- June 2, 2018
मीडिया में हिंसा से सम्बद्ध समाचार प्रस्तुत करने की लगी है होड़ – मंत्री अनिता भदेल
माउन्ट आबू ( विकास पालीवाल )—— राजस्थान की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री अनिता भदेल ने भारत को आजादी दिलाने के लिए साहित्यकारों व पत्रकारों के बहुमूल्य योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि ये दोनों वर्ग नये भारत की सरंचना करने में एक बार फिर अहम भूमिका निभा सकते हैं।
आज ब्रह्माकुमारीज के ज्ञान सरोवर परिसर में मूल्य आधारित समाज के लिए मीडिया एजेन्डा की पुनर्रचना विषय पर संस्था के मीडिया प्रभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहलाने वाले मीडिया में हिंसा से सम्बद्ध समाचार प्राथमिकता से प्रस्तुत करने की होड़ लगी है।
सोशल मीडिया का जमाना आ गया है लेकिन इसमें भी कई कमियां हैं। जिनके बावजूद लोग उस पर ज्यादा विश्वास करने लगे हैं।
दीप प्रज्जवलित करके प्रारंभ किये गये सम्मेलन में उन्होंने कहा कि देवर्षि नारद प्रथम पत्रकार माने जाते हैं, वर्तमान समय में उनके आदर्शों को आचार संहिता के रूप में अपनाने की आवश्यऽता महसूस की जा रही है। प्रत्येक पत्रकार को यह सोचना होगा कि समाचार महत्वपूर्ण है या कि सामाजिक सरोकार । जिस तरह जीवन के हर क्षेत्र में मूल्यों में गिरावट अनुभव की जा रही है, उसे देखते हुए यह जरूरी है कि पत्रकार आत्मा की आवाज सुनें और समाज को सही दिशा देने के अभियान में ईमानदारी से सहयोग करें।
व्यवस्था सुधारने के लिए सकारात्मक सोच अपनाने का जो आहवान ब्रह्माकुमारीज संस्था द्वारा किया जा रहा है उससे जुडना समय की मांग है। संस्था के महासचिव बीके निर्वैर भाई ने वीडियो संदेश के माध्यम से कहा कि चारों तरफ तनाव का माहौल दिखाई दे रहा है। इसे कम करने के लिए जरूरी है कि नकारात्मकता को हावी न होने दिया जाए।
मीडिया देश की पैंसठ करोड़ युवाओं को सही दिशा निर्देश देकर घर-घर जागृति लाने के लिए संस्था द्वारा किये जा रहे प्रयासों में सहभागी बन सकता है। मीडिया प्रभाग के अध्यक्ष बीके करूणा ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज ने सरकार के साथ स्वच्छता, योग व जैविक कृषि अभियान को सफल बनाने में मीडिया के सहयोग से ठोस कदम आगे बढ़ाये हैं।
सोसायटी ऑफ मीडिया इनीशिएटिव फॉर वैल्यूज के राष्ट्रीय संयोजक प्रो. कमल दीक्षित ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज द्वारा मूल्य आधारित समाज की पुनर्रचना के लिए मीडिया को सशक्त मंच प्रदान किया जा रहा है। संवैधानिक अधिकारों का जब सर्वत्र हनन हो रहा नजर आता है तो यह हमारा नैतिक दायित्व है कि इस स्थिति में समाज के साथ उसी प्रखर उठ खड़े हों जिस तरह से निर्भया व आरूषि कांड में हमने दमखम दिखाया था।
राजस्थान विश्वविद्यालय में दूरसंचार विभागाध्यक्ष प्रो. संजीव भानावत, इंडिया टूडे के संपादक अंशुमान तिवारी ने भी मीडिया से सकारात्मक व सामाजिक सरोकार को अधिक महत्व देने का आहवान किया। मीडिया प्रभाग उपाध्यक्ष बीके आत्मप्रकाश ने कहा कि आध्यात्मिकता के समावेश से पत्रकार सामाजिक परिवर्तन लाने में महती भूमिजा निभा सकते हैं।