- November 7, 2014
भारत और भूटान के बीच ‘आदर्श संबंध’ – राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
नई दिल्ली : भारत और भूटान के संबंधों को ‘आदर्श संबंध’ करार देते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को कहा कि आपसी विश्वास और भरोसा ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने में मदद की है।
भूटान की अपनी दो दिवसीय यात्रा से पहले भूटान ब्रॉडकास्टिंग सर्विस को दिये इंटरव्यू में मुखर्जी ने कहा कि भारत भूटान के आर्थिक विकास में उसकी सहायता करता रहेगा क्योंकि भूटान भारत के लिए ‘खास’ है। उन्होंने कहा कि भारत ने भूटान को पिछले साल 300 करोड़ रुपये दिये थे और विकास कार्यों के उद्देश्य से इस साल 900 करोड़ रुपये दिये जा चुके हैं तथा आने वाले समय में और आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
आर्थिक सहायता के रास्ते में आने वाली नौकरशाही संबंधी दिक्कतों का जिक्र करते हुए मुखर्जी ने कहा, ‘हमें कुछ वित्तीय नियमों और शतोर्ं का पालन करना होता है। इन नियमों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि धन उचित तरीके से दिया जाए और उसका उचित तरीके से इस्तेमाल हो ताकि परियोजनाओं को लागू करने में देरी नहीं हो।’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘भारत-भूटान संबंध पड़ोसी देशों के बीच एक आदर्श रिश्ता है।’
मुखर्जी ने कहा कि भूटान में लोकतंत्र की जड़ें गहरी हैं और भूटान के तकरीबन 75 फीसदी छात्र भारत में अध्ययन कर रहे हैं। संयुक्त विकास परियोजनाओं के संबंध में राष्ट्रपति ने कहा कि जलविद्युत क्षेत्र समेत इन परियोजनाओं ने हमें और करीब लाया है।
राष्ट्रपति शुक्रवार को भूटान रवाना होंगे। उससे पहले उन्होंने साक्षात्कार में कहा, ‘मुझे भूटान के राज परिवार से व्यक्तिगत रिश्ते रखने का सौभाग्य प्राप्त है। हमारा भूटान से ऐसा रिश्ता है जिसकी किसी दूसरे से तुलना नहीं की जा सकती। भूटान भारत के लिए खास है।’
उन्होंने कहा, ‘भूटान के साथ हमारे सहयोग और हमारे करीबी संबंधों, हमारी साझा सुरक्षा, हमारी जनता की मदद करने की साझा पहल, एक दूसरे से अनुभव, संसाधन और विशेषज्ञता साझा करने के समान उद्देश्यों ने हमारे रिश्ते को विशिष्ट पहचान दिलाई है। हम बिना किसी शर्त के भूटान की विकास परियेाजनाओं में भागीदार बन रहे हैं।’