बिजली की अधिकतम मांग पहुँची 13,550 मेगावाट के ऊपर

बिजली की अधिकतम मांग पहुँची 13,550 मेगावाट के ऊपर

एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक श्री संजय कुमार शुक्ल ने बताया कि इस वर्ष रबी सीजन में 27 दिन बिजली की मांग 13हजार मेगावाट से ऊपर दर्ज हुई। प्रदेश में 17 नवम्बर को पहली बार 13 हजार 35 मेगावाट से बिजली की मांग प्रांरभ हुई। इस रबी सीजन के दौरान प्रदेश में 24 दिसंबर को सर्वाधिक बिजली की मांग 13 हजार 550 मेगावाट के ऊपर दर्ज हुई, जिसकी सफलता से आपूर्ति की गई।

प्रदेश में पिछले वर्ष के आज के दिन की तुलना में 1600 मेगावाट से ज्यादा की वृद्धि दर्ज हुई है। पिछले वर्ष की तुलना में बिजली की मांग में वृद्धि‍होने का मुख्य कारण घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे और कृषि क्षेत्र में 10 घंटे सतत् और गुणवत्तापूर्ण बिजली की आपूर्ति है।

श्री शुक्ल ने बताया कि पिछले वर्ष की अधिकतम बिजली की मांग 28 दिसंबर 2017 को 12 हजार 240 मेगावाट दर्ज की गई थी। इस रबी सीजन में अभी तक बिजली की अधिकतम मांग 24 दिसंबर को 13 हजार 550 मेगावाट के ऊपर पहुँच चुकी है।

17 नवम्बर को 13035 मेगावाट, 20 नवम्बर को 13,053 मेगावाट, 21 नवम्बर को 13,080 मेगावाट, 23 नवम्बर को 13,255 मेगावाट, 25 नवम्बर को 13,276 मेगावाट, 26 नवम्बर को 13,200 मेगावाट, 27 नवम्बर को 13,304 मेगावाट, 4 दिसंबर को 13,430 मेगावाट, 8 दिसंबर को 13,474 मेगावाट और 24 दिसंबर को 13,550 मेगावाट से ऊपर बिजली की अधिकतम मांग दर्ज हुई है।

पश्चि‍म क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (इंदौर व उज्जैन) में 5,500 मेगावाट से ऊपर की बिजली की मांग दर्ज हुई है। वहीं मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (भोपाल व ग्वालियर) में 4,500 मेगावाट के ऊपर एवं पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (जबलपुर, सागर व रीवा) में भी 3,600 मेगावाट के ऊपर बिजली की मांग दर्ज हुई है।

Related post

क्या भारत एक स्वस्थ युवाओं का देश भी है?

क्या भारत एक स्वस्थ युवाओं का देश भी है?

डॉक्टर नीलम महेंद्र : वर्तमान  भारत जिसके विषय में हम गर्व से कहते हैं कि यह…
नेहरू से हमें जो सीखना चाहिए

नेहरू से हमें जो सीखना चाहिए

कल्पना पांडे————-इतने सालों बाद हमे शर्म से ये स्वीकार कर लेना चाहिए कि धार्मिक आडंबरों, पाखंड…
और सब बढ़िया…..!   अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)

और सब बढ़िया…..! अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)

अतुल मलिकराम ——– सुख और दुःख, हमारे जीवन के दो पहिये हैं, दोनों की धुरी पर…

Leave a Reply