याद रखिए, आज और हमेशा ‘सबसे पहले देश’—- मित्रेश्वर अग्निमित्र

याद रखिए, आज और हमेशा ‘सबसे पहले देश’—- मित्रेश्वर अग्निमित्र

हमारे इतिहास की बड़ी खास तारीख है, 15 अगस्त।

जनता- जनार्दन की जाग्रत संकल्प शक्ति के समक्ष इसी तारीख को 1947 में ब्रितानी उपनिवेशवाद ने हथियार डाले।लंबे स्वतंत्रता संग्राम में हज़ारों बलिदान और लाखों योद्धाओं के सक्रिय संघर्ष के बाद विदेशी झंडे को उतार हमने अपने तिरंगे को आजाद आसमान में लहराने का हक पाया।

वह विजय अभूतपूर्व थी——

वह तारीख जन जन के त्योहार का दिन बननी चाहिए थी।रावण विजय के बाद देश दिवाली मनाता है।हिरण्यकशिपु का वध होली मनाने का कारण बना। अंग्रेज़ो से मुक्ति को भी, आजादी का लोकपर्व बनना चाहिए था। वह अबतक बना नहीं। इसे पहुंचना ही चाहिए घर- घर,गली-मुहल्ले, गांव- देहात,दुकान – दफ़्तर ।

-आदमी की जरूरत है, आजादी; आदमी का लक्ष्य स्वतंत्रता! आजाद राष्ट्र ही अपनी नियति खुद बनाता है।

-आजादी पाना आसान है ,इसे बनाए रखना बेहद मुश्किल- निहित स्वार्थी तत्व इसे छीनने की सतत कोशिश करते है।

– हमें अपनी अस्मिता,एकता, एकरूपता, अखंडता के लिए और, सदभावना, सहजीवन, बंधुता के लिए स्वतंत्रता को सुरक्षित-संरक्षित रखना ही होगा।

अतः हमारा अनुरोध है कि ———————

स्वाधीनता पर्व 15 अगस्त के दिन

1.अपने घर, दुकान,गली , चौराहे, गांव ,खेत, खलिहान हर जगह तिरंगा लहराएं।
2.इस दिन हम एक -दूसरे से हाथ मिलाएं, गले मिलें, परस्पर अभिवादन करे, और बुजुर्गो- पूज्यों को प्रणाम करे।

3. राष्ट्रीय एकता – अखंडता- शान्ति-सदभाव- समृद्धि के लिए परस्पर शुभकामना करें।
4.जो आस्तिक है वे अपने ईश्वर से स्वतंत्रता की रक्षा के लिए प्राथनाएं करें।राष्ट्र गीत गाए जाएं।

5.परस्पर जयहिंद , भारत माता की जय, वन्दे मातरम जैसे मत्रों से एक दूसरे का संबोधन- अभिवादन करें।

6. बच्चों को झंडोत्तोलन के नियम बताएं।उसे लहराने-उतारने की विधि प्रचारित करें।
7. राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत कण्ठस्थ करें।

8. संध्याकाल आजादी के नाम और स्वतंत्रता संग्रमियों की स्मृति में एक दीया या मोमबत्ती जलाएं।हर घर एक दीपशिखा।

9.इस दिन परस्पर मुंह मीठा करने की रस्म निभाएं।

10.गूंजे सारे भारत में नेताजी का मंत्र”जय हिंद”

बंकिम का मंत्र “वन्देमातरम”।

याद रखिए, आज और हमेशा
‘सबसे पहले देश’!

(नवसंचार फेसबूक)

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