- August 1, 2018
भावान्तर भरपाई योजना की समीक्षा— सब्जियों के न्यूनतम संरक्षित मूल्य तय –मुख्य सचिव श्री डी एस ढेसी
चण्डीगढ——– हरियाणा के मुख्य सचिव श्री डी एस ढेसी ने भावान्तर भरपाई योजना की समीक्षा बैठक के दौरान उच्चाधिकारियों को आने वाली फसलों के लिए योजना को और अधिक कारगर ढंग से लागू करने के निर्देश दिये ताकि योजना का लाभ अधिक से अधिक किसानों को मिल सके।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में भावांतर भरपाई योजना का शुभारंभ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने करनाल जिले के गांगर गांव मं 30 दिसंबर, 2017 को किया था।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य मंडी में सब्जी व फल की कम कीमत के दौरान किसानों का निर्धारित संरक्षित मूल्य द्वारा जोखिम कम करना और कृषि में विविधिकरण के लिए किसानों को प्रोत्साहित करना है।
इस योजना के तहत प्रथम चरण में चार सब्जियों टमाटर, प्याज, आलू और फूलगोभी के संरक्षित मूल्य तय किए गए हैं। योजना के अन्तंर्गत यदि किसानों को इन सब्जियों के दाम तय मूल्य से कम मिलते हैं तो उसकी भरपाई सरकार करेगी। उन्हें बताया गया कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जहां किसानों के हितों की रक्षा हेतु सब्जियों के न्यूनतम संरक्षित मूल्य तय किए गए हैं।
इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने हेतु किसान को फसल की पैदावार के दौरान मार्केटिंग बोर्ड की वेबसाइट पर बागवानी भावांतर ई-पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। मंडी में निर्धारित अवधि के अंदर सब्जी के कम दाम बिकने पर वेबसाइट पर बीबीवाई ई-पोर्टल के माध्यम से पंजीकृत किसानों को संरक्षित मूल्य तक भाव के अंतर की सरकार द्वारा भरपाई की जाएगी।
ज्ञातव्य है कि बिक्री की अवधि के दौरान यदि फसल उत्पादन का थोक मूल्य संरक्षित मूल्य से कम मिलता है, तो किसान भाव के अंतर के लिए पात्र होगा। जे-फार्म पर बिक्री तथा निर्धारित उत्पादन प्रति एकड़ (जो भी कम होगा) को भाव के अंतर से गुना करने पर प्रोत्साहन देय होगा।
प्रोत्साहन राशि किसान के आधार लिंक्ड बैंक खाते में बिक्री के 15 दिन के अंदर हस्तांतरित कर दी जाएगी। औसत दैनिक थोक मूल्य मंडी बोर्ड द्वारा चिह्नित मंडियों के दैनिक भाव के आधार पर निर्धारित किया जाएगा।
योजना को प्रभावी तौर पर लागू करने हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय एवं उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समितियों द्वारा समय-समय पर आंकलन किया जाएगा।
बैठक में,खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राम निवास, वित्त विभाग के प्रधान सचिव श्री टी वी एस एन प्रसाद, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के प्रधान सचिव श्री अभिलक्ष लिखी, के अलावा विभिन्न विभागों के वरिष्ठï अधिकारी शामिल थे।