राज्य पोषित योजना के तहत गर्भवती श्रमिकों को मातृत्व भत्ता

राज्य पोषित योजना के तहत गर्भवती श्रमिकों को मातृत्व भत्ता

बेमेतरा :——- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनान्तर्गत गर्भवती महिलाओं को मातृत्व भत्ता दिया जाता है। साल भर में मनरेगा में 15 दिवस कार्य करने वाली गर्भवती महिला को भत्ते के रूप में एक माह की मजदूरी के बराबर राशि देने का प्रावधान है।

मनरेगा में यह राज्य पोषित योजना है। इसमें होने वाले खर्च का प्रावधान बजट में किया गया है। बेमेतरा जिले में बीते वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान 06 महिला हितग्राहियों को 30 हजार रूपए की राशि प्रदान की गई है।

वर्ष 2017-18 में मात्र 02 प्रकरण पाये जाने पर कलेक्टर ने इस योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश रोजगार सहायकों एवं पंचायत सचिवों को दिए है। वर्तमान में मनरेगा की दैनिक मजदूरी दर 174 है।

कलेक्टर एवं महात्मा गांधी नरेगा के जिला कोऑडिनेटर श्री महादेव कावरे ने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा के अन्तर्गत कार्यरत गर्भवती महिला को प्रसूति अवधि के दौरान एक माह की मजदूरी के बराबर राशि मातृत्व अवकाश भत्ता के रूप में प्राप्त होगी।

योजना के पीछे उद्देश्य यह है कि प्रसूति अवधि के दौरान जाब कार्डधारी महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार और स्वस्थ्य शिशु जन्म के लिए सहायता उपलब्ध कराना है। इससे शिशु मत्यु दर एवं मातृ मृत्यु दर में सुधार होगा। कलेक्टर बताया कि मातृत्व भत्ते के लिए वही महिला पात्र होगी, जिसका नाम मनरेगा अन्तर्गत पंजीकृत परिवार को जारी जाब कार्ड में अंकित होगा। इसमें जीवित शिशु जन्म होने बाबत अनिवार्यता नहीं होगी।

सामान्यतः यह भत्ता गर्भधारण के तृतीय तिमाही में देय होगा जिससे कि माता एवं शिशु का सुपोषण सुनिश्चित हो सके। यह राशि मनरेगा के तहत अकुशल श्रमिक के लिए निर्धारित मजदूरी दर से एक माह की मजदूरी के बराबर होगी।

ग्राम पंचायत में देना होगा आवेदन- मातृत्व भत्ता के लिए गर्भवती महिला श्रमिकों को संबंधित ग्राम पंचायतों में आवेदन जमा करना होगा। आवेदन के साथ गर्भधारण की पुष्टि के लिए निकटतम मितानिन द्वारा जारी प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा। यह आवेदन गर्भधारण के तृतीय तिमाही से पूर्व या दौरान दिया जाना होगा, लेकिन यदि किसी आवेदिका द्वारा इस अवधि में आवेदन नहीं दिया गया तो उन्हें मातृत्व भत्ता से वंचित नहीं रखा जाएगा बशर्ते प्रसूति के लिए एक माह के अंदर आवेदन प्रस्तुत किया हो।

ग्राम पंचायत इन आवेदनों की जांच कर पांच दिवस के भीतर स्वीकृत या अस्वीकृत आदेश जारी करेगा। ग्राम पंचायत की स्वीकृति के आधार पर जनपद पंचायत द्वारा तीन दिवस के भीतर मातृत्व भत्ता की राशि आवेदिका के मनरेगा के अन्तर्गत खोले गए खाते में जमा की जाएगी।

मातृत्व अवकाश के आवेदन पर की गई कार्यवाही से असंतुष्ट होने की स्थिति में आवेदिका ग्राम पंचायत की स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति के समक्ष अपील प्रस्तुत कर सकेगी। कलेक्टर ने जिले के ग्राम पंचायत सचिवों को इसका व्यापक प्रचार-प्रसार कर इस योजना का अधिक से अधिक लाभ दिलाने के निर्देश दिए है।

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