बांधवगढ़ की बाघिन अब संजय टाइगर रिजर्व में : नर बाघ भी छोड़ा जायेगा

बांधवगढ़ की बाघिन अब संजय टाइगर रिजर्व में : नर बाघ भी छोड़ा जायेगा

सीधी {विजय सिंह }- संजय नेशनल पार्क के कोर क्षेत्र अंतर्गत बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व से लाई गई मादा बाघिन को जंगल में छोड़ा गया। बाघिन की उम्र अभी 3 वर्ष 1 माह की है। अगले चरण में इसी वन क्षेत्र में नर बाघ छोड़े जाने की योजना है।

नेशनल पार्क संचालक वाय.पी. सिंह ने पत्रकारों को बताया कि कुसमी, सोनगढ़, रुंदा, भदौरा के बीच जंगल को मोहन परिक्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है। यहां बाघों का मूवमेंट तो होता था, किन्तु स्थाई निवास नहीं बन सका था। बाघिन के आ जाने से यहां भी बाघों का स्थाई कुनबा बढ़ जायेगा। अभी पार्क क्षेत्र में वयस्क बाघों के अलावा 5 से 11 माह के 7 शावक हैं।

संजय टाईगर रिजर्व, सीधी अंतर्गत कोर क्षेत्र के 3 परिक्षेत्रों में नर एवं मादा बाघों सहित बाघों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। वर्तमान में वयस्क बाघों के अतिरिक्त 05 से 11 माह तक के कुल 07 शावक हैं। परिक्षेत्र मोहन में तेन्दुआ, भालू, हिरण, चीतल एवं सांभर आदि पाये जाते हैं। 1 जून को बांधगढ़ टाईगर रिजर्व, उमरिया से मादा बाघिन को लाकर छोड़े जाने से अब बाघों के स्थाई निवास बन जायेगा।

क्षेत्र संचालक ने बताया कि बाघों की संख्या में वृद्धि होने से पर्यटन बढ़ेगा, जिससे स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध होगा। उन्होंने कुसमी क्षेत्र के समस्त नागरिकों से अपील की है कि कुसमी से सोनगढ़, रूंदा, भदौरा जाते समय अकेले न जावें तथा हमेशा सतर्कता बरतें।

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