अय्यर न्याय-व्यवस्था, मानव अधिकार के संरक्षक और विचाराधीन न्याय के ऋषि हैं

अय्यर न्याय-व्यवस्था, मानव अधिकार के संरक्षक और विचाराधीन न्याय के ऋषि हैं

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जस्टिस कृष्णा अय्यर न्याय-व्यवस्था, मानव अधिकार के संरक्षक और विचाराधीन न्याय के ऋषि हैं। श्री अय्यर ने हमेशा गरीबों के कल्याण और उनको न्याय देने में आ रही बाधा को दूर करने का कार्य किया है। श्री चौहान ने श्री कृष्णा अय्यर द्वारा न्याय व्यवस्था को बनाये रखने के लिये अभूतपूर्व योगदान देने की सराहना की।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज नई दिल्ली में जस्टिस कृष्णा अय्यर फ्री लीगल एंड सेल और केपिटल फाउण्डेशन सोसायटी द्वारा आयोजित 100वें जन्म-दिवस समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। समारोह में हरियाणा के राज्यपाल श्री कप्तान सिंह सोलंकी, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश श्री ए.के. सीकरी, सांसद सुश्री मीनाक्षी लेखी सहित अन्य कई न्याय व्यवस्था से जुड़ी हस्तियों ने जस्टिस कृष्णा अय्यर के बारे में अपने विचार व्यक्त किए।

श्री चौहान ने कहा कि सामाजिक न्याय व्यवस्था समाज के विकास की एक अहम कड़ी है। उन्होंने कहा कि हमारा दायित्व है कि समाज के हर वर्ग को उचित न्याय और हक समय पर मिले। श्री चौहान ने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न वर्ग की जन-कल्याणकारी योजनाओं की बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सरकार जन-कल्याण के लिए कटिबद्ध है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने विभिन्न वर्ग की पंचायत बुलाकर और उनसे सुझाव एकत्रित कर योजना बनाईं। हाल ही में सीएम हेल्पलाइन शुरू कर लोगों की समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि समाज के हर वर्ग को रोटी, कपड़ा और मकान के साथ पढ़ाई-लिखाई एवं दवा की व्यवस्था मध्यप्रदेश सरकार बखूबी कर रही है।

Related post

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…
पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…

Leave a Reply