- October 28, 2014
टीबी से लड़ने के लिए वैश्विक आह्वान – केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन चले बार्सिलोना
अंग प्रत्यारोपण विधि हस्तांतरण पर स्पेन के साथ महत्वपूर्ण समझौते की आशा
नई दिल्ली – केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्ध स्पेन के बार्सिलोना के लिए रवाना हुए। डॉ. हर्षवर्धन वहां तपेदिक (टीबी) पर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा आयोजित गोष्ठी में प्रमुख भाषण देंगे। इस संगोष्ठी का विषय है “मूविंग आउट ऑफ द बॉक्स टु एंड टीबी इपेडिमिकः विथ पोस्ट- 2015 स्ट्रैटेजी”।
अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों के समक्ष डॉ. हर्षवर्धन विश्व की सबसे बड़ी जानलेवा बीमारी तपेदिक से निपटने में सामुदायिक प्रयासों के महत्व पर जोर देंगे। भारत में तपेदिक रोग के मरीजों की संख्या काफी अधिक है। भारत की एक लाख की आबादी पर 230 व्यक्ति तपेदिक के शिकार हैं।
स्पेन में अपने चार दिन के प्रवास के दौरान स्वास्थ्य मंत्री फेफड़े पर 45वें विश्व सम्मेलन के प्रतिनिधियों को भी संबोधित करेंगे। डॉ. हर्षवर्धन स्टॉप टीबी पाटनरशिप एंड रिजल्टस के प्रतिनिधियों के साथ दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्री श्री एरन मोत्सोआलेदी से मुलाकात करेंगे। डॉ. हर्षवर्धन श्री मोत्सोआलेदी के साथ ब्रिक्स मंच की उच्चस्तरीय बैठक की सह अध्यक्षता करेंगे।
डॉ. हर्षवर्धन की स्पेन यात्रा के दौरान स्पेन के साथ अंगदान के बारे में जानकारी साझा करने पर सहमति पत्र पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। स्पेन में अंगदान करने की दर सबसे अधिक है। एक दिन की मैड्रिड यात्रा में डॉ. हर्षवर्धन स्पेन की स्वास्थ्य मंत्री सुश्री एनामाटो से मुलाकात करेंगे।
बार्सेलोना रवाना होने से पहले डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि मैं स्पेन यात्रा के प्रति आश्वान्वित हूं क्योंकि मैंने तपेदिक खत्म करने तथा 2015 तक मिलेनियम विकास लक्ष्य पूरा करने की चुनौती के लिए मंत्रालय को सक्रिय कर दिया है।
उन्होंने कहा कि वह भारत सहित विश्व के सभी हिस्सों में तपेदिक बीमारी का मुकाबला करने के लिए सामुदायिक कार्रवाई की रणनीति तैयार करने की आवश्यकता पर ध्यान आकृष्ट करेंगे। उन्होंने कहा कि तपेदिक मामलों की अधिसूचना आवश्यक बनाने, टीबी के लक्ष्ण जांच के लिए वाणिज्यिक सैरोलॉजिकल परीक्षण पर पाबंदी, वेब आधारित अधिसूचना, मामलों का पता लगाने और टीबी की दवाओं की खुले बाजार में बिक्री पर प्रतिबंध तथा दवाओं के अनुचित इस्तेमाल पर पाबंदी जैसी बातों की ओर अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों का ध्यान गया है।
स्वास्थ्य मंत्री की यात्रा का एक महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि वह विश्व स्वास्थ्य संगठन के मंच से ई-सिगरेट की मार्किटिंग और ई-सिगरेट के उपभोग पर भारत का स्पष्ट विरोध दर्ज करायेंगे क्योंकि अनुसंधान से यह तथ्य उभरा है कि इससे अधिक से अधिक लोग तंबाकू के व्यसन का शिकार होते हैं।
तंबाकू नियंत्रण पर विश्व के विशेषज्ञों के समक्ष अपने आधे घंटे के संबोधन में डॉ. हर्षवर्धन कथित ‘इलेक्ट्रॉनिक निकोटिन डिलेवरी प्रणाली’ या ई-सिगरेट पर पाबंदी की आवश्यकता पर जोर देंगे। इस बैठक में 125 देशों के लगभग तीन हजार प्रतिनिधि भाग लेंगे। परंपरागत रूप से यह मंच विशेषज्ञों को अनुभव साझा करने तथा सामुहिक अभियान शुरू करने का अवसर देता है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने पहले ही तंबाकू उत्पादों पर अधिक से अधिक कर वृद्धि की वकालत करके अंतर्राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया है। यह वृद्धि केन्द्रीय बजट 2014-15 में भी दिखी है। वास्तव में इस गोष्टी के कार्यक्रम में “भारत में तंबाकू उपभोग पर सिगरेट टैक्स वृद्धि के प्रभाव” को भी शामिल किये जाने की संभावना है। भारत के एजेंडे में अंगदान भी शामिल है। स्वास्थ्य मंत्री बृहस्पतिवार को स्पेन की राजधानी मैड्रिड में अंगदान पर स्पेन के स्वास्थ्य, सामाजिक सेवा तथा समानता मंत्रालय के राष्ट्रीय प्रत्यारोपण संगठन के साथ समझौते की संभावना पर भी विचार-विमर्श करेंगे।