- May 30, 2020
15वें वित्त आयोग से जारी अनुदान का उपयोग वेतन भत्तों में नहीं होगा–
भोपाल : —— दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के लिये 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा अनुसार निर्दिष्ट अनुदान (Tied Grant) का वितरण आवास और शहरी कार्य मंत्रालय तथा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा तय किये गये परफार्मेंस स्टेण्डर्ड के आधार पर किया जायेगा।
15वें वित्त आयोग से जारी प्राथमिक अनुदान (Basic Grant) और निर्दिष्ट अनुदान की राशि का उपयोग वेतन भत्ते एवं स्थापना व्यय के लिये किसी भी स्थिति में नहीं किया जायेगा। प्रमुख सचिव, नगरीय विकास एवं आवास श्री नीतेश व्यास ने सभी नगरीय निकायों एवं समस्त मुख्य अधिशासी अधिकारी छावनी परिषद को 15वें वित्त आयोग द्वारा नगरीय निकायों को जारी अनुदान के उपयोग के संबंध में निर्देश जारी कर दिये हैं। यह निर्देश वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिये जारी किये गये हैं।
दस लाख से अधिक आबादी वाले शहर भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर को परिवेशीय वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिये अनुदान मिलेगा। इसके लिये स्वीकृत अनुदान में से 50 प्रतिशत सुधार लाने संबंधी उपायों के लिये और 50 प्रतिशत परफार्मेंस के आधार पर मिलेगा।
पहली किश्त का उपयोग वायु गुणवत्ता में सुधार लाने संबंधी उपायों के लिये किया जा सकता है। दूसरी किश्त का वितरण जनवरी-2021 में वायु गुणवत्ता में वर्ष-दर-वर्ष सुधार के परिणामों के आधार पर किया जायेगा। भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर जल एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार लाने तथा स्टार रेकिंग हासिल करने के लिये अनुदान की राशि का उपयोग करेंगे।
दस लाख से कम आबादी वाले शहरों के लिये 50 प्रतिशत राशि प्राथमिक अनुदान के रूप में और 50 प्रतिशत राशि निर्दिष्ट अनुदान के रूप में दी जायेगी। प्राथमिक अनुदान की राशि से पेयजल, सीवरेज तथा नाली निर्माण, सड़क निर्माण एवं अधोसंरचनात्मक विकास कार्य, गंदी बस्तियों में अधोसंरचना निर्माण, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, ई-गवर्नेंस और अग्निशमन सेवाएँ जैसे कार्य प्राथमिकता के क्रम में करवाना होगा। इन शहरों में निर्दिष्ट अनुदान की राशि से स्वच्छता और खुले में शौच-मुक्त की स्थिति को कायम रखने के लिये ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, पेयजल की आपूर्ति, वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण के कार्य करवाये जायेंगे।