स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों से कहा कि स्‍वच्‍छ भारत की अवधारणा को बनाए रखें -डॉ. हर्षवर्धन

स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों से कहा कि स्‍वच्‍छ भारत की अवधारणा को बनाए रखें -डॉ. हर्षवर्धन

नई दिल्ली  -केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज यहां कहा कि राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एश्‍योरेन्‍स मिशन (एनएचएएम) के तहत सरकार समग्र गुणवत्‍तापरक मानकों तथा उपभोक्‍ताओं की सुरक्षा पर नजर रखने के लिए एक विनियामक प्राधिकरण संस्‍था बनाएगी, जिसके पास समस्‍त अधिकार होंगे।

एनएचएएम स्‍वास्‍थ्‍य की पहुंच के मामले में वृहद आकार का होगा तथा सार्वभौमिक स्‍वास्‍थ्‍य बीमा इसमें एक सुदृढ़ घटक होगा। जहां एक ओर भारत संख्‍या के मामले में नए युग में प्रवेश करेगा, वहीं दूसरी ओर गुणवत्‍ता से भी कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए। सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य में गुणवत्‍ता पर स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कहा कि गुणवत्‍ता और संख्‍या दोनों ही परस्‍पर बने रहने चाहिए।

डॉ. हर्षवर्धन ने यह खुलासा किया कि प्रो. रंजीत राय चौधरी की अध्‍यक्षता वाले विशेषज्ञ निकाय ने यह सिफारिश की है कि यदि लोगों को सुविधाएं प्रदान करने में कमियां रहती हैं तो एनएचएएम को इसके लिए जवाबदेह बनाना चाहिए। यही कारण है कि उपभोक्‍ता सुरक्षा का सिद्धांत लागू किया जाएगा। मंत्री महोदय ने यह बताया कि सुरक्षा, कार्यसाधकता तथा सकारात्‍मक रोगी अनुभव का प्रमुख स्‍थान रहेगा।

उन्‍होंने कहा, ‘निजी सुविधा की पहचान विश्‍वसनीयता भरी और किसी सरकारी सुविधा की पहचान सुस्‍ती एवं लापरवाही भरी क्‍यों होनी चाहिए? अब नई संस्‍कृति को अपनाने का वक्‍त आ गया है। मैं यह चाहता हूं कि जब एनएचएएम पर अगले साल अमल होगा तो पारदर्शिता, दक्षता, करुणा की भावना और जवाबदेही जन स्‍वास्‍थ्‍य प्रणाली के प्रमुख आधार स्‍तंभ बनें।’

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