• November 18, 2021

अनुपम जज के छेदछाड़ के अनूठे फैसले — एसपी को देहरादून भेजने का पत्र : छ माह तक महिला के कपड़े धोवे

अनुपम जज के छेदछाड़  के अनूठे फैसले — एसपी को देहरादून भेजने का पत्र : छ माह तक महिला के कपड़े धोवे

मधुबनी (बिहार)— झंझारपुर व्यवहार न्यायालय के जज अविनाश कुमार पर उनके केबिन में दो पुलिसवालों ने पिस्टल तान दी। जज के साथ मारपीट और गालीगलौज भी की गई। दोनों ही पुलिसकर्मी घोघरडीहा थाने में तैनात हैं। दोनों के नाम थानाध्यक्ष (SHO) गोपाल प्रसाद और दारोगा (SI) अभिमन्यु कुमार हैं। दोनों ही एक शिकायत पर चल रही सुनवाई में जज के सामने पेश हुए थे।

सितंबर में मधुबनी के झंझारपुर कोर्ट के न्यायाधीश अविनाश कुमार ने महिला के साथ छेड़छाड़ के आरोपी को अपने गांव की सभी महिलाओं के कपड़े धोने और प्रेस करने का आदेश दिया था। यह सेवा आरोपी को लगातार 6 महीने तक मुफ्त में देनी है। गांव के पंच-सरपंच उसकी मॉनिटरिंग करेंगे। छह महीने पूरे होने पर उसे मुफ्त सेवा का प्रमाण पत्र लेकर कोर्ट में जमा करना होगा। आरोपी 20 साल का है और पेशे से धोबी है।

मधुबनी एसपी को ट्रेनिंग पर भेजा जाए

जुलाई में झंझारपुर कोर्ट के जज अविनाश कुमार ने भैरवस्थान थाना इलाके में एक लड़की के अपहरण मामले में पुलिस की ओर से सही धारा न लगाने पर सख्त रुख अख्तियार किया था। कोर्ट ने डीएसपी, एसपी, थानाध्यक्ष के अलावा एक न्यायिक अधिकारी से भी सवाल पूछे थे। एडीजे कोर्ट ने भैरवस्थान थाना में दर्ज एक FIR पर सवाल उठाए और पूछा कि इसमें धारा 376, पॉक्सो एवं बाल विवाह अधिनियम 2006 नहीं लगाई गई है।

कोर्ट ने मधुबनी के एसपी डॉ. सत्य प्रकाश के खिलाफ डीजीपी, होम मिनिस्ट्री, राज्य और केंद्र सरकार को खत लिखा था। कोर्ट ने इस खत में लिखा था कि मधुबनी के एसपी को कानून एवं सुसंगत धारा लगाने की सही जानकारी नहीं है। उन्हें आईपीएस ट्रेनिंग सेंटर देहरादून और हैदराबाद में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाए।

2 आरोपियों काे 5 दलित बच्चों को 6 महीने तक मुफ्त में आधा-आधा लीटर दूध देने की शर्त पर बेल
सितंबर में एक फैसले में आरएस ओपी थाने में आरोपी शिवजी मिश्र और अशोक मिश्र को जमानत देने के लिए 5 दलित बच्चों को आधा लीटर दूध 6 महीने तक मुफ्त में देने की शर्त के साथ जमानत अर्जी दी थी। दोनों मारपीट के एक मामले में जेल में बंद थे। सूचक भगवान कुमार झा ने दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। कोर्ट ने अपने आदेश में शिवजी मिश्रा को निर्देश दिया कि दलित बच्चों को छह महीने तक आधा-आधा लीटर दूध मुफ्त में देना होगा।

3. एक शिक्षक को पहली क्लास से 5वीं तक के गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देने के शर्त पर जमानत दी थी।

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