- September 14, 2018
बिना एनओसी के चौथी मंजिल
चंडीगढ़—— हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने कृषि जोन में शैक्षणिक संस्थानों को सीएलयू की अनुमति देने का भी निर्णय लिया है। इसके लिए एनओसी को समाप्त कर दिया गया है। इसके अलावा ग्रीन बिल्डिंग में 3 से 15 प्रतिशत तक एफएआर में छूट दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि कृषि जोन में शैक्षणिक संस्थाओं को स्थापित करने के लिए सीएलयू की अनुमति हेतु राज्य सरकार से जोनिंग विनियमों एवं नियमों में ढील/छूट ली जानी अनिवार्य थी जिससे लोगों को लम्बी प्रकिया से गुजऱना पड़ता था तथा उनके धन एवं समय की हानि होती थी। वर्तमान सरकार ने नई नीति बनाई जिसके अनुसार शैक्षणिक संस्थान अब कृषि जोन में अनुज्ञेय हैं और अब इन गतिविधियों के लिए लोगों को सरकार से छूट लेने की आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने बताया कि राज्य में बिल्डिंग बायलॉज में एकरूपता लाने के लिए हरियाणा भवन संहिता,
2017 बनाया गया है। अब पूरे राज्य में सभी विभाग इसी कोड के तहत अनुमति प्रदान करते हैं। सभी रिहायशी प्लाट भवन योजना एवं कब्जा प्रमाणपत्र हेतु स्व-प्रमाणीकरण प्रणाली लागू की गई है।
2000 वर्ग मीटर के वाणिज्यिक प्लाट के लिए बिल्डिंग प्लान पर स्व-प्रमाणीकरण लागू किया गया है। 1000 वर्ग मीटर तक के कब्जा प्रमाणपत्र हेतु स्व-प्रमाणीकरण लागू किया गया है तथा 1001 से 2000 वर्ग मीटर आकार के एवं 15 मीटर की उंचाई के वाणिज्यिक भवनों पर भी तृतीय पार्टी प्रमाणीकरण लागू किया गया है।
औद्यौगिक प्लाटों पर भी भवन योजना एवं कब्जे हेतु स्व-प्रमाणीकरण लागू किया गया है। रिहायशी भवन में चार मंजिल का प्रावधान किया गया।
उन्होंने बताया कि संस्थागत एवं शैक्षणिक भवनों के लिए 150 प्रतिशत एफएआर भी दिया गया है, जो कि पहले 100 प्रतिशत था। रिहायशी क्षेत्रों में पार्किंग की समस्या का निवारण करने हेतु स्टिल्ट का प्रावधान भी किया गया एवं 150 वर्ग मीटर या इससे अधिक के हरेक रिहायशी प्लाट में कार बे देने के लिए अनिवार्य कर दिया गया।
रिहायशी प्लाटों में बेसमेंट का रिहायशी उपयोग करने की अनुमति दी गई है। ग्रीन बिल्डिंग के मानदण्डों को अपनाने वाले भवन मालिकों को 3 से 15 प्रतिशत तक अतिरिक्त एफएआर का लाभ दिया जाता है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार श्री अमित आर्य, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के प्रधान सचिव श्री ए.के. सिंह व निदेशक श्री के.एम. पांडूरंग, सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक श्री समीर पाल सरो तथा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक श्री जे. गणेशन भी उपस्थित थे।