- May 16, 2020
ब्लॉक क्वारंटाइन सेंटर की संख्या 5,162 है जहाँ 2 लाख 46 हजार 160 लोग आवासित
पटना ——– मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के निर्देश पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सचिव सूचना एवं जन-सम्पर्क श्री अनुपम कमार, सचिव स्वास्थ्य श्री लोकेश कुमार सिंह,अपर पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालयश्री जितेन्द्र कुमार एवं नोडलपदाधिकारी आपदा प्रबंधन श्री संजय कुमार सिंहने कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर किये जा रहे कार्यों की अद्यतन स्थिति केसंबंध में मीडिया कर्मियों को जानकारी दी।
सचिव सूचना एवं जन-संपर्क श्री अनुपम कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री के स्तर पर लगातार समीक्षा की जा रही है और लोगों को सहायता प्रदान करने के लिये सभी आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं। श्री अनुपम कुमार ने बताया कि क्वारंटाइन सेंटर का जो कांसेप्ट है वह काफी महत्वपूर्ण है।
संक्रमण की रोकथाम के संबंध में सरकार की एडवाइजरी और स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गये दिशा-निर्देशों का अनुपालन करने में हर किसी को सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दो दिनों पूर्व एक वरीय क्षेत्रीय अधिकारी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गये हैं जो क्वारंटाइन कैंप में लोगों को समझा रहे थे, उनसे बात कर रहे थे।
क्वारंटाइन सेंटर पर जो व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाये गये हैं अगर वे क्वारंटाइन सेंटर की बजाय सीधे अपने घर गये होते तो वे न सिर्फ अपने पूरे परिवार को बल्कि अन्य कई सम्पर्क में आये लोगों को भी संक्रमित कर सकते थे। संक्रमण की स्थिति बढ़ रही है इसलिए इसकी गंभीरता को समझना होगा।
सचिव,सूचना एवं जन-सम्पर्क श्री अनुपम कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री लोगों से कोरोना संक्रमण की स्थिति की गंभीरता को समझने की अपील की है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति में संक्रमण फैलने का काफी पोटेंशियल है। जमालपुर (मुंगेर) इसका स्पष्ट उदाहरण है। इसलिए यह जो व्यवस्था की जा रही है, वह काफी सोच-समझकर की जा रही है। यह एक डायनामिक प्रोसेस है। जिस प्रकार की स्थिति आती है सरकार उसकी समीक्षा कर लोगों के हित में बेहतर से बेहतर निर्णय लेने का प्रयास है।
सचिव सूचना एवं जन-संपर्क श्री अनुपम कुमार ने बताया कि कल मुख्यमंत्री ने समीक्षा के क्रम में निर्देश दिया कि बस, ट्रेन एवं अन्य माध्यमों से बाहर से आने वाले लोगों की संख्या काफी बढ़ रही है, जिसको देखते हुए पंचायत स्तर पर क्वारंटाइन सेंटर की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बेहतर व्यवस्था की जाए। सरकार का स्पष्ट मत है कि जो लोग बिहार आने के इच्छुक हैं, उन्हें जल्द से जल्द बिहार लाया जाय। बाहर से आ रहे प्रवासी मजदूरों की संख्या को ध्यान में रखते हुए योजनाबद्ध तरीके से उनके
टेस्टिंग की व्यवस्था का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द लोगों को बिहार लाने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रवासी लोगों को लाने में जितना बिलंब होगा संक्रमण फैलने की संभावना उतनी ही ज्यादा बढ़ेगी। लोगों को लाने एवं संक्रमण की रोकथाम को लेकर प्रतिदिन समीक्षा की जा रही है और आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं। सचिव सूचना एवं जन-संपर्क श्री अनुपम कुमार ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री ने हमेशा से कहा है कि आपदा की घड़ी में सरकार के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों
का है। लॉकडाउन में फंसे लोगों को राहत प्रदान करने के लिए 158 आपदा राहत केंद्र चलाए जा रहे हैं, जिससे 74 हजार लोग लाभान्वित हो रहे हैं। ब्लॉक क्वारंटाइन सेंटर की संख्या 5,162 है जहाँ 2 लाख 46 हजार 160 लोग आवासित हैं।
असामयिक वर्षापात एवं ओलावृष्टि के कारण हुई फसल क्षति को देखते हुए किसानों को कृषि इनपुट अनुदान उपलब्ध कराने के लिए 730 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की गयी है। इसमें से अब तक 5 लाख 61 हजार किसानों के खाते में 185 करोड़ से भी ज्यादा की राशि भेज दी गयी है और शेष किसानों के खाते में राशि ट्रांसफर जल्द कर दी जायेगी।
उन्होंने कहा कि आज बिहार आने वाली ट्रेनों की संख्या 36 है। बिहार के अंदर लोगों के आवाजाही के लिए भी ट्रेनें चलाई जा रही है। कैमूर से भी 3 ट्रेनें कटिहार, अररिया, मुजफ्फरपुर के लिए चलाई जा रही है। कल चलने वाली प्रस्तावित ट्रेनों की संख्या 40 है। प्रवासी लोगों को लाने के लिए ट्रेन एवं बसों की संख्या बढाने का आपदा प्रबंधन विभाग के परिवहन नोडल पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है। 14 मई तक विभिन्न राज्यों से 195 ट्रेनों से 2 लाख 46 हजार 160 लोग बिहार आ चुके हैं।
सचिव, सूचना जन-सम्पर्क ने बताया कि बिहार के बाहर रहनेवाले लोगों के अब तक 2 लाख 3 हजार फोन कॉल्स/मैसेजेज प्राप्त हुए हैं जिसमे करीब 28 लाख लोग सम्मिलित हैं। परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार पूरी मुश्तैदी के साथ हर चुनौती का मुकाबला कर रही है।
स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि अब तक कुल 42,645 जांच की गयी है, जिसमें कोविड-19 के 1,010 व्यक्ति संक्रमित पाए गये हैं। अब तक 438 व्यक्ति स्वस्थ हो चुके हैं। विगत 24 घंटे में ठीक होने वालों की संख्या 27 है। प्रवासी व्यक्ति जो आ रहे हैं, उनको प्रखंड क्वारंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है। उसके बाद उनका हेल्थ क्वारंटाइन सेंटर में सैंपल लिया जाता है जिसमें ज्यादा उम्र के लोगों एवं बच्चों को प्राथमिकता दी जा रही है।
अगर कोई व्यक्ति पॉजिटिव पाया जाता है तो उसको हमलोग डिस्ट्रिक्ट के आइसोलेशन सेंटर में रखते हैं और ट्रीटमेंट की आवश्यकता पड़ने पर संक्रमित व्यक्तियों को मेडकिल कॉलेज एंड हॉस्पीटल या डिस्ट्रिक्ट कोविड केयर सेंटर में भेजा जाता है। इसके निर्धारण के लिए भी विभाग के स्तर पर निदेशक प्रमुख की अध्यक्षता में कमिटी गठित है जो मामले की मेरिट को देखते हुए उसे रेफर और शिफ्ट करने का निर्णय लेती है।
सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि लॉकडाउन प्रारंभ होने की अवधि से अब तक विदेशी प्रवासियों को छोड़कर जो पॉजिटिव मामले आए हैं उनकी संख्या 449 है। 3 मई से अब तक ऐसे मामलों की संख्या 391 है। इसमे नई दिल्ली से 122, गुजरात से 105, महाराष्ट्र से 77, वेस्ट बंगाल से 23 और हरियाणा से 21 व्यक्तियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है।
सचिव, स्वास्थ्य ने बताया कि बाहर से आनेवाले व्यक्तियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जांच की क्षमता बढ़ाने का मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है। इसके लिए निरंतर विभाग प्रयासरत है और अगले 24 से 48 घंटे के अंदर अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज गया, वर्धमान इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज पावापुरी और सिवान जिलेमें ट्रूनेटमशीन से जांच का काम प्रारंभ होजाएगा। इसके अलावा अन्य जिलों में भी मशीनें स्थापित हो रही हैं और वहां भी जांच का कार्य प्रारंभ हो जाएगा। आने वाले दिनों में जांच की क्षमता में और अधिक बढ़ोत्तरी होगी।
अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय श्री जितेन्द्र कुमार ने बताया कि पिछले 24 घंटे में 14 एफ0आई0आर0 दर्ज की गई है, 44 लोगों की गिरफ्तारियां हुई हैं, 1078 वाहन जब्त किए गए हैं और इससे 32 लाख 10 हजार 950 रुपए की राशि जुर्माने के रुप में वसूल की गई है। अब तक कुल 2047 एफ0आई0आर0 दर्ज, 2,183 गिरफ्तारियां, 70,203 वाहन जब्त और 16 करोड़ 25 लाख रूपये की राशि जुर्माने के रुप में वसूल की गई है।
उन्होंने बताया कि सभी पुलिस लाइन में संक्रमण की संभावना को देखते हुए स्ट्रिक्ट एक्सेस कंट्रोल के प्रोविजन को लागू किया है और वहां नियमित सफाई, छिड़काव अदि की व्यवस्था की गयी है। पुलिस लाइन एवं थानों में बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश आवश्यक कार्य को देखते हुए सीमित किया गया है।
सभी पुलिस अधीक्षकों को भी निर्देश दिया गया है कि वे पुलिसकर्मियॉं को आवश्यक संख्या में मास्क, ग्लब्स और सेनेटाइजर उपलब्ध करायें। पूरे राज्य में अब तक 88,142 पेयर ग्लब्स, 2,13,374 मास्क, करीब 22 हजार लीटर सैनेटाइजर उपलब्ध कराया गया है। 32 पुलिसकर्मियों में कोरोना संक्रमण की अब तक पुष्टि हुई हैं। इनमे से 10 जिला पुलिस, 21 बी0एम0पी0-14 और एक पुलिसकर्मी बी0एम0पी0 1 के कैम्पस से चिन्हित हुए हैं।
दस संक्रमित पुलिसकर्मियों में से आठ रिकवर हो चुके हैं और जो दो बचे है, उनके स्वास्थ्य में भी लगातार सुधार हो रहा है। इस तरह 32 संक्रमित पुलिसकर्मियों में से 8 ठीक हो चुके है जबकि 24 आइसोलेशन में हैं।
उन्होंने कहा कि यह संतोष की बात है कि सभी पुलिसकर्मी इस कठिन परिस्थिति में भी लगातार ड्यूटी में लगे हुए हैं और अपने कर्तव्य में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरत रहे हैं। हमें उन पर गर्व हैं। कोविड-19 से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों और लॉकडाउन का पालन करने में अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्ती से कदम उठाए जा रहे हैं।
संपर्क
सहायक सूचना निदेशक
बिहार सूचना केंद्र नई दिल्ली