• August 21, 2018

किसान हितैषी अफीम नीति बनाने की मांग

किसान हितैषी अफीम नीति बनाने की मांग

जयपुर——– राजस्थान व मध्यप्रदेश के सांसदों कोटा सांसद श्री ओम बिरला,चित्तौड़गढ सांसद श्री सी.पी.जोशी,भीलवाड़ा सांसद श्री सुभाष बहेडिया, मंदसौर सांसद श्री सुधीर गुप्ता ने मांग की है कि 2018-2019 फसल वर्ष के लिए केन्द्रीय अफीम पालिसी किसान हितैषी बना कर इसे सितम्बर माह में जारी की जाए।

नई दिल्ली में केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री शिव प्रताप शुक्ला की उपस्थिति में आयोजित वित्त मंत्रालय की महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने के दौरान सांसदों ने किसानों की बात रखते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने पिछले चार वर्षो में अफीम काश्तकारों के राहत केे लिए कई ऎतिहासिक निर्णय लिए हैं।

सांसदों ने कहा कि इस वर्ष भी किसानों को औसत के आधार पर ही अफीम लाईसेंस दिए जाएं, ताकि अधिक से अधिक किसान लाभान्वित हो सके ।

सांसदों ने कहा कि किसानों के हित में मार्फिन की शर्त को समाप्त कर दिया जाए या इसको कम कर दिया जाए। किसानों को 2 किग्रा औसत की छूट देकर लाईसेंस प्रदान किये जायें।

100 की औसत में 2016-17 के बाद वाले किसानों को भी सम्मिलित किया जाये।

न्यायालय के माध्यम से एन.डी.पी.एस. संबंधी दोष मुक्त किये गये किसानों को लाईसेंस प्रदान किये जायें। अफीम तोल प्रक्रिया में ‘‘कच्चा तोल’’ बंद किया जाये।

वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 पर बड़वल व गोमाना सी-पार्ट में अफीम तौल केन्द्र व अफीम फैेक्ट्री की जाँच में बहुत अधिक अन्तर होने लाईसेंस काटे गये, इस संबंध में पुनः जाँच की जायें।

अफीम फसल का मूल्य बढ़ाया जाये। अफीम फसल बुवाई के 45 दिनों के अन्दर गिरदावरी कार्य पूर्ण कर लिया जाये।

अफीम लाईसेंस में नाम, उपनाम, पिता, पति के नाम, गाँव इत्यादि में त्रुटि सुधार की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाये। जिन किसानों के द्वारा 84 की औसत प्रदान की गई पॉलिसी में वर्णित मानक अनुसार मार्फिन नहीं बैंठी, जबकि परिणाम में ‘‘वाटर मिक्स’’ आने वाले किसानों की औसत बैठी, इसका भी परीक्षण कराया जाये।

सांसदों ने कहा कि अफीम तौल केन्द्र पर ही अफीम जाँच का अंतिम परिणाम प्राप्त हो सके ऎसी प्रक्रिया अपनाई जाये। आगामी माह सितम्बर-2018 के अन्तिम सप्ताह तक अफीम किसानों को लाईसेंस प्रदान कर दिये जायें। वर्ष 1998 से 2017 तक घटिया के कारण निरस्त अफीम लाईसेंस बहाल किये जायें।

अफीम किसानों को जारी किये जाने वाले लाईसेंस में ‘‘नामों का शुद्धिकरण’’ विशेष केंप आयोजित करके किया जाये। अफीम लाईसेंस स्वीकृत होने के पश्चात् किसी भी कारण बुवाई नहीं करने से कटे हुऎ पट्टे बहाल किये जायें। मिलावट के कारण बंद किये गये पट्टे एक बार फिर माफी देकर बहाल किये जावें।

बैठक में चित्तौड़गढ सांसद श्री सी.पी.जोशी कहा कि संसदीय क्षेत्र के 80-82 किसानों के सेम्पल के आधार पर ही जांच कर उनके लाईसेंस बहाल किया जायें। अधिक किसान लाभान्वित हो ऎसी नीति घोषित करने का आग्रह किया।

बैठक आरम्भ होने से पूर्व सांसद श्री जोशी ने केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला को 1998 से 2003 तक औसत मे एक किलो की छूट देने का निर्णय करने एवं 2004-05 से 2015-16 तक के वर्षो में अफीम खेती के गत पांच सालाें में कुल पांच वर्षो के योग एवं पांचों वर्ष की औसत 100 प्रतिशत बराबर देने वाले किसानों को लाईसेंस जारी करने के निर्णय से संसदीय क्षेत्र में हजारों नये लाईसेंस बहाल करने के लिये धन्यवाद देते हुऎ चित्तौड़गढ़ एवं श्रीसॉवरियाजी पधारने का आमंत्रण दिया।

इस अवसर पर पूर्व उप जिला प्रमुख श्री मिठ्ठु लाल जाट एवं बगदीराम धाकड़, नीमच विधायक दिलीप सिंह परिहार, राजस्व विभाग के विशेष सचिव जी.सी.मूरमु, संयुक्त सचिव रित्विक पाण्डेय,नारकोटिक्स निदेशक दिनेश बोध,नारकोटिक्स कमिश्नर ग्वालियर राजेश पुरी, नारकोटिक्स डायरेक्टर मयंक सिंह आदि उपस्थित थे।

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