- December 28, 2022
जलवायु परिवर्तन रोधी सीवेज संग्रह एवं शोधन, और जल निकासी व जल आपूर्ति
तमिलनाडु शहरी प्रमुख निवेश कार्यक्रम के लिए तीसरी किस्त वाले ऋण समझौते पर भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के अपर सचिव श्री रजत कुमार मिश्रा ने और एडीबी की ओर से एडीबी के भारत निवासी मिशन के प्रभारी अधिकारी श्री हो यून जियोंग ने हस्ताक्षर किए।
यह वित्त पोषण दरअसल इस राज्य के 10 शहरों में स्थित रणनीतिक औद्योगिक गलियारों में प्राथमिकता के साथ जलापूर्ति, सीवरेज, और जल निकासी अवसंरचना के निर्माण के लिए वर्ष 2018 में एडीबी द्वारा स्वीकृत इस कार्यक्रम के लिए 500 मिलियन डॉलर की बहु-किस्त वित्तपोषण सुविधा (एमएफएफ) की तीसरी और अंतिम किस्त है। तीसरी किस्त वाले ऋण समझौते के तहत कोयम्बटूर, मदुरै, और थूथुकुडी को कवर किया गया है।
ऋण समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद श्री मिश्रा ने कहा कि एडीबी द्वारा वित्त पोषण करने से इस परियोजना के लक्षित क्षेत्रों में रहने वाले सभी लोगों तक बुनियादी जल एवं स्वच्छता सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने और बाढ़ की समस्या से बेहतर ढंग से निपटने में मदद मिलेगी जो कि तमिलनाडु के औद्योगिक केंद्र भी हैं।
श्री जियोंग ने कहा, ‘इस परियोजना के माध्यम से एडीबी ने अभिनव तौर-तरीकों को विकसित एवं संचालित करने, थोक जल उपयोगकर्ताओं के लिए स्वचालित मीटर लगवाने, और पर्यवेक्षी नियंत्रण एवं डेटा अधिग्रहण प्रणालियों के जरिए वास्तविक समय में निगरानी करने जैसे नए दृष्टिकोणों पर अमल करके इस राज्य में शहरी सेवाओं के विकास और इन्हें बेहतर बनाने में आवश्यक सहयोग देना निरंतर जारी रखे हुए है।’ उन्होंने कहा, ‘एडीबी का शहरी निवेश दरअसल तमिलनाडु में रणनीतिक औद्योगिक गलियारों के विकास में आवश्यक सहयोग देने के अनुरूप है।’
इस वित्त पोषण के माध्यम से कोयम्बटूर में 529 किलोमीटर (किमी) लंबी सीवेज संग्रह पाइपलाइनों के जरिए दो सीवेज शोधन संयंत्रों के विकास, 14 पंपों एवं लिफ्ट स्टेशनों को लगवाने और 14 किमी लंबे सीवेज पंपिंग मेन के निर्माण में आवश्यक सहयोग दिया जाएगा। थूथुकुडी में तूफानी जल की जलवायु परिवर्तन रोधी निकासी प्रणाली विकसित की जाएगी।
मदुरै में इस परियोजना के जरिए 813 किमी लंबी नई जलापूर्ति वितरण पाइपलाइनों को चालू करने में आवश्यक सहयोग दिया जाएगा जो 163,958 घरों को स्मार्ट जल सुविधाओं वाले 115 नव स्थापित जिला मीटर क्षेत्र से जोड़ेंगी, ताकि गैर-राजस्व जल को कम किया जा सके। कोयम्बटूर और मदुरै में दो सर्व-महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षित किया जाएगा जो घरों को सीवेज संग्रह प्रणाली से जोड़ने, जल संरक्षण, साफ-सफाई, और स्वास्थ्य और स्वच्छता के अनगिनत लाभों के बारे में लोगों को बताएंगे।