- March 9, 2018
राष्ट्रीय पोषण मिशन –बेटियां बोझ नहीं हमारी आन-बान-शान – प्रधानमंत्री
जयपुर———– प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर देश को दो नई सौगातें दीं। राजस्थान के झुंझुनूं की धरती से गुरुवार को ’बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के पूरे देश में विस्तार तथा राष्ट्रीय पोषण मिशन का शुभारंभ करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बेटियां बोझ नहीं हमारी आन-बान-शान होती हैं।
उन्होंने कहा कि देश को कुपोषण से मुक्त करने और कन्या भू्रण हत्या जैसी विकृति के उन्मूलन के लिए देश के हर परिवार को साथ आना होगा।
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री को दी जन्मदिन की बधाई
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में अपने सम्बोधन की शुरूआत मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे को जन्मदिन की बधाई और शुभकामनाएं देकर की। विशाल जन समुदाय को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत झुंझुनूं के शानदार काम की सराहना करते हुए कहा कि यहां की उपलब्धि ने मुझे आज इस धरा पर आने को मजबूर कर दिया। मैं आज इस पावन धरा की माटी को अपने मस्तक पर चढाने आया हूं।
झुुंझुनूं झुकना नहीं, जूझना जानता है
प्रधानमंत्री ने कहा कि समाज सेवा हो या शिक्षा, दान-पुण्य हो या देश के लिए मर-मिटने की बात, युद्ध हो या अकाल, झुंझुनूं झुकना नहीं जूझना जानता है। झुंझुनूं से जो यह पुनीत काम शुरू हो रहा है उसे हमें जन आंदोलन बनाना है।
’बेटा-बेटी एक समान’ की भावना से चलें
श्री मोदी ने कहा कि हमारे देश में कई पीढ़ियों से विकृत मानसिकता और समाजिक बुराइयों के कारण बेटियों को जन्म नहीं लेने देने का जो सिलसिला शुरू हुआ उससे समाज में असंतुलन पैदा हुआ। उन्होंने कहा कि बेटियों को बेटों के समान जन्म लेने और शिक्षा के अवसर देने की भावना से चलेंगे तो कई पीढ़ियों में आए इस अंतर को हम आने वाली एक-दो पीढ़ियों में ही मिटा सकते हैं।
देश को करेंगे कुपोषण मुक्त
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने महिला एवं बाल विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, पेयजल एवं स्वच्छता जैसे विभागों को एक ही प्लेटफार्म पर लाकर देश को कुपोषण मुक्त बनाने की एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की है। हमारा लक्ष्य है कि वर्ष 2022 तक देश में कुपोषण दर 38 से घटाकर 25 प्रतिशत तक लाएंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए राष्ट्रीय पोषण मिशन पर 9 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
200 बेटियों और माताओं से किया संवाद
प्रधानमंत्री ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के शुरू होने के बाद पैदा हुई 200 बेटियों एवं उनकी माताओं से संवाद किया। उन्होंने नन्ही-नन्ही बच्चियों को दुलारा और उनकी बाल सुलभ शरारतों को देखकर खुश हुए। श्री मोदी ने माताओं से संवाद करते हुए कहा कि आप इन बेटियों को पढ़ाने और आगे बढ़ाने के पूरे अवसर दें।
झुंझुनूं और सीकर सहित दस जिलों के कलेक्टर सम्मानित
श्री मोदी ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने पर देश के दस जिलों के कलेक्टरों को सम्मानित किया। उन्होंने रायपुर (छत्तीसगढ़) की कलेक्टर शम्मी अबीदी, सीकर के कलेक्टर नरेश कुमार ठकराल एवं पूर्व कलेक्टर एलएन सोनी, बीजापुर (कर्नाटक) के शिव कुमार केबी, नॉर्थ सिक्किम के कर्मा आर बोनपो, तरनतारन (पंजाब) के प्रदीप सब्बरवाल, हैदराबाद (तेलंगाना) की डॉ. योगिता राणा, सोनीपत (हरियाणा) के मकरंद पाण्डुरंग, अहमदाबाद की अवंतिका सिंह, झुंझुनूं कलेक्टर दिनेश कुमार यादव, उधमपुर (जम्मू-कश्मीर) के श्री रविन्द्र कुमार को सम्मानित किया।
प्रधानमंत्री ने इस अभियान के तहत आयोजित फोटो प्रतियोगिता के विजेता उधमपुर के मुकेश गौतम तथा राष्ट्रीय पोषण मिशन की लोगो प्रतियोगिता की विजेता गरिमा जैन को भी सम्मानित किया। इससे पहले उन्होंने सम्मानित होने वाले कलेक्टरों से संवाद किया। प्रधानमंत्री ने समारोह में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की फोटो पुस्तिका का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को ‘पेंटिंग शेखावाटी’ पुस्तक भेंट की।
विकास की कलम से राजस्थान में फिर से लिखेंगे जीत का अध्याय – मुख्यमंत्री
झुंझुनूं में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने बेटियों और महिलाओ को आगे बढ़ाने का जो सपना देखा है उसे साकार करने में हम कोई कसर नही छोडेंगे। हम फिर से आपके नेतृत्व में देश और प्रदेश में विकास की कलम से जीत का अध्याय लिखेंगे।
प्रधानमंत्री जी ने राजस्थान को चुना, यह गर्व की बात
श्रीमती राजे ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि राष्ट्रीय पोषण मिशन और बेटी बचाओ-बेटी पढाओ अभियान जैसे राष्ट्रीय महत्व के कार्यक्रमों के लिए उन्होंने राजस्थान को चुना। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्रीजी ने महिलाओं के सशक्तीकरण का जो बीड़ा उठाया है उससे उनके जीवन में बड़ा बदलाव आया है।
हम मोदीजी के सशक्त भारत के संकल्प को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोडेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में राजस्थान अग्रणी राज्य बन गया है। राजश्री योजना हो या मेधावी बालिकाओं के लिए एक लाख रूपए देने वाली पदमाक्षी योजना, बेटियों को सशक्त बनाने के लिए हम हर वह काम कर रहे हैं जिससे राजस्थान की महिलाओं का स्वाभिमान और गौरव बढ़ा सकें।
बेटियों को 9 हजार स्कूटी और 11 लाख साइकिलें
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में मेधावी बालिकाओं को आगे बढ़ने के लिए चार साल में 43 हजार लेपटॉप, 9 हजार स्कूटी और 11 लाख से अधिक साइकिलें बालिकाओं को दी जा चुकी हैं। हमारा प्रयास है कि बेटियों को भविष्य निर्माण के लिए तमाम अवसर और सुविधाएं मिलें।
रोल मॉडल बन रहीं हमारी बेटियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में राजस्थान की बेटियां रोल मॉडल के रूप में उभरी हैं। झुंझुनूं की मोहना सिंह फाइटर जेट उड़ाने वाली देश की प्रथम तीन महिलाओं में से एक है। इसरत अहमद सेना में तैनात पहली मुस्लिम महिला कमीशन्ड ऑफिसर है।
उन्होंने बालिका शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए झुंझुनूं के गणितज्ञ डॉ. घासीराम वर्मा की सराहना की। श्रीमती राजे ने कहा कि उदयपुर की मीरा बाई हैडपम्प मैकेनिक है तो हीना कल्ला दृष्टिहीन होने के बावजूद आरएएस बनी हैं। डूंगरपुर की आदिवासी महिलाएं स्वयं सहायता समूह के माध्यम से सोलर लैम्प बनाकर देश की महिलाओं के लिए प्रेरणा बनी हैं।
बालिका ले जन्म, इसके लिए हर जिले मे नवाचार
श्रीमती राजे ने कहा कि बालिकाओं के जन्म को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश के कई जिलों में नवाचार हुए हैं। राजसमंद की पीपलांत्री पंचायत में तो हर बालिका के जन्म पर 111 पौधे लगाए जाते हैं। इस पंचायत में अब तक 3 लाख 50 हजार पौधे लगाए जा चुके हैं। गंगानगर, भरतपुर और दौसा में सामूहिक विवाह के दौरान बेटी बचाने के लिए 8 वां फेरा लिया जाता है।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका गांधी ने कहा कि बेटी बचाओे-बेटी पढ़ाओ अभियान से देश के कई जिलों में लिंगानुपात में सुधार आया है। अब इस अभियान को सभी जिलों में लागू किया जा रहा है। उन्होंने राजस्थान में इस क्षेत्र में हुए काम के लिए मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की प्रशंसा की।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती अनिता भदेल, नीति आयोग के सदस्य श्री विनोद कुमार पॉल, सांसद श्रीमती संतोष अहलावत, विधायक श्री अशोक परनामी भी मंच पर उपस्थित थे।