• November 15, 2014

यौन शौषण प्रकरण तथा प्रताडना, अपंजिकृत बाल गृह – सरकार अत्यन्त गम्भीर

यौन शौषण प्रकरण तथा प्रताडना, अपंजिकृत बाल गृह – सरकार अत्यन्त गम्भीर

जयपुर – राजसमंद जिले के थुरावड गांव की भागलथाली के तालाब बस्ती में एक महिला के साथ दुव्र्यवहार तथा प्रताडना के प्रकरण तथा जयपुर नगर में अपंजीकृत बाल गृह (मर्सी होम) में बालिकाओं के साथ हुए यौन शौषण तथा दुव्र्यवहार की घटनाओ को राज्य सरकार द्वारा अत्यन्त गम्भीरता से लेते हुये शुक्रवार को मुख्य सचिव श्री सी.एस. राजन की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह, श्री ए.मुखोपाध्याय, महानिदेशक पुलिस श्री ओमेन्द्र भारद्वाज, प्रमुख शासन सचिव ग्रामीण विकास  श्री श्रीमत पाण्डे, राजस्व सचिव श्री आलोक, पुलिस कमिश्नर श्री जंगा श्रीनिवास राव, निदेशक बाल अधिकारिता विभाग, जिला कलेक्टर जयपुर तथा राजसंमद एवं पुलिस उपायुक्त पश्चिम जयपुर तथा पुलिस अधीक्षक राजसंमद उपस्थित थे।

जयपुर में बाल गृह मर्सी होम, झोटवाडा प्रकरण की समीक्षा करने पर स्पष्ट हुआ कि उक्त मर्सी होम एक अपंजीकृत सस्था हैं जिसमें अनुसंधान के आधार पर छात्राओं के साथ यौन शोषण एवं दुव्र्यवहार की घटना पूर्णतया प्रमाणित पाई गई तथा पुलिस द्वारा इस सम्बन्ध में त्वरित कार्यवाही करते हुए मर्सी होम के संचालक पेस्टर जॉन्सन चाको तथा उसकी पत्नी लिली कुट्टी के विरूद्घ दुष्कर्म, यौनशोषण एवं दुव्र्यवहार आदि आरोप पूर्णत प्रमाणित पाये जाने पर धारा 376,354,120बी भा.द.स. एवं धारा 3,4,16 एव 17 पोक्सो एक्ट 2012 तहत दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार अभियुक्त जॉन्सन चाको का पुलिस अभिरक्षा रिमान्ड लिया जा कर अग्रिम अनुसंधान जारी है तथा लिली कुट्टी को न्यायिक अभिरक्षा में सेन्ट्रल जेल, जयपुर भिजवाया गया।

इस प्रकार भागलथाली के तालाब, राजसंमद जिले की घटना की समीक्षा करने पर पाया गया कि उक्त गांव में 8 नवम्बर,2014 को महिला उत्पीडन व दुव्र्यवहार की घटना अनुसंधान से प्रमाणित है। इस सम्बन्ध में जिला पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए 33 अभियुक्तों को धारा 452,323,354बी,342,382,386,387 तथा 143 भा.द.स. के अन्र्तगत गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके साथ-साथ अभियुक्तों को समर्थन देने तथा पुलिस कार्यवाही के दौरान शांति भंग करने के आरोप में 9 और अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया।

इस प्रकार इस प्रकरण में 42 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। साथ ही पुलिस अधीक्षक राजसंमद द्वारा बीट कास्टेबल, लिंक बीट कास्टेबल, बीट प्रभारी, थाना स्तरीय आसूचना अधिकारी तथा थानाधिकारी चारभुजा सहित कुल पांच पुलिस कर्मचारियों व अधिकारियों को कर्तव्य-विमुखता तथा सुचना ना देने तथा आवश्यक कार्यवाही में विफल रहने के आरोप में निलम्बित कर विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी गई है।

इसी प्रकार उपखण्ड अधिकारी कुम्भलगढ द्वारा थुरावड पटवार मण्डल के पटवारी, सचिव, राजकीय प्राथमिक विधालय के प्रधानाध्यापक, ग्राम पंचायत की आंगनबाडी़ कार्यकर्ता तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की जीएनएम को इस गम्भीर घटना की जिला प्रशासन को सूचना नहीं देने कें आरोप में निलम्बित कर दिया गया। राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में ग्राम पंचायत थुरावड़ की सरपंच, उप सरपंच तथा दो वार्ड पंचों को भी निलम्बित कर दिया है।

इस सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा पीडिता महिला को एक लाख रुपये मुआवजा श्रीमती किरण माहेश्वरी, मंत्री, जन स्वास्थ अभियान्त्रिकी विभाग द्वारा उसके घर जाकर प्रदान किया गया।

राज्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृति को रोकने के लिए समीक्षा बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि राज्य सरकार के विभिन्न विभागों तथा एजेंसियों को समाज में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृति न हो, इस सम्बन्ध में जागरूकता पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। राज्य सरकार से मानदेय प्राप्त करने वाली साथिन, प्रचेता, विभिन्न गैर राजकीय तथा स्वैच्छिक सस्थाएं, महिला एवं बाल विकास विभाग, समाज कल्याण, शिक्षा विभाग एवं जिला प्रशासन को इन सम्बन्ध में समन्वित एवं एकीकृत प्रयास करने के निर्देश दिये गये।

गोष्ठी में यह भी निर्णय लिया गया कि इस सम्बन्ध में पूर्व से कार्यरत ”बाल कल्याण समिति’ एक व्यापक सर्वे करके अवैधानिक, अपंजीकृत तथा अनियमित बालगृहों को चिन्हित करेगी तथा उनके विरूद्घ विधिक कार्यवाही की जायेगी। प्रथम चरण में बालिकाओं को आवास व्यवस्था प्रदान करने वाली संस्थाओं का सर्वे तीन दिन में पूरा करा लिया जायेगा। बाल कल्याण समिति इस सम्बन्ध में युनिसेफ के सहयोग से एक विशेष हैल्प लाईन सम्पूर्ण प्रदेश में प्रारम्भ करेगी तथा इसके स्थापित होने तक 14 जिलों में कार्यरत चाईल्ड हैल्प लाईन तथा अन्य जिलों में जिला कलेक्टर के माध्यम से हैल्प लाईन की व्यवस्था की जायेगी।

इस संबंध में यह भी निर्देश दिये गये कि समस्त विभाग यह सुनिश्चित करेंगे कि ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थापित अधिकारी व कर्मचारी अपने मुख्यालय पर उपस्थित रहेंगे ताकि इस प्रकार की घटनाओं की सूचना जिला मुख्यालयों पर अविलम्ब पहुंच सके।

महानिदेशक पुलिस श्री ओमेन्द्र भारद्वाज ने बताया कि इस सम्बन्ध में सम्पूर्ण राज्य में एक विशेष अभियान चला कर राज्य में चल रहे विभिन्न बाल गृह, बाल सुधार गृह, अनाथालय तथा इस प्रकार की अन्य संस्थाओं की जॉच करने के लिए सम्बन्धित थानाधिकारी एवं बीट कास्टेबलों को भी निर्देश दिये गये है। यह सूचना पुलिस विभाग द्वारा बाल अधिकारिता विभाग/जिला प्रशासन को दी जायेगी जो नियमानुसार अग्रिम कार्यवाही करेगे।

मुख्य सचिव द्वारा बाल अधिकारिता विभाग को यह भी निर्देश दिये गये कि बाल गृहों के अतिरिक्त प्रथम चरण में 6 से 14 वर्ष की बालिकाएं जो सरकारी एवं गैरसरकारी छात्रावासों में रह रही है, विभाग यह सुनिश्चित करे कि यह बालिकाएं सुरक्षित एवं सम्मान- जनक तरीके से हैं या नहीं। इसी प्रकार जिन सस्थाओं द्वारा बाल गृह संचालन हेतु प्रार्थना पत्र दिये जाते है उनके संचालक मण्डल व कार्मिकों का बिना पुलिस वैरिफिकेशन करवाये बाल गृहों की अनुमति ना दे।

समीक्षा बैठक में यह भी निर्णय लिया कि पीडि़त बालिकाओं को राजस्थान पीडि़त प्रतिकार योजना के अन्तर्गत मुआवजा दिलाने की अविलम्ब कार्यवाही की जाय।

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