- December 3, 2014
मोदी लगाम :: भ्रष्टाचार में नौवें पायदान नीचे : 175 देशों की सूची में 85 वें स्थान – ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल इंडिया
नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के सूचकांक में भारत की स्थिति में सुधार हुआ है और यह पिछले साल के 94वें स्थान से नौ पायदान की छलांग लगाकर 175 देशों की सूची में 85वें स्थान पर पहुंच गया है। ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल इंडिया द्वारा आज यहां जारी भ्रष्टाचार अवधारणा सूचकांक-2014 में भारत को 100 में से 38 अंक दिए गए हैं और वह 85वें स्थान पर है।
पिछले साल 36 अंकों के साथ 177 देशों की सूची में वह 94वें स्थान पर रहा था। सूचकांक में कम अंक देश में देश में भ्रष्टाचार के उच्च स्तर को दर्शाता है जबकि अधिक अंक का मतलब भ्रष्टाचार का कम होना है।
सूची में भारत की बेहतर स्थिति के लिए मुख्य रूप से दो आंकड़ों का योगदान रहा है। पहला विश्व आर्थिक फोरम द्वारा भारत का स्कोर बढ़ाना और दूसरा विश्व न्याय परियोजना सूचकांक में भारत की स्थिति में सुधार। भारत की स्थिति के आंकलन के लिए 12 निरपेक्ष आंकड़ों में से नौ प्रशासन एवं कारोबारी माहौल से संबंधित हैं जिनमें मोदी सरकार के गठन के बाद सुधार हुआ है।
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया के कार्यकारी निदेशक आशुतोष कुमार मिश्रा के अनुसार मोदी सरकार विदेशों में स्थित कालेधन की बात कर रही है।
लेकिन उससे पहले उसे भारत में बनने वाले और देश में निवेश के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले काले धन पर ध्यान केंद्रित करना होगा। इससे निपटने के लिए हमें कड़ी भ्रष्टाचार रोधी नीति की जरूरत होगी।
सूची में 92 अंकों के साथ डेनमार्क को पहले पायदान पर रखा गया है। इसके बाद क्रमश: न्यूजीलैंड, फिनलैंड और स्वीडन का स्थान है जबकि नार्वे और स्विट्जरलैंड संयुक्त रूप से पांचवें स्थान पर हैं। अमेरिका 74 अंक के साथ 17वें स्थान पर है।
दक्षिण एशियाई देशों में भारत भूटान (65 अंक के साथ 30वें स्थान) से पीछे है जबकि श्रीलंका (38 अंक) के साथ वह संयुक्त रूप से 85वें स्थान पर है। वहीं नेपाल (29 अंक), पाकिस्तान (29 अंक), बंग्लादेश (25 अंक) और चीन (36 अंक के साथ 100वें स्थान पर) भारत से पीछे हैं।