट्रांसप्लांट किया जायेगा एवं स्थानीय चिकित्सकों को नियमित प्रशिक्षण उपरांत इस कार्य को निरंतर जारी रखा जायेगा।

श्री राठौड़ ने बताया कि एसएमएस मेडिकल कॉलेज के स्तर पर आर्गन ट्रासप्लांट के लिए आवश्यक कार्याें में समन्वय के लिए डॉ.विनय तोमर को समन्वयक बनाते हुए अलग से इकाई गठित की गयी है, इस इकाई में डॉ. अजय शर्मा एवं डॉ.मनीष शर्मा को सह-समन्वयक बनाया गया है। इकाई में सर्जरी, एनेस्थिसिया, नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी, हिपाटालॉजी, पैथोलॉजी व ब्लड-बैंक के चिकित्सकों को शामिल किया गया है। यह चिकित्सक साप्ताहिक रूप से डॉ. क्रिस बेरी से सम्पर्क कर आवश्यक कार्यवाही करेंगे। डॉ.बेरी इन चिकित्सकों के साथ ही साप्ताहिक कार्यक्रम के अनुसार स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों की ट्रासप्लांट सर्जरी पर कक्षायें भी लेंगे।

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि एसएमएस हॉस्पिटल के स्तर पर आर्गन ट्रासप्लांट कार्याें में प्रशासनिक समन्वय हेतु अतिरिक्त अधीक्षक डॉ.आर.एस.राव को जिम्मेदारी दी गयी है। इसी प्रकार निदेशालय स्तर पर संयुक्त निदेशक डॉ.आर.एल.मीणा को समन्वयक बनाया गया है। उन्होंने बताया कि आर्गन ट्रासप्लांट इकाई के लिए अलग से परियोजना निदेशक की भी नियुक्ति की जायेगी। प्रोजेक्ट फेसिलिटेटर के रूप में श्री दिलीप जैन अपनी सेवाएं देंगे। वेब रजिस्ट्ररी कार्याें हेतु आई.टी.इकाई के ऑपरेटर्स को प्रशिक्षण दिया जायेगा एवं टोल-फ्री नं. 104 पर रोगियों के सवालों के जवाब हेतु कॉल-सेंटर सुविधा भी विकसित की जा रही है।

श्री राठौड़ ने बताया कि एसएमएस हॉस्पिटल में आर्गन ट्रासप्लांट का कार्य करने के लिए इच्छुक चिकित्सकों से आवेदन लेकर उन्हें उच्च प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षण हेतु भेजा जायेगा। मोहन फाउंडेशन-जयपुर सिटीजन फोरम के तत्वावधान में ब्रेन डेथ और अंगदान विषय पर आवश्यक प्रचार-प्रसार एवं सलाहकार सेवाएं सुलभ करवायी जायेंगी। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा लीवर ट्रांसप्लांट के लिए आवश्यक 153 उपकरणों की सूची प्राप्त कर इन उपकरणों की खरीद की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी है। उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए वित्तीय संसाधनों सहित किसी भी संसाधन की किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने दी जायेगी।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि आर्गन ट्रांसप्लांट के लिये राज्य रजिस्ट्री प्रकोष्ठ, एप्रोप्रियेट कमेटी, व एडवाईजरी कमेटी का गठन एवं सलाहकार व नोडल अधिकारी नियुक्त किये जा चुकेे हैं। ऑथराईजेशन ऑथेरिटी एवं ब्रेन डेथ मामलों के लिए प्रमाणन समितियों का गठन किया जा रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आगामी 2 माह में के डेवर किडनी ट्रांसप्लांट एवं 3 माह में लीवर ट्रांसप्लांट का कार्य प्रारंभ करने का हरसंभव प्रयास किया जायेगा।

ट्रांसप्लांट कंसलटेंट डॉ.क्रिस्टोफर बेरी ने कहा कि राज्य सरकार, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री, निदेशालय के अधिकारीगण, एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रबंधन एवं एसएमएस हॉस्पिटल के चिकित्सकों का आर्गनट्रांसप्लांट के लिए समर्पण भाव से कार्य कर रहे हैं एवं निर्धारित कार्य योजना के अनुसार एसएमएस में आगामी 90 दिनों में ही लीवर ट्रांसप्लांट का कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा।

बैठक में प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री जे.सी.महान्ति, राष्ट्रय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक श्री नवीन जैन, संयुक्त सचिव डॉ.एस.पी.सिंह, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुभाष नेपालिया, एसएमएस अधीक्षक डॉ. मानप्रकाश एवं मोहन फाउंडेशन-जयपुर सिटीजन फोरम की श्रीमती ावना जगवानी एवं उनके सहयोगियों सहित एसएमएस मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ चिकित्सकगण मौजूद थे।

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