• March 4, 2025

राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक

राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक
PIB Delhi—-_— केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत के साथ राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक में पुलिस, जेल, कोर्ट, अभियोजन और फॉरेन्सिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई।
बैठक में केन्द्रीय गृह सचिव, गोवा के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (BPR&D) के महानिदेशक, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड  ब्यूरो (NCRB) के निदेशक सहित गृह मंत्रालय और गोवा सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

बैठक में चर्चा के दौरान केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में लाए गए तीन नए आपराधिक कानूनों की प्राथमिकता त्वरित न्याय सुनिश्चित करना है। गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि तीन नए आपराधिक कानूनों के अमल के मामले में गोवा देश में आदर्श राज्य बने।

श्री अमित शाह ने कहा कि त्वरित न्याय दिलाने के लिए जांच और अभियोजन में समययसीमा का सख्ती से पालन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि 7 वर्ष से अधिक सज़ा के प्रावधान वाले अपराधों में दोषसिद्धि के प्रमाण को 90 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य रखने की आवश्यकता है।

गृह मंत्री ने ई-साक्ष्य पर सभी जांच अधिकारियों के रजिस्ट्रेशन की ज़रूरत पर बल दिया। उन्होंने गोवा में ई-समन को 31 मार्च, 2025 तक पूरी तरह लागू करने का निर्देश दिया।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने एक बार फिर इस बात पर जोर दिया कि संगठित अपराध, आतंकवाद और मॉब लिंचिंग के मामलों की वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नियमित मॉनिटरिंग करें ताकि इन अपराधों से जुड़ी धाराओं का दुरुपयोग न हो। इन मामलों से जुड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज करने से पहले पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी से अनुमति ली जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि पुलिस को अपराधियों के पास से बरामद की गई संपत्ति को नए आपराधिक कानूनों के प्रावधानों के अनुसार उसके असली हकदार को लौटाने की व्यवस्था करनी चाहिए।

श्री अमित शाह ने कहा कि फॉरेन्सिक नमूनों की जांच को शत-प्रतिशत तक लाने के लिए सख्ती से काम करें। उन्होंने कहा कि गोवा के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक तीन नए कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की निरंतर समीक्षा करें।

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