• March 24, 2018

विश्व क्षय रोग दिवसः वर्ष 2025 तक राजस्थान टीबी मुक्त

विश्व क्षय रोग दिवसः वर्ष 2025 तक राजस्थान  टीबी मुक्त

जयपुर——– चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री कालीचरण सराफ ने कहा कि प्रदेश में टी.बी. रोग की रोकथाम के प्रयासों के साथ जांच सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण हेतु विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। वर्ष 2025 तक प्रदेश में टी.बी. के उन्मूलन के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए विभाग एक नई दृष्टि, नई रणनीति के साथ सार्थक प्रयास कर रहा है।

श्री सराफ ने विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर जानकारी देते हुये बताया कि टी.बी. के रोगियों को नई तकनीक और उच्च गुणवत्ता की जांच सुविधाएं एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की देख-रेख में निःशुल्क दवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि राजस्थान में 848 माईक्रोस्कोपी केन्द्र सहित 2 हजार से अधिक टी.बी. उपचार केन्द्रों पर टी.बी.रोग की निशुल्क जांच एवं उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि राजस्थान में टी.बी. रोगियों की खोज एवं उपचार की दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है। उन्होंने बताया कि राज्य में मल्टी ड्रग रेजीस्टेन्ट टी.बी. की जांच के लिए कुल 48 सीबी-नाट लेबोरेट्रीज कार्यरत है। इन लेबोरेट्रीज में प्रतिमाह औसतन 6 हजार 566 टेस्ट हुए हैं।

उन्होंने बताया कि टी.बी. उन्मूलन कार्य में निजी चिकित्सालयों एवं निजी चिकित्सकों का भी सक्रिय सहयोग लिया जा रहा है। विभाग द्वारा किये गये प्रयासों से वर्ष 2015 की नोटिफिकेशन दर 16 प्रतिलाख से बढ़कर वर्ष 2017 में 29 प्रतिलाख अर्जित की गई है। कार्यक्रम में निजी दवा विक्रेताओं की सहभागिता के लिये गत 3 माह में 25 कार्यशालाओं का आयोजन किया जा चुका है।

श्री सराफ ने बताया कि एमडीआर रोग के जटिल और लम्बी अवधि ( 24-27 माह) तक चलने वाले उपचार से मरीजों को होने वाली परेशानी से राहत देने के लिये शार्टर एमडीआर-टीबी रेजीमन दवा प्रणाली राज्य में लागू की जा रही है। इसके तहत अब चिन्हित एमडीआर-रोगियों को 24-27 माह की जगह सिर्फ 9 से 11 माह ही उपचार लेना होगा। मई, 2018 तक यह योजना चरणबद्ध तरीके से पूरे राज्य में उपलब्ध करवा दी जायेगी।

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में एमडीआर रोगियों की खोज गतिविधियों में विस्तार करते हुए यूनीर्वसल-डीएसटी कार्यक्रम प्रारम्भ कर रोगियों के आसपास रहने वाले लोगों की भी स्क्रीनिंग की जा रही है।

एमडीआर रोगियों के उपचार हेतु बिडाकुलीन और डेलामिनाइड दवाओं को भी उपचार में शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि टी.बी. रोग जिस तरह लोगों के जीवन पर समाज के स्वास्थ्य पर असर डालती है, उसे दृष्टिगत रखते हुए इस रोग को जड़ से मिटाने हेतु व्यापक स्तर पर विशेष सतर्कता बरतते हुये कार्यवाही की जायेगी।

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