कौशल विकास कार्यक्रम —-आवश्यकताओं के अनुसार ट्रेड विकसित किये जाने चाहिए— मुख्यमंत्री योगी

कौशल  विकास  कार्यक्रम  —-आवश्यकताओं  के  अनुसार ट्रेड  विकसित  किये  जाने  चाहिए— मुख्यमंत्री योगी

लखनऊ : ——–उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि व्यावसायिक एवं कौशल विकास सम्बन्धी प्रशिक्षण हेतु वर्तमान आवश्यकताओं के अनुसार ट्रेड विकसित किये जाने चाहिए। इससे प्रशिक्षित युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ‘हर घर नल’ योजना का शुभारम्भ करने जा रही है। उज्ज्वला योजना के तहत बड़ी संख्या में रसोई गैस कनेक्शन वितरित किये गये हैं। इलेक्ट्रिक वाहन वर्तमान की आवश्यकता है। इन नई जरूरतों के दृष्टिगत व्यावसायिक एवं कौशल विकास ट्रेड विकसित कर युवाओं को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री लोक भवन में केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री डाॅ0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय के साथ कौशल विकास के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री को राज्य में व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास मिशन के कार्याें में हर सम्भव सहयोग के आश्वासन के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप कौशल विकास कार्यक्रम को आगे बढ़ायेगी।

मुख्यमंत्री केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के अधिकारियों के अनुरोध पर माह अगस्त, 2019 के अंतिम सप्ताह में कजान,रूस में आयोजित हो रही विश्व कौशल प्रतियोगिता में राज्य का प्रतिनिधिमण्डल भेजने के निर्देश दिये। उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा कानपुर में स्थापित किये जा रहे ‘इण्डियन इंस्टीट्यूट आॅफ स्किल’ के कार्याें में तेजी लाने के लिए हर सम्भव सहयोग के निर्देश भी दिये।

समीक्षा के दौरान केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री डाॅ0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश ने अच्छी प्रगति की है। राज्य में व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास के कार्याें को कन्वर्जेंस के माध्यम से आगे बढ़ाने की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के इस माॅडल को पूरे देश मंे लागू किया जाना चाहिए। केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय राज्य सरकार के सहयोग के लिए सदैव तत्पर है।

समीक्षा के दौरान कौशल विकास सचिव श्री भुवनेश कुमार ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से अवगत कराया कि प्रदेश के युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण आई0टी0आई0 तथा उ0प्र0 कौशल विकास मिशन (यू0पी0एस0डी0एम0) के तहत दिया जाता है। वर्तमान में प्रदेश में 305 राजकीय आई0टी0आई0 तथा 2867 निजी आई0टी0आई0 संचालित हैं। वर्ष 2013-14 में राज्य में 217 राजकीय आई0टी0आई0 और इनकी प्रशिक्षण क्षमता 53088 सीटों की थी। जबकि वर्ष 2019-20 में राजकीय आई0टी0आई0 की संख्या बढ़कर 307 तथा प्रशिक्षण क्षमता बढ़कर 1,69,864 सीटों की हो गयी है।

भारत सरकार द्वारा व्यवसायों हेतु पूर्व में लागू सुपर-न्यूमरेरी व्यवस्था को समाप्त कर व्यवसायों के एककों में सीटों की संख्या को स्थिर कर दिया गया है, जिसके कारण प्रशिक्षण क्षमता में 33,116 सीटों की वृद्धि हो गयी है। इन बढ़ी सीटों से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग हेतु अनुमन्य 10 प्रतिशत आरक्षण व्यवस्था को प्रदेश के राजकीय आई0टी0आई0 में लागू कर दिया गया है।

वित्तीय वर्ष 2017-18 व 2018-19 में स्वीकृत किये गये 39 नये राजकीय आई0टी0आई0 वर्तमान में निर्माणाधीन हैं। इनके क्रियाशील होने से 20,592 प्रशिक्षण सीटों की वृद्धि हो जाएगी। प्रदेश की असेवित तहसीलों/विकास खण्डों एवं विधानसभा क्षेत्रों में 123 नये राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को स्थापित किया गया है। प्रवेश प्रक्रिया को
युक्तिसंगत बनाते हुए ब्लाॅकवार, तहसीलवार व जिलेवार आरक्षण को लागू करते हुए उसे जनोपयोगी बनाया गया है।

कौशल विकास सचिव ने कहा कि भारत सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गयी वित्तीय सहायता के माध्यम से प्रदेश के 203 राजकीय आई0टी0आई0 में बाॅयोमैट्रिक उपस्थिति प्रणाली स्थापित की गयी है। राज्य के 135 राजकीय आई0टी0आई0 द्वारा आई0एस0ओ0 : 29990 प्रमाणन प्राप्त किया गया है। आई0टी0आई0 में आधुनिकीकरण के तहत उच्च तकनीकी मशीनें एवं उपकरण लगाये गये हैं। साथ ही, बुक बैंक और बेहतर अनुशासन के लिए डांगरी/वर्दी निःशुल्क वितरित करायी गयी है।

उन्होंने बताया कि भारत सरकार के निर्देशों के अनुपालन में प्रदेश के समस्त निजी आई0टी0आई0 की जांच करायी गयी, जिनमें से 108 की मान्यता निरस्त की गयी।

विगत एक वर्ष में राजकीय आई0टी0आई0 मंे एस0सी0टी0टी0 के अन्तर्गत संचालित 1,08,870 सीटों की मान्यता एन0सी0वी0टी0 से करायी गयी है। वर्तमान में कुल उपलब्ध 1,69,864 सीटों में से 1,50,450 सीटेएन0सी0वी0टी0 से मान्यता प्राप्त हैं। व्यावसायिक प्रशिक्षण में उद्योगों की सहभागिता को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश के कुल 139 आई0टी0आई0 में उद्योगों द्वारा प्रबन्ध समिति की अध्यक्षता के माध्यम से प्रशिक्षण के उच्चीकरण में सहयोग किया जा रहा है।

कौशल विकास सचिव ने बताया कि प्रदेश में संचालित विभिन्न कौशल विकास योजनाओं को कन्वर्जेन्स के माध्यम से संचालित किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के तहत 10.52 लाख प्रशिक्षार्थी पंजीकृत हैं। इनमें से 7.90 लाख प्रशिक्षित किये गये हैं, जिनमें से 3.04 लाख सेवायोजित हुए हैं। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण प्रक्रिया पूर्णतया आॅनलाइन की गयी है। मण्डल स्तर पर वृहद रोजगार मेलों का नियमित आयोजन किया जा रहा है।

इस अवसर पर व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री श्री चेतन चैहान, राज्यमंत्री श्री सुरेश पासी, केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता सचिव डाॅ0 के0पी0 कृष्णन, संयुक्त सचिव श्री राजेश अग्रवाल, सचिव मुख्यमंत्री श्री मृत्युंजय कुमार नारायण, निदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजन श्री कुणाल सिल्कू सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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