- May 4, 2022
मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश पर नाराजगी — सर्वोच्च न्यायालय
सर्वोच्च न्यायालय ने भ्रष्टाचार के एक मामले में प्रारंभिक रिपोर्ट की एक प्रति के लिए तमिलनाडु के पूर्व मंत्री एसपी वेलुमणि की याचिका को खारिज करने के मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश पर नाराजगी व्यक्त की। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को रिपोर्ट प्रदान करने के लिए तमिलनाडु सरकार की आपत्ति को भी खारिज कर दिया और कहा, “यह तब होता है जब हम अदालतों में राजनीतिक स्कोर तय करने की अनुमति देते हैं।”
सीजेआई एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, “यह सही नहीं है, उच्च न्यायालय गलत है। मान लीजिए कि कल मैं एक जांच का आदेश देता हूं, और एजेंसी एक रिपोर्ट प्रस्तुत करती है, क्या मैं कह सकता हूं कि इसे सीलबंद लिफाफे में न रखें, मैं इसे भेजूंगा अगर हाईकोर्ट ने जनहित याचिका को स्वीकार कर लिया है, जांच के आदेश दिए हैं, एक रिपोर्ट पेश की गई है, तो उच्च न्यायालय ऐसा कैसे कह सकता है।”
न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय के कहने पर जांच की गई और उसके बाद रिपोर्ट सौंपी गई। “मैं इस शब्द का उपयोग नहीं करना चाहता, लेकिन शासन बदला! अपनी सरकार देखें … लोग आएंगे और जाएंगे, सरकारें चलती रहेंगी, जांच एजेंसियों को निष्पक्ष होना होगा, जो भी पार्टी सत्ता में हो।” सुप्रीम कोर्ट ने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट की एक प्रति के लिए उनके अनुरोध को अस्वीकार करने वाले एचसी के आदेश को चुनौती देने वाली वेलुमणि द्वारा दायर अपील पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार ने कहा कि उच्च न्यायालय ने जांच रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में रखा है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने अदालत को बताया कि पूर्व मंत्री के खिलाफ केवल व्यवस्था में बदलाव के कारण प्राथमिकी दर्ज की गई थी।