- November 17, 2014
विधान सभा चुनाव 2014 : जम्मू कश्मीर में भाजपा के 40 फीसदी मुस्लिम उम्मीदवार
सांप्रदायिक होने के तमगे को उतार फेंकने का प्रयास कर रही भाजपा ने जम्मू कश्मीर में सत्ता में आने की खातिर अपने महत्वाकांक्षी मिशन 44 प्लस के तहत विधानसभा चुनाव में करीब 40 फीसदी मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है।
भाजपा राज्य विधानसभा की 87 सीटों में 70 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ रही है और उसने 32 मुस्लिम उम्मीदवारों को खड़ा किया है। कश्मीर घाटी में भगवा पार्टी ने 25 मुस्लिमों को टिकट दिया है। जम्मू में पार्टी ने छह और लददाख में एक मुस्लिम उम्मीदवार को उतारा है।
कश्मीर घाटी में भाजपा ने चार कश्मीरी पंडितों तथा एक सिख नेता को भी उम्मीदवार बनाया है। रणनीतिक कदम के तहत भाजपा ने लद्दाख क्षेत्र में तीन बौद्धों को भी टिकट दिए हैं। जम्मू कश्मीर के भाजपा के प्रभारी तथा सांसद अविनाश राय खन्ना ने बताया कि भाजपा कश्मीर घाटी में अछूत नहीं है। हमारी रैलियों में घाटी में लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए हैं क्योंकि वे भाजपा को नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी के विकल्प के रूप में देख रहे हैं जो कश्मीर पर राज करने वाले दो महत्वपूर्ण खानदान हैं।
भाजपा मई में हुए लोकसभा के आम चुनावों में मिली सफलता में कुछ सुधार की उम्मीद लगा रही है जब उसने राज्य में छह में से तीन सीटें जीती थीं। बाकी तीन सीटें पीडीपी के खाते में गयीं जबकि नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन का सफाया हो गया। भाजपा देश के एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त करने जैसे विवादास्पद मुद्दों के बजाय शांति तथा विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
पार्टी ने अनुच्छेद 370 के मुददे को एक प्रकार से चुनावी खांचे से बाहर ही रखा है और कहा है कि वह केवल वही करेगी जो प्रदेश की जनता चाहती है। भाजपा का 2014 के राज्य विधानसभा चुनाव में एक ही चुनावी नारा है और वह है जम्मू कश्मीर को शासक परिवारों तथा भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाना है। साथ ही भाजपा बेहतर प्रशासन और विकास का वादा कर रही है।
कश्मीर घाटी में रैलियों और रोड शो की अगुवाई करने वाले खन्ना मिशन 44 प्लस के पूरा होने को लेकर आशावान हैं। उन्होंने कहा कि गंदरबल और कंगन में रैलियों के दौरान मोदी की लोकप्रियता स्पष्ट दिख रही थी। 2008 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कुल 60 उम्मीदवारों में से 24 मुस्लिम उम्मीदवारों तथा सात कश्मीरी पंडितों को टिकट दिया था और 11 सीटों पर जीत हासिल की थी। 2002 में भाजपा ने 17 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिए थे और कुल 58 सीटों में से केवल एक सीट जीती थी।