- January 14, 2020
107वी इंडियन सांइस काग्रेस, बंगलोर मे छपा न्यूटन के तीसरे नियम में संशोधन
107वी इंडियन सांइस काग्रेस, बंगलोर मे छपा न्यूटन के तीसरे नियम में संशोधन।
न्यूटन के 334 वर्ष पुराने तीसरे नियम की खामी: यह वस्तु के आकार की अनदेखी करता है।
कुछ प्रयोगो के बाद संशोधित नियम को मिलेगी मान्यता।
कई वैज्ञानिक संस्थाओं ने अजय की शोध को सही ठहराया।
107वी इंडियन सांइस काग्रेस 2020 बगलौर की प्रोसीडिग्ज में अजय शर्मा का शोधपत्र छपा है। जिसमें न्यूटन के 334 वर्ष पुराने नियम को संशोधित किया है। शर्मा की शोध के अनुसार न्यूटन का नियम वस्तु के आकार की अनदेखी करता है। पर सिद्धान्त के 334 वर्ष पुराने इतिहास में नियम को इस सम्बध मे बिना कुछ विशेष प्रयोगों के सही माना जा रहा है।
22 अगस्त 2018 में अमेरिकन एसोसिएन आफ फिजिक्स टीचरज के प्रैजीडैट प्रोफैसर गारडन पी रामसे (लायोला यूनिवर्सिटी शिकागो,अमेरिका) ने अजय के रिसर्च पेपर पर रिपोर्ट दी। इसमें कहा गया कि अजय द्वारा वस्तु के आकार पर आधारित प्रयोगो में नियम गलत साबित हो सकता है।
2019 में नैशनल फिजिकल लैबोरेटरी के वैज्ञानिकों ने वस्तु के आकार न्यूटन के प्रभाव को जांचने के लिए संवेदनशील प्रयोग करने की सलाह दी। इसी क्रम में इंडियन इन्स्टीच्यूट आफ टैक्नोलोजी नई दिल्ली फिजिक्स डिपार्टमैंट के अध्यक्ष ने लिखित रूप में अजय को सुझाव दिया कि ये प्रयोग होमी भाभा सैन्टर फार सांइस एजूकेसन, मुम्बई में किये जा सकते है। इसके अतिरिक्त कई वैज्ञानिक संस्थानो अजय को प्रयोगो के रजल्ट पेश करने को कहा है। इन प्रयोगो के लिए अजय सरकार से प्रायोशाला की सूबिधाएँ माँग रहे हैं।
मान लो हमारे पास रबड़ की 1 कि. ग्राम भार की विभिन्न आकारों जैसे गोल, अर्धगोल , त्रिभुज, शंकु, स्पाट और अनियमित आकार की वस्तुए है। इन सब को 1 मीटर ऊँचाई से गिरते है। ज़मीन वस्तुओं को अपनी ओर खींचती है। सभी वस्तुओं पर ऐक्सन या क्रिया 9.8 न्यूटन है। फर्श पर टकराने के बाद गोल गेंद 1 मीटर की ऊंचाई पर वापिस आ जाती है। इस तरह गोल गेंद के सम्बध में क्रिया और प्रतिक्रिया बराबर हुए।
दूसरे आकारों की वस्तुएं 1 मीटर की ऊंचाई तक वापिस नहीं आती है। इस तरह प्रतिक्रिया, क्रिया से कम हुई। इसका कारण वस्तु का आकार है। इस तरह वस्तु का आकार एक महत्वपूर्ण फैक्टर है और न्यूटन का नियम इसकी अनदेखी करता है।
इसी वजह से न्यूटन के नियम को संशोधित किया गया है कि वस्तु का आकार इसमें समायोजित हो सके। नये नियम के अनुसार क्रिया, प्रतिक्रिया के बराबर, कम या ज्यादा भी हो सकती हैं।
शर्मा ने विनम्रता पूर्वक भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी, साइंस एड टैक्नोलोजी मंत्री डा. हर्ष वर्धन, मुख्यमंत्री, श्री जयराम ठाकुर और शिक्षा मंत्री श्री सुरेश भारद्वाज जी से विनम्र प्रार्थना की है कि उन्हे प्रयोगो के लिए प्रयोगशाला की सुविधाए दी जाए। ताकि वे अन्तिम रूप से न्यूटन के तीसरे नियम के संशोधन को सिद्ध कर सके ।
इस सफलता से भारत नोबेल प्राइज का हकदार होगा। विज्ञान के क्ष ेत्र में भारत की भूमि पर किए गए शोधकार्य को नोबेल प्राइज 1930 को डा. सी.वी. रमन को 1930 में मिला था।
अजय शर्मा
मो० 94184.50899
ईमेल Ajoy.plus@gmail.com