- December 4, 2014
राष्ट्रीय महिला कोष की 52वीं बैठक :10 लाख महिलाओं की मदद करे: श्रीमती मेनका गांधी
सदस्यों को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि शासकीय मंडल का पुनर्गठन कोष को औऱ अधिक प्रभावी बनाने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय महिला कोष को प्रशिक्षण, मार्केटिंग और वित्तीय सहायता जैसे माध्यमों से महिलाओं की मदद करनी चाहिए। लक्ष्य निर्धारित करते हुए श्रीमती गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय महिला कोष अगले तीन वर्षों में 10 लाख महिलाओं की मदद करे। उन्होंने सदस्यों से एक महीने के अंदर उन राज्यों और समूहों को चिह्नित करने को कहा जहां महिलाओं को कौशल सिखाने और वित्तीय सहायता देने की जरूरत है। राष्ट्रीय महिला कोष को इस क्षेत्र में काम कर रहे सहयोगियों को भी चिह्नित करना चाहिए ताकि अगस्त 2014 में गठित पुनर्गठन समिति के सिफारिशों के अनुसार कोष अपनी पहुंच बढ़ा सके।
कोष के नये सदस्यों ने कहा कि पूरे देश में कई ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा सकता है। कोष द्वारा चलायी जा रही परियोजनाओं को लाभकारी बनाने के लिए उन्हें बाजार से जोड़ने की जरूरत है। सदस्यों ने सुझाव दिया कि समयबद्ध लक्ष्यों का निर्धारण किया जाना चाहिए और स्तरीय संचालन पद्धतियों को अपनाकर कोष को बेहतर प्रबंधन विशेषकर वित्तीय प्रबंधन दिया जा सकता है। कुछ सदस्यों ने सुझाव दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक भारी संख्या में बैंक मित्रों की नियुक्ति कर रहे हैं और यह महिलाओं के लिए रोजगार का सुनहरा मौका है। इसके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी, आर्गेनिक खेती, मोबाईल मरम्मत समेत कई क्षेत्रों में भी काफी संभावनांए हैं। सदस्यों ने सुझाव दिया कि महिलाओं को कंपनियों और फैक्ट्रियों में कौशल विकास और प्रशिक्षण से लिए जोड़ा जा सकता है ताकि उनकी रोजगार की संभावनांए और बढ़ सके।
बैठक के दौरान समीति की रिपोर्ट पर एक प्रजेंटेशन भी दी गयी। बैठक में महिला और बाल विकास सचिव श्री वी.एस ओबेरॉय, संयुक्त सचिव श्री आई.एस चहल, योजना आयोग सलाहकार, कोष के नवनियुक्त सदस्य और अधिकारियों ने भाग लिया।