- January 12, 2019
बौद्ध महोत्सव का अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप, भगवान बुद्ध के संदेशों को पूरी दुनिया में पहुॅचाना है:- मुख्यमंत्री
पटना———:- तीन दिवसीय बौद्ध महोत्सव का बोधगया के कालचक्र मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बौद्ध महोत्सव के आयोजन के पूर्व भी मैं यहाॅ कार्यक्रमों में भाग लेता रहा हूॅ। हर साल फरवरी में यहाॅ आयोजन होते थे। पिछले साल मैंने एक सुझाव दिया था कि पूजा अवधि में इसका आयोजन करें ताकि श्रद्धालु भी इसका लाभ उठा सकें। निग्मा पूजा के दौरान इसका आयोजन किया गया है।
महाबोधि मंदिर जाने पर जानकारी मिली कि 8 से 10 लाख श्रद्धालु यहां पूजा कर रहे हैं। बौद्ध महोत्सव सिर्फ एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं है, इसे अंतर्राष्ट्रीय स्वरुप प्रदान किया जा रहा है। इसका आयोजन राज्य सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा किया जाता है, इसमें जिला प्रशासन और बी0टी0एम0सी0 की अहम भूमिका होती है। बी0टी0एम0सी0 के सचिव श्री एन0 दोरजे ने जबसे अपनी सेवायें दी है, तबसे बौद्ध महोत्सव का आयोजन भव्य होता चला गया। इनकी मेहनत और कलाकारों से जुड़ाव का नतीजा है कि प्रतिफल आपको देखने को मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2012 से बौद्ध महोत्सव शुरु हुआ। सिद्धार्थ से भगवान बुद्ध बनने का इतिहास यहाँ से जुड़ा हुआ है लेकिन भगवान बुद्ध का ज्ञान-संदेश प्रेम, शांति और अहिंसा का है। बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जिनकी सोच वैज्ञानिक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान बुद्ध यह कहते थे कि मैं जो बोल रहा हूॅ, उसे सोच विचार कर ही मानो, यही बुद्ध के उपदेशों का साइंटिफिक एप्रोच है।
उन्होंने कहा कि बौद्ध महोत्सव का अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप है और भगवान बुद्ध के संदेशों को पूरी दुनिया में पहुंचाना है। अन्य देशों में बौद्ध धर्म को लोगों ने अपनाया है और आज भी कई देशों में बड़ी संख्या में बौद्ध धर्मावलंबी रहते हैं। बौद्ध धर्म मानने वालों को भगवान बुद्ध के जन्म स्थल के साथ अन्य स्थानों में जाने की इच्छा होती है लेकिन ज्ञान प्राप्ति और प्रथम उपदेश के स्थान पर लोग जाते हैं।
पहले यहां अतिथियों के लिए व्यवस्थायें नहीं थीं, उन्हें काफी परेशानी होती थी, जिसे बढ़ाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाबोधि मंदिर विश्व धरोहर है। बोधगया की घटना के बाद बी0टी0एम0सी0 ने सुरक्षा व्यवस्था में भी काफी सुधार किया है। पहले आने-जाने का एक ही रास्ता था, अब कई रास्ते खोले गए हैं। महाबोधि मंदिर की सुरक्षा को लेकर कई स्तर पर काम किये गये हैं। इसका सौंदर्यीकरण भी किया गया, इन सब चीजों पर राज्य सरकार लगातार ध्यान दे रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बोधगया के स्वरूप को और बेहतर बनाने के लिए जो भी आवश्यकतायें होंगी, राज्य सरकार उसे पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि महाबोधि कल्चर सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया गया, इसका कार्य शुरु हो गया है। 13 एकड़ की भूमि पर 145 करोड़ रूपये की लागत से काम शुरू हो चुका है। भवन निर्माण विभाग के मुताबिक इसे बिहार दिवस 2020 तक पूरा कर लिया जायेगा। इसके बनने के बाद लोग इसे देखने के लिए आएंगे, इससे पर्यटन का भी विकास होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया में एक टकराव का माहौल बनता चला जा रहा है। टकराव के माहौल से छुटकारा पाना होगा, तभी पृथ्वी को बचाया जा सकता है। जब तक पर्यावरण और अपने स्वभाव पर ध्यान नहीं देंगे, तब तक हम इसमें सफल नहीं हो सकेंगे। नालंदा विष्वविद्यालय में कंप्लीट रिजाॅल्यूशन सेंटर का निर्माण किया जायेगा। दुनिया में जितने प्रकार के मतभेद हैं, उसे दूर करने के लिए ऐसे सेंटर बनने चाहिए।
भगवान बुद्ध के विचारांे पर अमल करें और उसके वैज्ञानिक पहलू पर चर्चा करेंगे तो विवादों का निदान संभव है। सभी धर्मों के प्रति हमारे मन में सम्भाव का भाव होना चाहिए। बौद्ध महोत्सव सिर्फ एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं है, इससे पूरे विश्व को सहिष्णुता का संदेश जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाबोधि मंदिर में बोधिवृक्ष है, जहां महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई। कई बार इसे खंडित करने की कोशिश की गई लेकिन यह संभव नहीं हो सका। सभी बौद्ध धर्मावलंबियों का स्वागत करते हुए उनको आश्वस्त करता हूॅ कि आपको बिहार और बोधगया में किसी प्रकार की तकलीफ नहीं होगी।
बौद्ध महोत्सव के अवसर पर आपस में भाईचारे का माहौल, प्रेम और सद्भाव का वातावरण रखकर खुद भी आगे बढ़ सकेंगे और समाज को भी आगे बढ़ा सकेंगे। यहां उपस्थित देश विदेश के नागिरकों और कलाकारों को मैं धन्यवाद देता हूॅ एवं उनका अभिनंदन करता हूॅ।
बौद्ध महोत्सव के उद्घाटन से पूर्व मुख्यमंत्री ने ग्रामश्री मेला का उद्घाटन किया तथा अन्य विभागों द्वारा लगाए गए स्टालों का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने बोधगया में 365.24 करोड़ रूपये की 59 योजनाओं का उद्घाटन एवं 146 योजनाओं का शिलान्यास भी किया।
इस अवसर पर बौद्ध महोत्सव-2018 पर आधारित एक वृत्तचित्र का प्रदर्शन किया गया। बौद्ध महोत्सव से संबंधित ‘तथागत स्मारिका’ का विमोचन किया गया। इस मौके पर सतत् जीविकोपार्जन के तहत उद्यमी जीविका दीदियों को मुख्यमंत्री ने शॉल एवं सोलर लैंप प्रदान किया। मुख्यमंत्री का स्वागत पुष्प-गुच्छ एवं प्रतीक चिह्न भेंटकर किया गया। इस मौके पर श्रीलंका, म्यंमार, वियतनाम, कम्बोडिया, इंडोनेशिया के कलाकारों ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह प्रदान किया।
बौद्ध महोत्सव के अवसर पर शिक्षा मंत्री श्री कृष्ण नन्दन प्रसाद वर्मा, विधायक श्री राजीव रंजन दांगी, विधायक श्री विनोद प्रसाद यादव, प्रधान सचिव पर्यटन श्री रवि मनुभाई परमार ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर वेनेरबुल लेनचिंग फोंगवेजी, चेयरमैन लिंगवा मोनवे जी, चेयरमैन थमपा महादोरजे जी, चीफ मॉन्क ऑफ बौद्धिस्ट टेम्पल, विधायक श्री अभय कुशवाहा, विधान पार्षद श्रीमती मनोरमा देवी, विधान पार्षद श्री संजीव श्याम सिंह, विधान पार्षद श्री कृष्ण कुमार सिंह अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, मगध प्रमंडल की आयुक्त सुश्री टी0 बिंदेश्वरी, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, पुलिस उप महानिरीक्षक श्री विनय कुमार, गया के जिलाधिकारी श्री अभिषेक सिंह, गया के वरीय पुलिस अधीक्षक श्री राजीव कुमार मिश्रा, बी0टी0एम0सी0 के सचिव श्री एन0 दोरजे, भन्तेगण सहित अन्य वरीय पदाधिकारीगण एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
बौद्ध महोत्सव में हिस्सा लेने से पहले मुख्यमंत्री ने महाबोधि मंदिर में पूजा अर्चना की। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने महाबोधि मंदिर के गर्भ गृह में पूजा अर्चना की उसके बाद बोधिवृक्ष की पूजा कर मंदिर परिसर का भ्रमण किया। मंदिर परिसर के भ्रमण के बाद मुख्यमंत्री ने टूरिस्ट असिस्टेंट सेंटर का उदघाट्न किया।