- September 2, 2021
भवन की ऊंचाई 10 मीटर से ज्यादा नहीं
पटना —– हाई कोर्ट की नई बिल्डिंग (शताब्दी भवन) के पास मजार के अहाते में बनी बहुमंजिला इमारत के अवैध निर्माण को तोडऩे के पटना हाई कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश उदय उमेश ललित की पीठ ने हाई कोर्ट के फैसले के विरुद्ध राज्य सरकार एवं अन्य की ओर से दायर अपील पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट द्वारा इस मामले में बहाल कोर्ट मित्र राजेंद्र नारायण को नोटिस जारी किया हैं।
पटना हाई कोर्ट के न्यायाधीश अश्विनी कुमार सिंह की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने सुनवाई के बाद तीन अगस्त को अपना फैसला सुनाते हुए इमारत का अवैध हिस्सा तोड़ने का निर्देश दिया था।
चार मंजिला कार्यालय—–
जजों की पांच सदस्यीय बेंच ने चार-एक के निर्णय से इस भवन के निर्माण को अवैध घोषित करते हुए एक माह के भीतर तोड़ने का आदेश दिया था। इससे पूर्व हाई कोर्ट ने इस भवन के निर्माण पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से पूछा था कि क्या इसके निर्माण को लेकर पटना हाई कोर्ट और पटना नगर निगम से भी अनुमति ली गई थी।
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया था कि नई बिल्डिंग से सटी मजार के करीब वक्फ बोर्ड का चार मंजिला कार्यालय बन रहा है। कार्यालय के सबसे नीचे मुसाफिरखाना बन रहा है।
बगैर अनुमति के भवन
नई इमारत के निर्माण में किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई थी। इस पर जजों ने कहा था कि यह गलत तरीके से बनी है। बिल्डिंग बायलाज की धारा-21 में स्पष्ट उल्लेख है कि विधानसभा, राजभवन और हाई कोर्ट जैसी महत्वपूर्ण और सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील इमारतों से सटा कर दूसरा भवन नहीं बनाया जा सकता है।
अगर निर्माण हो रहा है तो भवन की ऊंचाई 10 मीटर से ज्यादा नहीं हो सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जारी रहेगी।