- December 4, 2021
हवाई अड्डों पर दिव्यांग लोगों के नकली अंग खुलवाकर जांच नहीं की जानी चाहिए —- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने नागरिक उड्डयन महानिदेशक को निर्देश दिया है कि हवाई अड्डों पर दिव्यांग लोगों के नकली अंग खुलवाकर जांच नहीं की जानी चाहिए क्योंकि ये मानवीय गरिमा के खिलाफ है। हालांकि इस दौरान सुरक्षा जरूरतों को सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस वी रामासुब्रह्मण्यम ने ये भी कहा कि हवाई यात्रा कर रहे दिव्यांग व्यक्ति को जांच के दौरान उठाया जाना अमानवीय है और संबंधित व्यक्ति की मंजूरी के बिना ऐसा नहीं किया जाना चाहिए।
पीठ ने कहा, मसौदा गाइडलाइंस में कहा गया है कि नकली अंग लगे दिव्यांग व्यक्ति की फुल बॉडी स्कैनर से जांच होगी लेकिन सुरक्षा के उद्देश्य से किस स्तर तक ऐसे व्यक्ति की जांच होनी चाहिए और वो भी इस तरह कि उसे अपने नकली अंग उतारने के लिए न कहा जाए ताकि मानवीय गरिमा बनी रहे।
पीठ सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित जीजा घोष की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिन्हें कोलकाता से गोवा की यात्रा के दौरान स्पाइस जेट से उतार दिया गया था। याची की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कोलिन गोंजाल्विज ने मसौदा गाइडलाइंस पर कई आपत्तियां दर्ज कराई जिसपर कोर्ट ने उन्हें डीजीसीए के सामने अपनी बात रखने के लिए कहा।