- April 12, 2018
हरियाणा सडक़ सुरक्षा कोष नीति की मंजूरी
चंडीगढ़—- हरियाणा सरकार ने सडक़ सुरक्षा मानदंडों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए हरियाणा सडक़ सुरक्षा कोष नियम, 2018 तैयार किए हैं। सरकार ने पहले ही परिवहन विभाग के हरियाणा सडक़ सुरक्षा कोष की नीति को सैद्घांतिक मंजूरी दे दी है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में सडक़ सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के दिशानिर्देश और राष्ट्रीय सडक़ सुरक्षा परिषद की सिफारिशों के मद्देनजर इन नियमों को मंजूरी दी गई है।
हरियाणा सडक़ सुरक्षा कोष को सृजित करने का उद्देश्य सडक़ सुरक्षा और संबंधित गतिविधियों से संबंधित योजनाओं, परियोजनाओं और जागरूकता कार्यक्रमों को लागू करना हैै। इसका उद्देश्य वाहनों का सुरक्षित आवागमन और सडक़ उपयोगकर्ताओं की सभी श्रेणियों की सुरक्षित आवाजाही को सुनिश्चित कर आवश्यक कदम उठाना है।
यह कोष दुर्घटनाग्रस्त स्थानों की पहचान करेगा और सुधार के लिए कदम उठाएगा। इससे ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की प्रणाली में सुधार होगा। मंत्रिमण्डल ने विभिन्न विभागों में तालमेल करने के लिए सडक़ सुरक्षा प्राधिकरण के गठन को भी स्वीकृति प्रदान की है।
राज्य सरकार इस कोष के प्रबंधन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली एक समिति का गठन करेगी। समिति के अन्य सदस्यों में परिवहन, लोक निर्माण, स्वास्थ्य, गृह, शहरी स्थानीय निकायों, नगर एवं ग्राम आयोजना और वित्त विभागों के प्रशासनिक सचिव शामिल होंगे।
पुलिस महानिदेशक भी इसके सदस्य होंगे तथा परिवहन आयुक्त सदस्य सचिव होंगे। समिति के सभी सदस्य पदेन सदस्य होंगे। समिति द्वारा स्वीकृति किसी उद्देश्य के खर्च के मामले में परिवहन विभाग के प्रशासनिक सचिव को प्रत्येक मामले में अधिकतम 10 लाख रुपये की मंजूरी देने का अधिकार होगा।
परिवहन आयुक्त के कार्यालय में रोड सेफ्टी सेल के प्रत्येक मामले में 5 लाख रुपये तक के व्यय को आवर्ती और गैर-आवर्ती आवंटित करने के लिए सदस्य सचिव अधिकृत होंगे। समिति प्रत्येक तिमाही में कम से कम एक बार बैठक करेगी और स्वीकृत योजनाओं की वित्तीय जानकारी और प्रगति की कार्य योजना की समीक्षा करेगी। समिति द्वारा अनुमोदन के पश्चात सदस्य सचिव योजनाओं के वित्तपोषण के लिए एक औपचारिक प्रशासनिक और वित्तीय मंजूरी जारी करेगा।
माइनर हेड 101 (भारतीय मोटर वाहन अधिनियम के अधीन प्राप्तिायां) के तहत एक अलग सब-हेड (मोटर वाहन अधिनियम के अधीन चालान के कारण प्रशमन फीस) खोल दिया जाएगा जिसमें प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा एकत्रित राशि को जमा किया जाएगा। निष्पादन विभाग नियमानुसार राशि खर्च करेगा और सदस्य सचिव को उपयोग प्रमाण पत्र जमा करेगा। कोष के स्रोतों के रूप में, पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान एकत्रित फीस का 50 प्रतिशत और राज्य या केंद्र सरकार या किसी अन्य एजेंसी द्वारा किसी भी वित्तीय योगदान या अनुदान या दान के लिए एक बजेटरी प्रावधान बनाया जाएगा।
इस योजना के तहत दुर्घटनाग्रस्त स्थानों की पहचान की जाएगी और सडक़ दुर्घटनाओं से संबंधित डाटा एकत्र करने के लिए सडक़ दुर्घटना डेटाबेस प्रबंधन प्रणाली की स्थापना की जाएगी और सडक़ दुर्घटनाओं के विश्लेषण के लिए सडक़ दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने हेतु नीतियों का निर्माण किया जाएगा।