- September 1, 2020
मॉनेटोरियम के बाद 80 हजार से 2 लाख रूपए तक अतिरिक्त चुकाने पड़ेंगे
Rahul Gandhi video series: —- लॉकडाउन ने भारतीय मध्यमवर्ग पर कैसा कहर ढाया है, इसका पता इससे चलता है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा विकल्प दिए जाने के बाद 45 प्रतिशत लोगों ने लोन मॉनेटोरियम का विकल्प चुना। वह भी तब, जबकि इस कर्ज का ब्याज बढ़ता रहा और बैंकों उन्हें मोनेटोरियम का लाभ न लेने की लगातार “चेतावनी” दी।
माेनेटोरियम लेने का अर्थ था कि अगर किसी ने 10 लाख की कार खरीदने के लिए लोन लिया है, तो उसे छह महीने के मॉनेटोरियम के बाद 80 हजार से 2 लाख रूपए तक अतिरिक्त चुकाने पड़ेंगे।
आज से मॉनेटोरियम की अवधि खत्म हो रही है। इसकी अवधि बढ़ाए जाने की मांग को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है। लेकिन कोर्ट के रूख यह है कि उसे लोगों से अधिक कर्ज देने वालों की चिंता है। बैंक यह दलील दे रहे हैं कि जो भुगतान कर सकते हैं वे भी मॉनेटोरियम का “लाभ” उठा रहे हैं।
आने वाले दिनों में भारतीय मध्यम वर्गअपने इतिहास के सबसे बुरे दिन देखेगा। करोड़ों मध्यवर्गीय गरीबी में वापस लौटेंगे।
(janVkalp@googlegroups.com)