- February 4, 2021
एक महीने में लगभग 20 ट्रक शराब — अजित खलीला हरियाणा का बड़ा शराब माफिया है
सरकार से इसे पुलिस के दो बॉडीगार्ड भी मिले हुए हैं
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दैनिक भास्कर —- शराब मामले में बिहार पुलिस की टीम ने हरियाणा में बड़ी कार्रवाई की है। हरियाणा के लेवल-1 के शराब ठेकेदार अजित खलीला को गिरफ्तार किया है। अब इसे पटना लाया जा रहा है। गुरुवार की दोपहर बाद पुलिस टीम इसे पटना लेकर पहुंच जाएगी। टीम इसे फ्लाइट से लेकर आ रही है। शराब माफिया को गिरफ्तार करने के लिए बिहार से मद्य निषेध के DSP सुबोध और इंस्पेक्टर अबरार अहमद के साथ दो सब इंस्पेक्टर की एक टीम 31 जनवरी को बिहार से हरियाणा भेजी गई थी। बुधवार को पानीपत जिले में छापेमारी कर टीम ने अजित खलीला को हरियाणा पुलिस की मदद से पकड़ा। अजित खलीला एक महीने में लगभग 20 ट्रक शराब बिहार भेजता था।
फिलहाल बिहार की जेल में रहेगा
इसकी गिरफ्तारी बिहार पुलिस के लिए एक बड़ी कामयाबी है। अपने इलाके में इसका बड़ा रौब है। सरकार से इसे पुलिस के दो बॉडीगार्ड भी मिले हुए हैं। 2 दिसंबर को अपने इलाके में इसने गोलीबारी भी की थी। इसकी चलाई गोली एक शख्स को लग भी गई थी। फिलहाल यह बिहार की जेल में रहेगा।
लेवल-1 का लाइसेंस मिला हुआ है
पानीपत जिले में खलीला गांव है। अजित खलीला यहीं के रहने वाले रूपचंद खलीला का बेटा है। इसे हरियाणा सरकार से शराब के कारोबार के लिए लेवल-1 का लाइसेंस मिला हुआ है। पिछले कई सालों से इस धंधे में है। अकेले पानीपत में ही इसकी शराब की कुल 8 बड़ी दुकानें हैं। कारोबार करने की अनुमति इसके पास सिर्फ हरियाणा के अंदर की है। लेकिन, लंबे वक्त से यह शराबबंदी वाले राज्य बिहार में शराब की सप्लाई करता आ रहा है। हर महीने में यह 20 ट्रक शराब बिहार भेजा करता था। शराब से भरे ट्रक की एक खेप की कीमत करीब 16 लाख रुपए होती है। पिछले एक साल में यह 38 करोड़ रुपए से अधिक की शराब बिहार में भेज चुका है।
इस तरह से सामने आया नाम
गोपालगंज जिले के कुचायकोट में कुछ महीने पहले मद्य निषेध और लोकल पुलिस की टीम ने छापेमारी कर हरियाणा से आई एक ट्रक शराब जब्त की थी। उसके ड्राइवर और खलासी को पकड़ा गया था। इन दोनों ने पूछताछ में हरियाणा के ही रहने वाले लेवल-2 के शराब ठेकेदार उपेंद्र उर्फ भूपी और अजित खलीला का नाम लिया था। मामले की जांच करते हुए टीम ने चंद महीने पहले ही उपेंद्र उर्फ भूपी को गिरफ्तार किया था। फिर उसने पूछताछ में बिहार पुलिस को बताया था कि वह पहले लेवल-1 का ठेकेदार हुआ करता था। बाद में उसे लेवल-2 का लाइसेंस मिला। इसके बाद उसने अजित खलीला से शराब लेना शुरू किया। दोनों मिलकर बिहार में शराब की सप्लाई अवैध रूप से किया करते थे। इन बयानों के आधार पर ही बिहार पुलिस की टीम शराब माफिया की गिरफ्तारी का वारंट कोर्ट से हासिल कर पाई। मद्य निषेध के IG अमृत राज के निर्देश पर ही बिहार पुलिस की टीम को हरियाणा भेजा गया था।