• July 22, 2019

चंद्रयान-2 लॉन्च— चंद्रकांता

चंद्रयान-2 लॉन्च— चंद्रकांता

पश्चिम बंगाल के कोलकाता के शिबपुर गांव में किसान मधुसूदन कुमार के घर में पैदा हुआ बेटा चंद्रकांता भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं और चंद्रयान -2 मिशन का नेतृत्व कर रहे हैं. चंद्रयान-2 को सोमवार दोपहर लॉन्च किया जाना है.

चंद्रकांता ने भारतीय उपग्रहों और ग्राउंड स्टेशनों के लिए एंटीना सिस्टम डिजाइन किया है. उन्होंने चंद्रयान -1, GSAT-12 और ASTROSAT के लिए प्रोजेक्ट मैनेजर, एंटीना सिस्टम के तौर पर काम किया. वर्तमान में वह डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर हैं, जो चंद्रयान -2 की आरएफ प्रणाली के लिए जिम्मेदार हैं और यूआर राव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी) के ‘इलेक्ट्रोमैग्नेटिक्स’ खंड के प्रमुख हैं.

******** 4 अहम बदलाव **************

>> ISRO ने चंद्रयान-2 की यात्रा के दिन 6 दिन कम कर दिए हैं. इसे 54 दिन से घटाकर 48 दिन कर दिया गया है. देरी के बाद भी चंद्रयान-2 6 सितंबर को चांद के साउथ पोल पर लैड करेगा.

>> ISRO ने चंद्रयान-2 के लिए पृथ्वी के चारों तरफ अंडाकार चक्कर में बदलाव किया है, एपोजी में 60.4 किमी का अंतर आ गया है.

>> ISRO ने पृथ्वी के ऑर्बिट में जाने का समय करीब एक मिनट बढ़ा दिया गया है.

>> चंद्रयान-2 की वेलोसिटी में 1.12 मीटर प्रति सेकंड का इजाफा किया गया है.

साउथ पोल पर लैंडिंग

चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग चांद के साउथ पोल पर एक रोवर को उतारने के उद्देश्य से की जा रही है. अभी तक इस जगह पर कोई भी देश नहीं पहुंचा है. चांद के साउथ पोल पर स्पेसक्राफ्ट उतारने के बाद भारत ऐसा करने वाला पहला देश बन जाएगा.

*** चंद्रयान-1 का सेकेंड एडिशन है चंद्रयान-2

चंद्रयान-2 वास्तव में चंद्रयान-1 मिशन का ही नया एडिशन है. इसमें ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) शामिल हैं.

चंद्रयान-1 में सिर्फ ऑर्बिटर था, जो चंद्रमा की कक्षा में घूमता था. चंद्रयान-2 के जरिए भारत पहली बार चांद की सतह पर लैंडर उतारेगा.

यह लैंडिंग चांद के साउथ पोल पर होगी. इसके साथ ही भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर स्पेसक्राफ्ट उतारने वाला पहला देश बन जाएगा.

************** चंद्रयान-2 की खासियत

– चंद्रयान-2 का वज़न 3.8 टन है, जो आठ वयस्क हाथियों के वजन के लगभग बराबर है.

– इसमें 13 भारतीय पेलोड में 8 ऑर्बिटर, 3 लैंडर और 2 रोवर होंगे. इसके अलावा NASA का एक पैसिव एक्सपेरिमेंट होगा.

– चंद्रयान 2 चंद्रमा के ऐसे हिस्से पर पहुंचेगा, जहां आज तक किसी अभियान में नहीं जाया गया.

– यह भविष्य के मिशनों के लिए सॉफ्ट लैंडिंग का उदाहरण बनेगा.

– भारत चंद्रमा के धुर दक्षिणी हिस्से पर पहुंचने जा रहा है, जहां पहुंचने की कोशिश आज तक कभी किसी देश ने नहीं की.

– चंद्रयान 2 कुल 13 भारतीय वैज्ञानिक उपकरणों को ले जा रहा है.

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