• May 15, 2018

लीड्स और ग्लासगों में निवेशकों से निवेश करने पर चर्चा–मुख्यमंत्री

लीड्स और ग्लासगों में निवेशकों से निवेश करने पर चर्चा–मुख्यमंत्री

चंडीगढ़———-हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं आधारभूत संरचना विकास निगम के प्रबंध निदेशक श्री टी.एल. सत्यप्रकाश को सभी आशयों और उद्देश्यों के लिए हरियाणा – लीड्स गेटवे पहल को आगे ले जाने नोडल अधिकारी नामित किया है।
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ब्रिटेन के लीड्स में संभावित निवेशकों के साथ बातचीत सत्र के दौरान यह घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने उद्योग एवं निवेशकों को हरियाणा में आने और निवेश करने को कहा।

राज्य इंजीनियरिंग, एयरोस्पेस, रक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी, औद्योगिक टाऊनशिपस और औद्योगिक कोरिडोर आदि के क्षेत्रों में निवेश के अपार अवसर प्रदान करता है।

उन्होंने कहा कि जबकि सहयोग की पेचीदगियों को दूर करने का कार्य मेरे अधिकारियों द्वारा किया जाएगा वहीं मैं आपको इस प्रयास में अपनी सरकार के पूर्ण सहयोग का आश्वासन देता हूँ।

मैं आज इस राऊंडटेबल पर आप लोगों के बीच उपस्थित होकर और हरियाणा राज्य में निवेश एवं सहयोग के प्रस्ताव पर चर्चा करके बहुत खुश हूँ। वास्तव में, निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मुझे गत सायं ग्लासगो से भारत लौटना था लेकिन एचएसआईआईडीसी के प्रबंध निदेशक श्री टी.एल. सत्यप्रकाश ने लीड्स में हमारा इंतजार कर रहे संभावित अवसरों पर विचार करते हुए मुझे अपने वापसी के कार्यक्रम को बदलने और लीड्स में आकर आपसे मिलने के लिए राजी कर लिया।

ग्लासगो में प्रवासी भारतीयों के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने विदेशों में भारत की सकारात्मक छवि बनाने के लिए उन द्वारा ब्रिटेन में निभाई जा रही भूमिका की सराहना की और राज्य सरकार द्वारा हरियाणा को एक निवेश अनुकूल राज्य बनाने के लिए उठाए गए कदमों को सूचीबद्ध किया।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में व्यापारियों, डॉक्टरों, इंजीनियरों और आईटी पेशेवरों के अतिरिक्त एडिनबर्ग में भारत की कौंसुल जनरल श्रीमती अंजू रंजन भी उपस्थित थीं।

उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों के बारे जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि सिंगल-रूफ प्रणाली लागू की गई है जिसके अंतर्गत औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए सभी आवश्यक मंजूरियां अधिकतम 45 दिनों के भीतर एक ही स्थान पर प्रदान की जा रही हैं।

45 दिनों से बाद, सभी मंजूरियों को स्वीकृति दे दी गई माना जाता है।

सरकार ने इंस्पेक्टर राज को समाप्त कर दिया है और स्व-प्रमाणीकरण की प्रणाली लागू की है।

5,000 करोड़ रुपये की परियोजना की स्थापना के लिए मांग-आधारित सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि प्रोत्साहनों से लैस नई उद्योग नीति और नई दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के राज्य के निकट होने के कारण हरियाणा उद्यमियों के लिए एक पसंदीदा स्थल के रूप में उभरा है।

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