- December 16, 2019
” ये देवर जी “—- श्याम कुँवर भारती [राजभर]
अपने भईया से बोली भेजवा दा रज़ाई ये देवर जी |
आवेना हमके जड़वा मे ओंघाई ये देवर जी |
आई गईले पुस जड़वा के दिनवा |
थरथर कंपावे बैरी पुसवा महीनवा |
टुटल केवड़िया कईसे लगाई ये देवर जी |
आवेना हमके जड़वा मे ओंघाई ये देवर जी |
ठंढी बयरिया बैरी देहिया कम्पावेला |
रतिया के बेरिया खूब हमके सतावेला |
छोट बलकवा बोला कहवा सुताई ये देवरजी |
आवेना हमके जड़वा मे ओंघाई ये देवर जी |
जबसे ऊ गईले उलटियो ना ताकेले |
तरसी जाला मनवा कबों फोनओ ना करेले |
सईया बेईमनवा भईले काहे हरजाई ये देवरजी |
आवेना हमके जड़वा मे ओंघाई ये देवर जी |
छोट भईले दिनवा लमहर भईली रतिया |
दुखवा मे बीते जिनगी फुटल किसमतीया |
चढ़ाई रेलगाड़िया सईया लगवा देता पहुंचाई ये देवरजी |
आवेना हमके जड़वा मे ओंघाई ये देवर जी |
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