- August 8, 2018
18 फिट गहरा पानी टैंक -अनहोनी के लिये विभाग की जिम्मेदारी नहीं
**********किसान कल्याण जागरुकता शिविर**********
*************************************************
रेवाड़ी—- – जनस्वास्थ्य अभियान्त्रिकी विभाग के कार्यकारी अभियंता रविन्द्र गोठवाल ने कहा है कि बधराना में बनाई गई पेयजल योजना के अन्दर बधराना गांव व उसके आस-पास के बच्चें नहाते हुए पकडे गये है।
उन्होंने कहा कि बधराना पेयजल योजना के लिए बनाया गया पानी का टैंक 18 फिट गहरा है। उन्होंने कहा कि इसके अन्दर नहाना कानूनन अपराध है।
यदि इसमें कोई बच्चा व व्यक्ति नहाता हुआ पकडा गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी तथा अगर कोई बच्चा डूब गया या अनहोनी घटना हो जाती है तो इसके लिए विभाग की कोई जिम्मेदारी नहीं है।
गोठवाल ने बधराना आस-पास गांव के लोगो से आग्रह किया कि इसके अन्दर न नहाये, यह लोगो के लिए पेयजल के लिए बनाई गई योजना है।
**********किसान कल्याण जागरुकता शिविर**********
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग रेवाडी द्वारा जाटूसाना में किसान मेले व प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
हरियाणा किसान आयोग के चेयरमैन डा. रमेश यादव कार्यक्रम में किसानो का आह्वान किया कि फसल अवशेष प्रबन्धन के तहत सीएचसी स्थापित करने के लिए स्कीम का फायदा उठायें। इस योजना के तहत 40 से 80 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पराली के प्रबन्धन से पर्यावरण सुरक्षित व भूमि की उर्वरता शक्ति बढती है। किसान वेस्ट डि कम्पोजर के जरिए फसल अवशेष से खाद बनाई जा सकती है।
गुरूग्राम लोकसभा निगरानी समिति के समन्वयक लक्ष्मण सिंह यादव ने कहा कि पराली जलाने से न सिर्फ वायु प्रदूषण होता है बल्कि मिट्टी की उपजाऊ क्षमता भी कम हो जाती है। उन्होंने बताया कि अक्सर किसान फसल कटाई के बाद फसलों के अवशेषों को जला देते है, जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता है और भूमि की उर्वरा शक्ति भी प्रभावित होती है। इसके अलावा इससे चारे की भी कमी होती है। इस स्थिति से निपटने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा यह योजना शुरू की गई है।
कृषि उपनिदेशक डा. चाँदराम ने बताया कि मौजूदा समय में पराली निपटारे को लेकर कई तरह के उपकरण बाजार में आ चुके हैं, जिनसे पराली को बिना जलाए उसका खेतों में प्रयोग किया जा सकता है, मिट्टी मेें मिलाया जा सकता है जिससे भूमि की उपजाऊ शक्ति बढती है और आगामी फसल भी अच्छी होती है।
उपमंडल कृषि अधिकारी डा. दीपक ने किसानो से पराली न जलाने तथा इसके प्रबन्धन का आहवान किया।
इस अवसर पर कृषि अधिकारी डा. योगेश व डा. मनोज, डा. श्याम, के वी के रामपुरा के विषय विशेषग्य (मृदाविग्यान) डा. अनिल, पशु पालन विभाग के डा. राजकुमार, डी डी एम नाबार्ड श्री विशाल शर्मा तथा मत्स्य विभाग से पूजा यादव आदि विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।