- November 2, 2018
अंत्योदय मेले में 1640 महिलाओं को सिलाई मशीनें
*** विभिन्न योजनाओं के 288 लाभार्थियों को प 1 करोड़ 45 लाख 88 हजार की राशि
*** श्रमिकों की पासबुक दबाकर रखने वाले बिचौलियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
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बरवाला—–श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रदेश में श्रम कार्य से जुड़े किसी भी श्रमिक को अपने परिवार के स्वास्थ्य, बच्चों की पढ़ाई तथा शादी के खर्च की चिंता करने की जरूरत नहीं है। इसकी चिंता अब प्रदेश सरकार करेगी।
राज्यमंत्री नायब सैनी आज अनाज मंडी में आयोजित अंत्योदय मेले-श्रमिक जागरूकता एवं सम्मान समारोह में मौजूद हजारों श्रमिकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने मेले में आई 1640 श्रमिक महिलाओं को सिलाई मशीनें वितरित कीं तथा विभिन्न योजनाओं के 288 लाभार्थियों को 1 करोड़ 45 लाख 88 हजार रुपये की धनराशि प्रदान की।
राज्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि बीमार होने पर स्वास्थ्य सेवाएं, अपने बच्चों की पढ़ाई और उनकी शादी, ये तीन खर्च हर व्यक्ति की चिंता के विषय होते हैं। श्रमिकों के लिए तो यह चिंता से ज्यादा समस्या बन जाती है जब दवाई और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में उनका अपना दम तोड़ जाता है।
गरीबों को स्वास्थ्य चिंताओं से मुक्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने श्रम विभाग में पंजीकृत प्रत्येक श्रमिक व उनके परिजनों को आयुष्मान भारत योजना में शामिल करने का निर्णय लिया है जिसके तहत परिवार को किसी भी बीमारी पर एक साल में 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी।
अभी तक प्रदेश के सभी सरकारी, 175 निजी अस्पतालों, सभी मेडिकल कॉलेज तथा ईएसआई केंद्रों पर यह सुविधा दी जा रही है। भविष्य में और अधिक निजी अस्पतालों को इस योजना में शामिल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस दिशा में महत्वपूर्ण पहल करते हुए श्रमिकों के पहली से आठवीं कक्षा तक में पढऩे वाले बच्चों को 8 हजार रुपये, 9वीं से 12वीं कक्षाओं तक के बच्चों को 10 हजार रुपये, स्नातक, आईटीआई व बहुतकनीकी कोर्स करने वाले बच्चों को 15 हजार रुपये, स्नातकोत्तर करने वाले बच्चों को 20 हजार रुपये की छात्रवृति तथा डॉक्टर, इंजीनियर, वकालत की पढ़ाई और आईएएस की तैयारी करने वाले बच्चों की फीस व हॉस्टल खर्च देने की पहल की है। सरकार चाहती है कि श्रमिकों के बच्चे पढ़-लिखकर काबिल बनें और जीवन में सफलता प्राप्त कर सकें।
इसी प्रकार श्रमिकों की बेटियों की शादी के लिए 51 हजार रुपये मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना तथा 50 हजार रुपये श्रम विभाग के माध्यम से दी जाती है। यह राशि शादी से तीन दिन पहले तक या तो श्रमिक के खाते में भिजवाए जाते हैं या विभाग का अधिकारी श्रमिक के घर जाकर इस राशि का चेक सौंपता है।
श्रमिक के बेटे की शादी के लिए भी सरकार द्वारा 21 हजार रुपये दिए जाते हैं। जीवन की इन तीनों मुख्य चिंताओं से प्रदेश सरकार ने श्रमिकों को पूरी तरह से मुक्त कर दिया है। पहले दुर्घटना होने पर श्रमिक परिवारों को मिलने वाली सभी सुविधाओं का लाभ बंद कर दिया जाता था लेकिन वर्तमान सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसी श्रमिक की मृत्यु के बाद भी उसके परिजनों को इन सभी सुविधाओं का लाभ मिलता रहे।
राज्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने चार साल के कार्यकाल में श्रमिकों के लिए 24 योजनाएं चलाते हुए उनके खातों में 600 करोड़ रुपये भिजवाए हैं जबकि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के 10 साल के राज में श्रमिकों पर केवल 28 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। इसके अलावा प्रदेश में 60 हजार श्रमिक महिलाओं को सिलाई मशीनें दी जाएंगी जिनमें से अब तक 35 हजार सिलाई मशीनें वितरित की जा चुकी हैं। उन्होंने बताया कि हिसार क्षेत्र में आयोजित 3 श्रमिक मेलों के माध्यम से श्रमिकों को 88 करोड़ 48 लाख रुपये की धनराशि योजनाओं के तहत दी गई हैं।
उन्होंने बताया कि हर श्रमिक को अच्छी गुणवत्ता का 1150 कैलोरी का भरपेट भोजन केवल 10 रुपये में दिया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश के 9 जिलों में अंत्योदय भोजनालय खोले गए हैं। प्रदेश के अन्य जिलों में भी जल्द ही इस प्रकार के भोजनालय खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि पूर्व में 60 वर्ष से अधिक आयु के श्रमिकों को केवल 1 हजार रुपये पेंशन मिलती थी लेकिन वर्तमान सरकार ने इसमें बढ़ोतरी करते हुए इसे ढाई हजार रुपये कर दिया है।
राज्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा के पिछले 48 वर्ष के इतिहास में सत्ता में आने वाली हर पार्टी ने बिजली की दरों में बढ़ोतरी ही की थी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हर वर्ग की चिंता करते हुए न केवल बिजली की दरों को आधा कर दिया है बल्कि म्हारा गांव जगमग गांव योजना के तहत प्रदेश के सभी गांवों को 24 घंटे बिजली देने का भी लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके तहत अब तक 6 जिलों के 250 गांवों तक 24 घंटे बिजली पहुंचाई जा चुकी है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बकाया बिलों के भुगतान के लिए एक नई योजना बनाई है। इसके तहत जिन व्यक्तियों का बिजली बिल कई-कई सालों से पेंडिंग पड़ा था उनके लिए सरकार ने 40 यूनिट प्रतिमाह की औसत तथा बीपीएल परिवारों के लिए 40 यूनिट प्रतिवर्ष की औसत दर से भुगतान करने की सुविधा दी है। जो एकमुश्त अदायगी न कर सकें उन्हें इसकी 6 किश्तों में अदायगी की सुविधा दी गई है।
उन्होंने कहा कि मैं खुद श्रमिक का बेटा हूं और कामगारों की समस्याओं व दर्द को समझता हूं। इसीलिए मैं मजदूरों के कल्याण के लिए दिन-रात काम कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि मुझसे पहले किसी श्रम मंत्री ने इस प्रकार श्रमिकों के बीच जाकर उन्हें योजनाओं का लाभ नहीं पहुंचाया, जबकि मैंने लेबर चौकों पर जाकर मजदूरों के पंजीकरण तक करवाने का काम किया है ताकि हर श्रमिक को योजनाओं का लाभ मिल सके।
उन्होंने कहा कि सभी श्रमिक श्रम विभाग से मिलने वाली अपनी पासबुक को संभालकर अपने पास रखें, क्योंकि यही उनकी खुशहाली का माध्यम बनेगी। उन्होंने कहा कि पुराने समय में बिचौलिए और दलाल श्रमिकों की कॉपियां अपने पास रख लेते थे और उनसे नियमित रूप से फीस भी लेते रहते थे जबकि समय आने पर उन्हें योजनाओं का लाभ नहीं दिलवाते थे।
उन्होंने कहा कि ऐसे बिचौलियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी जो अभी तक मजदूरों की पासबुक दबाए बैठे हैं। यदि किसी श्रमिक की पासबुक किसी और के पास है तो वे इसकी शिकायत विभाग, पार्टी पदाधिकारियों या प्रशासन से करें ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके। उन्होंने उज्ज्वला योजना की जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चूल्हे पर काम करने वाली महिलाओं को धुएं से निजात दिलाने के लिए मुफ्त में गैस कनेक्शन दिलवाए हैं। यदि अभी तक किसी परिवार के पास सिलेंडर न हो तो वह भाजपा पदाधिकारियों से खाद्यापूर्ति विभाग के अधिकारियों से मिलकर गैस कनेक्शन ले सकता है।
राज्यमंत्री नायब सैनी ने कन्यादान योजना के तहत 127 लाभार्थियों को 1 करोड़ 9 लाख 77 हजार रुपये, मातृत्व योजना के तहत 30 लाभार्थियों को 10 लाख 80 हजार रुपये, पितृत्व योजना के 91 लाभार्थियों को 19 लाख 11 हजार रुपये तथा पुत्र की शादी हेतु 40 लाभार्थियों को 6 लाख 20 हजार रुपये की का लाभ प्रदान किया। उन्होंने 1640 महिलाओं को सिलाई मशीनें वितरित करते हुए बताया कि इन मशीनों की निर्माता इंडस्ट्री द्वारा 2 साल की गारंटी है और यदि इस दौरान कोई मशीन खराब होती है तो मशीन के भीतर रखे गए कार्ड पर अंकित नंबर पर टेलीफोन करें।
खराब मशीन के बदले इंडस्ट्री नई मशीन घर पर देकर जाएगी। यदि वह ऐसा नहीं करती है तो महिलाएं विभाग को सूचना दें।
भिवानी के विधायक घनश्याम दास सर्राफ ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा श्रमिकों व उनके बच्चों के लिए अनेक नई और प्रभावशाली योजनाएं चलाई हैं। इसके लिए सरकार व मुख्यमंत्री मनोहर लाल का आभार जताते हुए उन्होंने श्रमिकों से इन योजनाओं का लाभ उठाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रदेश के सभी 90 हलकों का समान विकास करवाया है।
भाजपा जिला महामंत्री सुरेंद्र पूनिया ने अतिथियों का स्वागत करते हुए राज्यमंत्री नायब सैनी को मुख्यमंत्री मनोहर लाल का सबसे लाडला मंत्री बताया। उन्होंने कहा कि अपनी नायाब सोच के चलते ही राज्यमंत्री ने मजदूरों का यह कुंभ यहां आयोजित किया है जिसके माध्यम से गरीब श्रमिकों को उन्होंने अपने हाथों से दिवाली की सौगातें दी हैं।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनते ही अपनी सरकार को गरीबों व शोषितों की सरकार बताते हुए इनके कल्याण का संकल्प लिया था और वे इस दिशा में बहुत तेजी से आगे भी बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लाल झंडा उठाकर मजदूरों के हितैषी बनने वाले कमिशनखोर मजदूरों के सबसे बड़े दुश्मन हैं जिनसे श्रमिकों को सावधान रहना होगा। उन्होंने कहा कि अन्याय करने वालों के खिलाफ आवाज उठाएं, सरकार आपके साथ है।
दो दिन पहले भाजपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री अत्तर सिंह सैनी ने कहा कि उन्होंने प्रदेश व केंद्र सरकार की सबका साथ-सबका विकास की नीति से प्रभावित होकर भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया है।
उन्होंने श्रमिक महिलाओं से आह्वान किया कि वे अपने पति व बच्चों को नशे की लत से दूर रखने का प्रयास करें ताकि परिवार की उन्नति हो सके। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों में गैस की कालाबाजारी होती थी और गैस सिलेंडर लेने के लिए लोगों को 2 दिन खराब करने पड़ते थे लेकिन आज 4 घंटे में गैस सिलेंडर घर आ जाता है। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग की योजनाओं की जानकारी हर श्रमिक को उठानी चाहिए।
प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रवि सैनी ने कहा कि इस सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि पैसा उसी के पास जाना चाहिए जो इसका असली हकदार है। इसीलिए सरकार ने नकद देने की बजाय सीधे खातों में पैसा भिजवाना शुरू किया है। पूर्ववर्ती सरकारों में योजनाओं का लाभ साधन संपन्न लोग ही उठाते थे और इसके हकदार देखते रह जाते थे। उन्होंने कहा कि हर श्रमिक को अपना पंजीकरण करवाना चाहिए ताकि उन्हें श्रम विभाग की योजनाओं का समुचित लाभ मिल सके।
श्रम कल्याण बोर्ड के चेयरमैन रमेश बल्हारा ने कहा कि विपक्ष सरकार की आलोचना तो करता है लेकिन उसके पास कोई मुद्दा नहीं है। आलोचना करने वालों ने अपने शासनकाल में गरीब की परिभाषा तक निर्धारित नहीं की थी। वर्तमान सरकार ने श्रम विभाग में पंजीकरण करवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति को गरीब मानकर एक बड़े वर्ग को राहत पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि कपड़ा बनाने वालों के तन पर कपड़ा नहीं होता था, जूता बनाने वालों के पैर में जूता नहीं मिलता था और विशाल अट्टालिकाऐं खड़ी करने वालों के पास रहने को घर नहीं होता था लेकिन वर्तमान सरकार ने हर वर्ग की हर जरूरत का ख्याल रखते हुए इन्हें पूरा करने का काम किया है।
समारोह को श्रम कल्याण बोर्ड के सदस्य सुरेंद्र ठाकुर, रोहताश जांगड़ा सहित अनेक वक्ताओं ने संबोधित किया।
इस अवसर पर भाजपा जिला महामंत्री आशा रानी खेदड़, श्रम विभाग की औद्योगिक सुरक्षा एंव स्वास्थ्य इकाई के उपनिदेशक रमेश सिंह, सहायक निदेशक बलराम कुंडू, सुनील नंदा, विवेक बत्तरा व विनीत बेनीवाल, मार्केट कमेटी चेयरमैन रणधीर सिंह धीरू, श्रम कल्याण बोर्ड के सदस्य जंग बहादुर, रोहताश यादव, नरेश इंदौरा, ओपी मालिया, भूषण चुघ, अनिल सैनी मानी, रमिंद्र सिंह शंटी, विक्रम चौहान व कृष्ण वर्मा सहित बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।