प्रधानमंत्री आवास योजना-सबके लिए आवास (शहरी) की प्रगति समीक्षा

प्रधानमंत्री  आवास  योजना-सबके  लिए  आवास  (शहरी)  की  प्रगति  समीक्षा

लखनऊ : ——– उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक भवन में प्रधानमंत्री आवास योजना-सबके लिए आवास (शहरी) की प्रगति समीक्षा करते हुए अधिकारियों को योजना के कार्याें में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि योजनान्तर्गत शहरी क्षेत्रों में सभी पात्र व्यक्तियों को आवास की सुविधा सुनिश्चित की जाए।

उन्होंने पात्र लाभार्थियों की चयन प्रक्रिया को तेजी और पारदर्शिता के साथ सम्पन्न किये जाने के निर्देश दिये। योजना की ब्राण्डिंग और मार्केटिंग पर विशेष बल देते हुए मुख्यमंत्री जी ने योजनान्तर्गत बनकर तैयार आवासों में पात्र लाभार्थियों के गृह प्रवेश के लिए वृहद कार्यक्रम के आयोजन के निर्देश भी दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पारम्परिक रूप से शहरी क्षेत्रों में निवास कर रहे ऐसे व्यक्तियों जिनके आवास जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हों अथवा मिट्टी या टीन आदि से निर्मित हों, उन्हें पात्रता की अर्हता के आधार पर योजना के अन्तर्गत शामिल किया जाए।

मलिन बस्तियों के विकास और सुधार की आवश्यकता जताते हुए उन्होंने इन क्षेत्रों के लिए भी योजनान्तर्गत आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने हेतु योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि योजना की धनराशि का आवास निर्माण पर व्यय सुनिश्चित करने के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति भी की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर निकायों के अधिकारी प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को उचित मूल्य पर निर्माण सामग्री सुलभ कराने के लिए भी प्रयास करें। उन्होंने कहा कि बी0एल0सी0 (लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास निर्माण के लिए सब्सिडी) सहित प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्य घटकों के तहत भी प्रगति बढ़ाने के लिए सम्यक प्रयास किये जाएं। प्रधानमंत्री आवास योजना के ए0एच0पी0 (भागीदारी में किफायती आवास) घटक के तहत निर्मित आवासों के साथ अन्य सामुदायिक जरूरतों यथा पार्क, मार्केट आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए।

बैठक के दौरान प्रमुख सचिव नगर विकास ने बताया कि भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) का शुभारम्भ दिनांक 25 जून, 2015 से हुआ।

योजना का लक्ष्य वर्ष 2022 तक शहरी क्षेत्र के सभी पात्र परिवारों/लाभार्थियों को आवास प्रदान करना है। जून, 2017 तक कुल 10,262 आवासों हेतु भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त हुई थी। अद्यतन कुल 6,83,025 आवासों (बी0एल0सी0-5,84,976 आवास एवं ए0एच0पी0-98,049 आवास) की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त की जा चुकी है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा लाभार्थियों की आर्थिक स्थिति के दृष्टिगत प्रथम किश्त की धनराशि प्लिन्थ लेवल के स्थान पर आवास प्रारम्भ करने के लिए अग्रिम के रूप में दिए जाने की व्यवस्था शासनादेश दिनांक 11.01.2018 के द्वारा दी गई है। इसी प्रकार द्वितीय किश्त के रूप में 1.50 लाख रुपये की धनराशि लिंटल लेवल के स्थान पर प्लिन्थ लेवल पर दिये जाने की व्यवस्था शासनादेश दिनांक 14 सितम्बर, 2018 द्वारा की गयी है।

अद्यतन प्रथम किश्त की धनराशि 1,76,152 लाभार्थियों एवं द्वितीय किश्त की धनराशि 77,253 लाभार्थियों को दी जा चुकी है। माह अक्टूबर, 2018 के अन्त तक 70,315 आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। योजनान्तर्गत अब तक केन्द्रांश और राज्यांश के रूप में प्राप्त कुल 2,430.75 करोड़ रुपये के सापेक्ष 2,306.16 करोड़ रुपये का व्यय किया गया है। सूडा द्वारा भारत सरकार से अब तक प्राप्त 1352.62 करोड़ रुपये के सापेक्ष 1305.54 करोड़ रुपये का उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्रेषित किया जा चुका है।

प्रमुख सचिव नगर विकास ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना-सबके लिए आवास (शहरी) आय सीमा के अनुसार चार घटकों, लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास निर्माण के लिए सब्सिडी (बी0एल0सी0) (वार्षिक आय सीमा 3 लाख रुपये), भागीदारी में किफायती आवास (ए0एच0पी0) (वार्षिक आय सीमा 3 से 6 लाख रुपये), स्व-स्थाने पुनर्विकास इन-सीटू (आई0एस0एस0आर0) (वार्षिक आय सीमा 6 से 12 लाख रुपये) तथा ऋण आधारित सब्सिडी के माध्यम से किफायती आवास (सी0एल0एस0एस0) (वार्षिक आय सीमा 12 से 18 लाख रुपये) में विभाजित है।

लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास निर्माण (नया/विस्तार) के अन्तर्गत अब तक 1,879 परियोजनाओं में 5,84,976 आवासों की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा दी जा चुकी है। बी0एल0सी0 घटक में स्वीकृत आवासों के सापेक्ष कुल 2,15,385 आवासों की जियो टैगिंग की गयी तथा ग्राउण्डिंग का कार्य प्रगति पर है।

भागीदारी में किफायती आवास घटक के अन्तर्गत 108 परियोजनाओं में
98,049 आवासों की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा दी जा चुकी है तथा 6,156 आवासों का कार्य प्रगति पर है। इस प्रकार अब तक कुल 6,83,025 आवासों की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। सी0एल0एस0एस0 घटक के अन्तर्गत अद्यतन 11799 लाभार्थियों को 247.28 करोड़ रुपये की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है।

इस अवसर पर नगर विकास मंत्री श्री सुरेश खन्ना, मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, प्रमुख सचिव नगर विकास श्री मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव आवास श्री नितिन रमेश गोकर्ण सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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