• December 5, 2020

कोर्ट के आदेश तख्त पर — धड़ल्ले से लाल ईंटो का उपयोग

कोर्ट के आदेश तख्त पर —  धड़ल्ले से लाल ईंटो का उपयोग

भानुप्रतापपुर —(लीलाधर निर्मलकर)— भानुप्रतापपुर ब्लॉक अंतर्गत भैंसाकन्हार (डू) ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम नरसिंगपुर में बन रही गौठान में सारे नियमों को ताक में रख कर गौठान में बन रही नाडेप और सपोर्टिग रूम में धड़ल्ले से लाल ईंटो से निर्माण कार्य किया जा रहा है।

सरपंच सचिव जिस तरह से शासन प्रशासन को पलीता लगा कर अपनी मनमानी करने मग्न है । तो वहीं प्रशासनिक अधिकारी भी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने में लगे है ।

मामला नरसिंगपुर गौठान की है जहा सरपंच सचिव की मनमानी के चलते प्रतिबंधित लाल ईंट से नाडेप और सपोर्टिग रूम की निर्माण कार्यों मे उपयोग किया जा रहा है । जब की लाल ईंट से किसी भी सरकारी भवनों या किसी भी तरह की निर्माण कार्य कराना प्रतिबन्ध जिसकी जानकारी सभी लोगों को होने के बावजूद भी खुले आम लाल ईंट की उपयोग किया जा रहा है। जब इस संबंध में सरपंच हिस्सा राम भुरकुरिया से पूछा गया तो उन्होंने काला ईंट ज्यादा मजबूती नहीं होती है इसलिए लाल ईंटो को लगाया जा रहा है । तो वहीं सचिव रघुवर साहू ने कहा कि सभी जगह कर रहे है तो हम भी लाल ईंट की उपयोग कर रहे है और कोई अधिकारी कुछ नहीं बोले है अभी तक ।

सरपंच और सचिव की इस बयान से ये तो साफ हो गई कि किस तरह से नियमों ताक में रखकर खुलेआम धाज्जिया उड़ा उड़ाई जा रही हैं। जिसमे जिम्मेदार अधिकारी भी शामिल है। इसमें भी प्रशासन की आला अधिकारी चुप्पी साधे हुए है।

विदित हो कि पर्यावरण विभाग और खनिज विभाग के द्वारा 2014 से ही अवैध ईंट की भट्ठे पर प्रतिबंध लगा दी है जिसे की पर्यावरण संरक्षण किया जा सके । पर तमाम नियम कायदा बनने के बाद भी खुले आम धड़ल्ले से लाल ईंट भट्टों की व्यापार फल भूल रही है। पर इस ओर ना ही पर्यावरण विभाग ध्यान दे रही है और नहीं ही खनिज विभाग की जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे है।

अधिकारियों की उदासीनता के चलते धड़ल्ले से लाल ईंट की उपयोग किया जा रहा हैं। जिसकी जानकारी जिम्मेदार अधिकारी को भी है। पर सब मूकदर्शक बने देख रहे है।

कोर्ट के आदेश के बाद पर्यावरण गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए प्लाई एस ईटो से निर्माण किया जाना था । पर सब नियम कायदा कागजों में ही सिमट कर रह गई है ।

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