• August 20, 2018

सूक्ष्म, लघु एवं मध्य उद्यमों के लिए क्लस्टर आधारित एप्रोच अपनाएं – सचिव, एमएसएमई

सूक्ष्म, लघु एवं मध्य उद्यमों के लिए क्लस्टर आधारित एप्रोच अपनाएं – सचिव, एमएसएमई

जयपुर———– एमएसएमई सचिव श्री नवीन महाजन ने कहा है कि प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्य उद्यमों के तेजी से विकास में भागीदारी के लिए क्लस्टर आधारित एप्रोच अपनानी होगी।

श्री महाजन सोमवार को उद्योग भवन में आयुक्त डॉ. समित शर्मा के साथ प्रदेश में केन्द्र व राज्य सरकार के सहयोग से क्लस्टर आधारित विकास की संभावनाएं तलाशने के लिए आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने बताया कि केन्द्र की सहायता से तमिलनाडू में 36 तो हरियाणा में 7 क्लस्टरों के साथ ही अन्य प्रदेशों में भी क्लस्टरों का सफलता पूर्वक संचालन किया जा रहा है,ऎसे में प्रदेश में भीक्लस्टर विकसित कर छोटे उद्यमियों को बड़ी राहत देनी होगी।

श्री महाजन ने उद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारी या अधिकारियों के दल को क्लस्टरों के गठन और सफल संचालन का अध्ययन कर अतिशीघ्र रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा ताकि प्रदेश में छोटे उद्यमियों के लिए केन्द्र व राज्य सरकार के सहयोग से क्लस्टर विकसित किए जा सके। उन्होंने प्रदेश में एक ही क्लस्टर संचालित होने पर गंभीर चिंता व्यक्त की।

आयुक्त डॉ. समित शर्मा ने बताया कि प्रदेश में क्षेत्र विशेष के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमियाें या परंपरागत उद्यमों के संरक्षण व संवद्र्धन के लिए क्लस्टर विकसित कर आगे बढ़ाया जाएगा।

उन्होंने बताया कि मांग के अनुसार प्रशिक्षण, ट्रिटमेंट, मार्केटिंग, कॉमन रॉ मैटेरियल, पॉल्यूशन कंट्रोल आदि के क्लस्टर विकसित किए जा सकते हैं।

डॉ. शर्मा ने लक्ष्य आधारित कार्य योजना बनाते हुए क्लस्टर के लिए साप्ताहिक-पाक्षिक प्रगति समीक्षा कर गतिशील बनाया जाएगा ताकि आने वाले एक माह में प्रदेश में नए क्लस्टर विकसित किया जा सके।

उन्होंने साफ किया कि क्लस्टरों का विकास सक्षमता के आधार पर किया जाएगा और यह क्लस्टर सहभागी की भूमिका निभायेंगे। बैठक में बताया कि क्लस्टरों के लिए केन्द्र सरकार ने सहायता के नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

बैठक में अतिरिक्त निदेशक श्री पीके जैन, संयुक्त निदेशक व प्रभारी श्री संजीव सक्सैना, सहायक निदेशक श्री रश्मीकांत नागर, केन्द्र सरकार के एमएसएमई के उप निदेशक श्री विकास गुप्ता एवं सहायक निदेशक श्री अजय शर्मा ने सुझाव दिए।

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