- December 24, 2019
248 इकाइयों को लगभग 243 एकड़ भूमि आवंटित
भोपाल : ——–मध्यप्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये नीति सहित अधोसंरचना में पिछले एक साल में राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण बदलाव किये हैं। मैग्नीफिसेंट मध्यप्रदेश-2019 का आयोजन प्रदेश में निवेशकों का विश्वास बढ़ाने में सफल रहा है। अब प्रदेश में औद्योगिक निवेश का परिदृश्य बदलने लगा है। निवेशक पूरे विश्वास के साथ प्रदेश में निवेश करने के लिये अग्रसर हो रहे हैं।
नीतिगत निर्णय
उद्योग संवर्धन नीति-2014 में प्रावधानित सुविधाओं का लाभ लेने के लिये उद्योगों द्वारा उपलब्ध कराये गये कुल रोजगार का 70 प्रतिशत रोजगार प्रदेश के स्थायी निवासियों को दिया जाना अनिवार्य किया गया है।
जीएसटी व्यवस्था लागू होने से उद्योग संवर्धन नीति 2014 में वृहद श्रेणी के उद्योगों को देय टैक्स सहायता निरंतर दिये जाने के संबंध में प्रक्रिया का पुनर्निर्धारण किया गया है। नई सरकार ने औद्योगिक प्रयोजन के लिये आपसी सहमति से निजी भूमि अर्जन के लिए लैंड पुलिंग पॉलिसी लागू की है।
राज्य सरकार ने जवाहर लाल नेहरू बंदरगाह मुम्बई को इन्दौर से रेल मार्ग द्वारा जोड़ने के लिये इक्विटी अंशदान के रूप में 15 प्रतिशत की सहभागिता करने का निर्णय लिया है। इसमें इंदौर से मनमाड़ तक रेल परियोजना का क्रियान्वयन होगा। इस परियोजना से प्रदेश में उत्पादित माल का परिवहन सुगम हो सकेगा।
औद्योगिक इकाइयों को उनके परिसरों में रूफटॉफ पर सौर फोटोवोल्टाईक पावर प्लांट के माध्यम से हरित एवं सस्ती ऊर्जा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। इसके पहले चरण में मंडीदीप और पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
निवेशकों तथा उद्योग संगठनों से प्राप्त सुझाव के अनुरूप उद्योग सवंर्धन नीति-2014 में नवीन संशोधन/प्रावधान करते हुए इकाइयों को अतिरिक्त सुविधाएँ देने का निर्णय लिया गया है।
विशेष अधोसंरचना विकास
पीथमपुर में स्थापित उद्योगों को निरन्तर जल प्रदाय के लिये 290 करोड़ की 90 एमएलडी जल- प्रदाय योजना का क्रियान्वयन किया गया है। इससे उद्योगों को जल-प्रदाय शुरू कर दिया गया है।
पीथमपुर में 300 करोड़ से 465 हेक्टेयर क्षेत्र में स्मार्ट इन्टीग्रेटेड इंडस्ट्रियल पार्क का विकास किया गया है। इसमें उद्योगों को भूमि आवंटन किया जा रहा है। प्रदेश में रोजगारमूलक उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिये 169 करोड़ 50 लाख की लागत से चार टेक्सटाइल गारमेंट पार्क बुढ़ीबरलई इन्दौर, अचारपुरा भोपाल, लेहगडुआ छिंदवाड़ा और जावरा रतलाम में स्थापित किये जा रहे हैं।
मैग्नीफिसेंट मध्यप्रदेश
राज्य के औद्योगिक केंद्र, इंदौर शहर में मैग्नीफिसेंट मध्यप्रदेश-2019 का आयोजन 18 अक्टूबर 2019 को किया गया। देश के प्रमुख उद्योगपतियों एवं औद्योगिक हितधारकों को एक मंच पर लाकर प्रदेश में निवेश के लिये उनके मन में विश्वास पैदा करने का उद्देश्य था।
आयोजन में मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ द्वारा देशभर के उद्योगपतियों, प्रमुख हितधारकों, नीति निर्माताओं एवं उद्योग विशेषज्ञों से सीधा संवाद किया गया। इस मौके पर मध्यप्रदेश में उपलब्ध संभावनाओं का प्रदर्शन करते हुए निवेश प्रोत्साहित करने के लिये आठ थीमेटिक सेशन भी आयोजित किये गये।
उद्योगों को भूमि आवंटन
प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में राज्य सरकार ने 248 इकाइयों को लगभग 243 एकड़ भूमि आवंटित की है। इसमें 3793 करोड़ 20 लाख रुपयेका पूंजी निवेश तथा लगभग आठ हजार व्यक्तियों के लिये रोजगार के अवसर निर्मित होना संभावित है।
वृहद औद्योगिक परियोजनाओं में वृहद श्रेणी की 57 नवीन और विस्तारित इकाइयाँ स्थापित हो गई हैं। इनमें 6187 करोड़ से ज्यादा का पूंजी निवेश हुआ है और 13 हजार से ज्यादा व्यक्तियों को रोजगार मिला है।
30 हजार 186 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त
निवेशकों ने राज्य सरकार पर विश्वास व्यक्त करते हुए विभागीय सिंगल विंडो सिस्टम में विनिर्माण क्षेत्र में करीब 30 हजार 187 करोड़ के निवेश के 407 प्रस्ताव प्रस्तुत किये हैं। इन प्रस्तावों में 59 हजार 247 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त होने की संभावना दर्शायी गयी है। इसमें 9911 करोड़ पूंजी निवेश के 10 प्रमुख निवेश प्रस्ताव शामिल हैं, जिनमें 6380 व्यक्तियों को रोजगार मिलने की संभावना है।
निवेश संवर्धन पर मंत्रि-परिषद समिति की हुई तीन बैठक में कुल 9189 करोड़ 90 लाख पूंजी निवेश तथा 9529 व्यक्तियों को रोजगार के 13 निवेश प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गयी है।
उद्योग संवर्धन नीति में प्रावधानित सुविधाओं के अन्तर्गत राज्य सरकार ने 213 प्रकरणों में 466 करोड़ 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई है।