• November 29, 2014

राजस्थान में देशभर के लिए ‘मॉडल और मार्गदर्शी’ विद्यालय बने – शिक्षा राज्य मंत्री

राजस्थान में देशभर के लिए ‘मॉडल और मार्गदर्शी’ विद्यालय बने  – शिक्षा राज्य मंत्री
क        प्रयास करें कि निजी की बजाय सरकारी विद्यालयों में पढ़ाने की मचे हौड़
क        निरीक्षण की सुदृढ़ प्रणाली बनाए जाने पर दिया जोर
क        गुणवत्ता सुधार के लिए जिलेवार होगी समीक्षा बैठकें
क        जिलेवार विद्यालयों का बनाया जाएगा डाटाबेस

जयपुर – शिक्षा राज्य मंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि राज्य के सरकारी विद्यालयों को इस रूप में विकसित किया जाए कि आम जन निजी की बजाय सरकारी विद्यालयों में अपने बच्चों को प्रवेश के लिए उत्सुक रहें। उन्होंने इस सबंध में प्रदेश के विद्यालयों को देशभर के लिए ‘मॉडल और मार्गदर्शीÓ बनाए जाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि सभी मिलकर प्रयास करेंगे तो यह कोई असंभव नहीं है।

श्री देवनानी आज यहां शिक्षा संकुल में राज्य के जिला शिक्षा अधिकारियों की बुलाई गई विशेष समीक्षा बैठक में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी पंचायत मुख्यालयों पर कम से कम एक आदर्श विद्यालय का चिन्हिकरण शिक्षा अधिकारी करें। उसे कैसे और किस प्रकार से विकसित किया जाना है, इस संबंध में आगामी 15 दिसम्बर तक विभाग को सूचना मिल जाए। उन्होंने बोर्ड परीक्षा परिणामों में सरकारी विद्यालयों की स्थिति पर नाराजगी जताते हुए कहा कि विद्यालय में शिक्षा में गुणवत्ता सें संबंधित किसी भी प्रकार की कमी है तो अधिकारी उसे त्वरित ठीक करने के लिए प्रयास प्रारंभ कर दें। शिक्षक विद्यालयों में पढ़ाई कराने के लिए अपने आपको समय के अनुसार तैयार करें। अच्छे परिणाम आएंगे तो उन्हें शीघ्र पदोन्नति और दूसरे लाभ मिलेगें परन्तु खराब परिणाम पर कठोर कार्यवाही भी करने में कोई कसर नहीं रखी जाएगी।

निरीक्षण की सुदृढ़ प्रणाली विकसित हो

शिक्षा राज्य मंत्री ने शिक्षा अधिकारियों को प्रदेश में विद्यालयों के निरीक्षण की सुदृढ प्रणाली विकसित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारी किसी विद्यालय का निरीक्षण करें तो वह औपचारिकता भर नहीं हो, उसका परिणाम भी बाद में दिखना चाहिए। कमी कोई है तो उसको दुरस्त जब तक नहीं किया जाएगा, निरीक्षण का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने विद्यालयों और जिला कार्यालयों में कार्यरत संस्थापन क्लर्क को 2-3 साल में लेने के अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार की किसी भी शिकायत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कहीं किसी प्रकार की मनमानी की शिकायत पायी गई तो उस पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने साफ कहा कि किसी स्तर पर यदि भ्रष्टाचार की कोई शिकायत आती है तो उससे संबंधित उस व्यक्ति ही नहीं बल्कि उससे जुड़े तमाम लोगों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

प्रयास हो कि सरकारी विद्यालयों में प्रवेश बढ़े

श्री देवनानी ने कहा कि शिक्षा अधिकारी इस बात के लिए प्रयास करें कि सरकारी विद्यालयों में प्रवेश बढ़े।

वहां पर गुणवत्ता की शिक्षा विद्यार्थियों को दी जाए। हम सभी मिलकर यह प्रयास करें कि प्रदेश का एक भी स्कूल शौचालय विहीन नहीं रहे तथा वहां पढ़ाई के माकूल इन्तजाम हों। वातावरण ऐसा बने कि लोग अपने बच्चों को निजी की बजाय सरकारी विद्यालय में दाखिला दिलाने के लिए हौड़ करें। उन्होंने नामांकन के साथ विद्यालयों में निर्माण कार्य, वहां के माहौल पर भी विशेष ध्यान दिए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की अनुमति के बगैर मनमर्जी से किए जाने वाले प्रतिनियुक्ति वाले मामलों को भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसी भी सूरत में कोई विद्यालय स्टाफ के अभाव में कहीं बंद नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कक्षा एक से 12 तक के वे विद्यालय जहां शून्य या 30 से कम विद्यार्थी हैं, उन्हें पास के स्कूल में मर्ज किया जाएगा।

गुणवत्ता सुधार के लिए जिलेवार बैठक

शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि वह प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए सभी जिलों में स्वयं जांएगे। उन्होंने कहा कि वह स्वयं माह में एक दिन एक जिले की बैठक उसी जिले में ही लेने का प्रयास आगामी दिनों में करेंगे ताकि स्थानीय स्तर की किसी भी समस्या को वहीं का वहीं निपटा दिया जाए।

विद्यालयों के विकास के लिए 4 हजार करोड़ रुपये होंगे खर्च

श्री देवनानी ने बताया कि प्रदेश के स्कूलों को बेहतरीन करने के लिए आगामी वर्षों में 4 हजार करोड़ रूपये खर्च किए जाएंगे। राज्य सरकार चाहती है कि प्रदेश के विद्यालय देशभर में आदर्श के रूप में पहचाने जाएं। उन्होंने कहा कि विद्यालयों विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए 800 करोड़ की योजना पर कार्य किया जा रहा है। जल्द ही इसके परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि विकास के कार्य आंकड़ों में नहीं व्यवहार में होने चाहिए। शिक्षा अधिकारी इसे प्रभावी रूप में सुनिश्चित करें। स्कूलों में स्थानान्तरण, पदोन्नति के अलावा कोई भी अन्य प्रकरण हों, उनका समयबद्घ निस्तारण किया जाए।

शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि अच्छे कार्य यदि शिक्षा में कोई करता है तो उसे पुरस्कृत किया जाएगा परन्तु कार्य में लापरवाही अथवा कोताही करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा अधिकारियों के रिक्त पदों को भरने के लिए पदोन्नतियों का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। जल्द ही डीईओ और डीडी के रिक्त पदों को पदोन्नति से भर दिया जाएगा।

जिलेवार विद्यालयों का डाटाबेस बने

शिक्षा राज्यमंत्री ने अधिकारियों को जिलेवार विद्यालयों का डेटाबेस बनाने के भी निर्देश दिए हैं। डेटाबेस के अंतर्गत संस्था प्रधान का मोबाईल, ई-मेल, टेलीफोन आदि के साथ ही विद्यालय से संबंधित अन्य सूचनाओं का संग्रहण किया जाएगा। उन्होंने शिक्षा मंत्री स्तर पर मांगी जाने वाली सूचनाओं को ई-मेल के जरिए त्वरित भेजे जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के इस दौर में सूचनाअेां के आदान-प्रदान में किसी भी प्रकार की ढि़लाई नहीं होनी चाहिए। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों को गति से कार्य किए जाने और शिक्षा में गुणवत्ता के सबंध में बेहतरीन परिणाम दिए जाने के लिए प्रतिबद्घ होकर कार्य करने पर जोर दिया।

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