• August 6, 2018

महिला अपराध से संबंधित सभी शिकायतों पर व्यक्तिगत रूप से निगरानी सुनिश्चित करें— पुलिस महानिदेशक, श्री बी0 एस0 संधू

महिला अपराध से संबंधित सभी शिकायतों पर व्यक्तिगत रूप से निगरानी सुनिश्चित करें— पुलिस महानिदेशक, श्री बी0 एस0 संधू

चंडीगढ़———-हरियाणा पुलिस महानिदेशक, श्री बी0 एस0 संधू ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे महिला अपराध से संबंधित सभी शिकायतों पर व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर सुनिश्चित करें कि राज्य के सभी पुलिस थानों में ऐसे सभी मामले तुरंत दर्ज किए जाएं।

श्री संधू पुलिस मुख्यालय में ’एक और सुधार कार्यक्रम’ के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं की प्रगति की समीक्षा के दौरान सभी रेंज आईजी, पुलिस आयुक्त और जिला पुलिस अधीक्षकों को एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित कर रहे थे।

उल्लेखनीय है कि 12 जुलाई को मुख्यमंत्री की घोषणाओं के अनुसार, प्रदेष में बलात्कार के मामलों में दोषी लोगों को अब हथियार व ड्राइविंग लाइसेंस, वृद्धावस्था पेंशन, दिव्यांग पेंषन जैसी सभी सरकारी सुविधाओं से वंचित कर दिया जाएगा।

पुलिस अधिकारियों को स्पष्ट संदेश देते हुए श्री संधू ने कहा कि हमारे लिए प्रत्येक नागरिक, विषेषकर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है । ऐसे मामलों से निपटने के लिए वरिष्ठ अधिकारी को अधिक सक्रिय होना चाहिए और उन्हें यौन अपराधों की शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जो पुलिस अधिकारी अपने संबंधित पुलिस स्टेशनों में बलात्कार और छेड़छाड़ से संबंधित शिकायत दर्ज नहीं करेंगे, उनकी सेवाओं को निलंबित कर दिया जाएगा। सभी महिला पुलिस स्टेशन सीधे तौर पर एसपी व डीसीपी के अधीन कार्य कर रहे हैं। सभी अधिकारी व्यक्तिगत रूप से ऐसे मामलों की जांच कर यह भी सुनिश्चित करें कि ऐसे मामले को दर्ज करवाने में महिलाओं या लड़कियों को कोई परेषानी न हो।

आर्म लाइसेंस के निलंबन से संबंधित मुख्यमंत्री घोषणा की समीक्षा करते हुए श्री संधू ने न्यायालय द्वारा बलात्कार, छेड़छाड़ व पोक्सो अधिनियम के तहत दोषी ठहराये गये अभियुक्तों के हथियारों और ड्राईविंग लाइसेंसों की भी जांच करने के आदेष दिए। यदि अभियुक्तो को दोषी ठहराया जाता है, तो वे इन सुविधाओं के लिए पात्र नहीं होगे। उन्होंने राज्य में ऐसे व्यक्तियों के हथियारों के लाइसेंस रद्द करने के लिए जांच प्रक्रिया को तेज करने के भी निर्देश दिये।

बलात्कार और छेड़छाड़ के मामलों में जांच के लिए निर्धारित समय सीमा की समीक्षा करते हुए डीजीपी ने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार, जांच अधिकारी को एक महीने में बलात्कार और 15 दिनों के भीतर छेड़छाड़ के मामले में जांच पूरी करनी होगी, अन्यथा उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने इस तरह के मामलों की साप्ताहिक आधार पर प्रगति की निगरानी करने के भी निर्देश दिय और कहा कि सितंबर के पहले सप्ताह में फिर से समीक्षा बैठक की जाएगी।

महानिदेशक मुख्यालय, श्री के0के0 मिश्रा ने अधिकारियों को पुलिस विभाग से संबंधित मुख्यमंत्री की घोषणाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने महिलाओं के खिलाफ अपराध के गंभीर मामलों की जांच की बारीकी से निगरानी करने और ऐसे अपराधों का पता लगाकर उन्हें उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से रोकने के भी निर्देष दिए।

इस अवसर पर एडीजीपी अपराध, श्री पी0के0 अग्रवाल, एडीजीपी ऑपरेशंस श्री ए0 एस0 चावला, आईजीपी क्राईम अगेंस्ट वूमन, श्रीमती चारू बाली और आईजीपी सुरक्षा श्री राजिंदर सिंह भी उपस्थित थे।

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