• June 18, 2018

जुवेनाइल जस्टिस एक्ट— बच्चियों (12 साल तक) के यौन अपराध करने वालों को मौत की सजा –मंत्री श्रीमती कविता जैन

जुवेनाइल जस्टिस एक्ट— बच्चियों (12 साल  तक) के   यौन अपराध करने वालों को  मौत की सजा –मंत्री श्रीमती कविता जैन

चंडीगढ़———- हरियाणा की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती कविता जैन ने कहा कि बच्चों के विरुद्ध हो रहे अपराधों को कम करने के लिए महाअभियान की आवश्यकता है, ताकि बच्चे भयमुक्त वातावरण में जी सकें।

यह व्यक्तव्य श्रीमती कविता जैन ने जुवेनाइल जस्टिस (केअर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन) एक्ट 2015 ,प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफन्सेस (पोस्को) एक्ट,2012 व रेस्टोरेटिव जस्टिस विषयों पर आयोजित दो दिवसीय उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रीय समीक्षा सम्मेलन में संबोधित करते हुए कही।

इस सम्मेलन का आयोजन राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और हरियाणा सरकार के आपसी सहयोग से किया जा रहा है।

श्रीमती जैन ने कहा कि जुवेनाइल जस्टिस एक्ट बच्चों के समस्त अधिकारों का एक समावेश है, जिसमें बच्चों को शिक्षा का अधिकार, समानता का अधिकार, निजता का अधिकार या उनके खिलाफ हो रहे किसी भी अपराध के विरुद्ध लड़ाई लडऩे का अधिकार प्राप्त है।

उन्होंने कहा कि इस एक्ट के तहत पीडि़त और अपराध में संलिप्त बच्चों का पुनर्वास किस प्रकार किया जा रहा है और बच्चों के अधिकार इसके माध्यम से सुनिश्चित किए जा रहे हैं या नहीं, आज इन सब विषयों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि जे. जे. एक्ट बच्चों को उनके अधिकारों के लिए लडऩे की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि आज बच्चों के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं और बच्चे ही अपराध कर रहे हैं या उनमें शामिल हो रहे हैं। इन अपराधों की रोकथाम के लिए बच्चों की सही देखभाल , यह सभी हितधारकों की जिम्मेवारी बनती है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार बच्चों के सर्वांगीण विकास पर कार्य कर रही है। हरियाणा सरकार द्वारा बच्चियों के विरुद्ध बढ़ते अपराधों को देखते हुए एक पहल की है जिसके तहत 12 साल तक की बच्चियों के साथ हो रहे यौन अपराध करने वालों को अब मौत की सजा का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा की धरती से ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को शुरू किया था, उस समय हरियाणा लिंगानुपात के मामले में पिछड़े राज्यों के रूप में सामने आया था लेकिन हरियाणा सरकार ने जन्म दर में लगातार सुधार किया और हरियाणा में लिंगानुपात में सुधार आया है।

हरियाणा के इन प्रयासो के लिए राष्ट्रपति ने नारी शक्ति पुरस्कार से हरियाणा को सम्मानित किया है। उन्होंने कहा कि अब सरकार जिला स्तर के बाद ब्लॉक स्तर पर भी नए सुधार करने की ओर अग्रसर है।

उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह कॉन्फ्रेंस केवल चर्चा तक सीमित न रह कर पीडि़तों को मुख्यधारा में कैसे लाया जा सके इस पर भी विचार करेगी। उन्होंने कहा कि बच्चे आज अपराध की तरफ बढ़ रहे हैं, यह भी मंथन का विषय है कि ऐसा क्यों हो रहा है।

श्रीमती जैन ने कहा कि हरियाणा सरकार ने आंगनवाड़ी केंद्रों पर सोलर सिस्टम के तहत लाइट और पंखे लगाने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि राज्य में 26000 आंगनवाड़ी केंद्र हैं जिसमें पहले चरण में 1900 आंगनवाडियों में 2 लाइट, 2 पंखे और एक चार्जेबल पॉइंट सोलर सिस्टम के माध्यम से लगाए जाएंगे।

हरियाणा राज्य मानवाधिकार आयोग के महानिदेशक डॉ. के. पी. सिंह ने इस अवसर पर सुझाव देते हुए कहा कि बच्चों के लिए बनाए गए कानूनों के क्रियान्वयन को सामाजिक संस्थाओं के हाथों में दे दिया जाए तो वे ज्यादा प्रभावी होंगे। उन्होंने कहा कि कानूनों में समय-समय पर बदलाव की आवश्यकता पड़ती रहती है इस पर भी विचार करने की जरूरत है। ऐसा करने से कानून में सुधार होगा।

इस अवसर पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की सदस्य श्रीमती ज्योतिका कालरा ने कहा कि यौन उत्पीडऩ के पीडित लडक़े व लडक़ी दोनों हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों के विरुद्ध हो रहे यौन उत्पीडऩ के मामलों को रोकने के लिए मानसिक और सामाजिक कारणों का पता लगाने की आवश्यकता है ताकि उन कारणों को दूर करने में मदद मिल सके।

उन्होंने कहा कि सभी सरकारें अपने राज्य में जागरूकता अभियान चलाये ताकि विभाग और सामाजिक संस्थाओं को इन एक्ट के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मिल सके और वे बच्चों के लिए सही कार्य कर सकें। उन्होंने राज्यों को अपने प्रांतों में सोशल ऑडिट को बढ़ावा देने के लिए भी जोर दिया।

इस कॉन्फ्रेंस में हरियाणा महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रधान सचिव डॉ. राजा शेखर वुंडरु, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के महासचिव श्री अम्बुज शर्मा, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के संयुक्त सचिव डॉ. रणजीत सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

इस अवसर पर हरियाणा महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक श्रीमती हेमा शर्मा सहित हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू- कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, चंडीगढ़ व दिल्ली से आये 127 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।

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