- September 13, 2018
बढ़ती जनसंख्या व बढ़ती बेरोजगारी वर्तमान युग की सबसे बड़ी समस्या
— 430 महिला स्वयं सहायता समूह
–4800 ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को स्वरोजगार
–20 हजार रूपये स्टार्टअप फण्ड
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पानीपत———– बढ़ती जनसंख्या व बढ़ती बेरोजगारी वर्तमान युग की सबसे बड़ी समस्या बन गई है। इसी के दृष्टिगत सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह बनाने की योजना लागू की है। इस योजना के तहत जिला में अब तक 430 महिला स्वयं सहायता समूह बनाए जा चुके है और इन स्वयं सहायता समूह के माध्यम से जिला की 4800 ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाया गया है। ताकि पानीपत जिला जो देश के सभी प्रदेशों के लोगों को रोजगार देने में अग्रणी माना जाता है।
जिले की महिलाओं को भी स्वरोजगार के माध्यम से अपने पैरो पर खड़े होने के पर्याप्त अवसर उपलब्ध हो सके।
अतिरिक्त उपायुक्त सुजान सिंह के अनुसार यह योजना ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को उनके घर द्वार पर ही स्वरोजगार देने में कारगर साबित हुई है। यहीं कारण है कि जिला की चार हजार आठ सौ महिलाओं को रोजगार देने में सफलता मिली है। उन्होंने बताया कि महिला स्वयं सहायता समूह के लिए उस गांव की 10 से 15 महिलाओं को एक समूह में शामिल किया जाता है।
यदि महिलाओं की संख्या अधिक है तो उस गांव में एक से अधिक स्वयं सहायता समूह बनाए जा सकते है। प्रत्येक सहायता समूहा का नामकरण किया जाता है। उस समूह के सदस्यों में से ही तीन सदस्यों को पदाधिकारी बनाया जाता है। जिनमें प्रधान सचिव और कोषाध्यक्ष पद शामिल है। इसके बाद ये सदस्य अपनी रूचि व अधिकारियों की सलाह के अनुसार स्वयं सहायता समूह के नाम किसी भी निकट के बैंक में खाता खुलवाते है और सभी सदस्य अपनी छोटी-छोटी बचत करके इस खाते में कुछ धन जमा करवाते है।
जब उस समूह को बने हुए तीन महीने से अधिक का समय हो जाता है तो सरकार की ओर से प्रत्येक समूह के खाते में 10 हजार रूपये की राशि रिवोलविंग फण्ड के रूप में जमा करवाई जाती है। यदि वह समूह पंचसूत्रो का ठीक से पालन करता है और उसे बने 6 महीने से अधिक की अवधि हो गई है तो बैंक के माध्यम से उस समूह के खाते में 1 लाख रूपये की राशि और जमा करवाई जाती है।
यदि वह समूह सरकार के दिशानिर्देशो के अनुसार कार्य करते हुए अपने कारोबार को उल्लेखनीय प्रगति की ओर ले जाता है तो 1 लाख रूपये की राशि प्रतिवर्ष दुगनी होती रहेंगी और यह राशि ब्याज मुक्त होगी तथा जब समूह को बने 9 महीने से अधिक का समय हो जाएगा तो अच्छे समूहो के ऊपर एक ग्राम संगठन बनाया जाएगा।
इस संगठन को भी 20 हजार रूपये स्टार्टअप फण्ड के रूप में दिए जाएगे और उस ग्राम पंचायत की ओर से ग्राम संगठन के कार्यालय के लिए भवन भी दिलवाया जाएगा।
इस अवसर पर खण्ड काय्रक्रम प्रबंधक गुरमीत सिंह ने बताया कि अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय के माध्यम से संचालित इस योजना के तहत प्रत्येक जिले में एक जिला कार्यक्रम प्रबंधक एक ब्लॉक कलस्टर ओरडिनेटर और प्रत्येक खण्ड में खण्ड कार्यक्रम प्रबंधक सरकार की ओर से इस योजना को सफल बनाने के लिए लगाया जाता है। इसके अलावा स्वयं सहायता समूह की महिलाएं सरकार की अन्य कल्याणकारी योजनाओ का प्रचार करने व उन्हें सफल बनाने में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान देती है।
उन्होंने बताया कि आज उनके कार्यालय की ओर से जिला के गांव ददलाना में ग्राम संगठन की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता ग्राम संगठन संस्था ददलाना की प्रधान ममता रानी ने की और उन्होंने मुख्यवक्ता के रूप में इस बैठक को सम्बोधित किया और सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में ग्रामीणों को जागरूक किया।