- July 7, 2018
पोक्सो एक्ट–बच्चों के शोषण को समाप्त करने तथा समाज की सोच बदलना के उद्देश्य से कार्यशाला
झज्जर——— झज्जर जिला में बच्चों के साथ होने वाले लैंगिग अपराधों तथा पोक्सो एक्ट के तहत स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर लघु सचिवालय परिसर स्थित संवाद भवन में बीते तीन दिनों से जारी कार्यशाला शनिवार को संपन्न हो गई।
जिला प्रशासन, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा जिला बाल संरक्षण इकाई के संयुक्त प्रयासों से आयोजित इस कार्यशाला में एनटीपीसी व मुंबई की गैर सरकारी संस्था अर्पण का विशेष सहयोग रहा। उपायुक्त सोनल गोयल ने इस कार्यशाला का शुभारंभ किया था और प्रथम सत्र को संबोधित किया था।
सीएमजीजीए निषिता बनर्जी ने जानकारी देते हुए बताया कि कार्यशाला के विभिन्न सत्रों में जिला से खण्डवार शिक्षकों ने भागीदारी की। इस कार्यशाला का उद्देश्य बच्चों के साथ होने वाले शोषण को समाप्त करने तथा समाज की सोच बदलना था।
अर्पण संस्था की प्रतिनिधि दीपाली ने कार्यशाला के दौरान सत्रवार बच्चों के विकास को लेकर अपने सुझाव दिए। जेंडर, पावर एवं सेक्सुअलिटी के बारे में बच्चों को बताने के तरीके समझाए। साथ ही बच्चों की अपराधों को लेकर समझ व परिपक्वता विकसित करने के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने बच्चों के मनोबल को बढ़ाने व विषय से संबंधित विभिन्न पहलुओं के बारे में भी शिक्षकों को जागरूक किया।
अर्पण से आए विशेषज्ञ सूरज ने ट्रॉमा और न्यूरोबियोलॉय तथा बच्चों पर पडऩे वाले इनके प्रभावों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बच्चों के साथ होने वाले शोषण को रोकने के लिए शिक्षकों से भी राय ली।
उन्होंने बच्चों को ऐसी घटनाओं की रोकथाम के प्रति जागरूक करने, ऐसी घटनाओं की पहचान करने तथा मदद वाले स्थानों के बारे में भी जानकारी दी। जिला बाल संरक्षण इकाई की ओर से प्रतिभागियों को पोक्सो एक्ट के बारे में तथा स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के बारे में भी जानकारी दी गई। कार्यशाला में भागीदारी करने वालों को अर्पण संस्था की ओर से प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए।
इस अवसर पर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुरेंद्र सिंह चौहान, जिला बाल कल्याण अधिकारी सुरेख हुड्डा, जिला बाल संरक्षण अधिकारी लतिका, अनु, विकास वर्मा आदि अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।